Tuesday 12 June 2012

aalok milta nhi .................

करोडो तारे मिलकर सूरज नही बन पाते है ,
हर रात में सुबह के ही तस्सवुर आते है ,
तुम भी बन कर देखो तारो से इतर जीवन ,
ये मौके बार बार आलोक मिल नही पाते है | ...............................शुभ रात्रि या हम मानव होने का पूरा मतलब समझ रहे है ??????????? खाना तो चीटी भी कल की चिंता में बटोरती है | अपना घोसला तो चिडिया भी बनाती है | अपने बच्चो की रक्षा और उन्हें पैतरेबाजी तो हर जानवर सिखाता है | फिर हम मानव क्यों है ???????????? थोडा यही सोचते हुए सोइए आज ......अखिल भारतीय अधिकार संगठन

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