Tuesday 10 September 2013

भगवान बनने का लालच है हमको


भगवान बनने का सुनहरा मौका ......
आज मैं भूतनाथ पर बजरंगबली से मिलने गया ( वैसे तो जितने काले दिल , बदमाश और समाज के अराजक तत्व है सभी उनको अपने घर में लगाये मिल जाते है शायद इसी लिए मेरे घर में उनकी फोटो नहीं है )मैं वह खड़ा ही था कि बहरत माँ फटी धोती में एक बच्चा ( शायद भारतीय ) गोद में एक पेट के अंदर , एक कटोरा लिए और एक किसी से कुछ पा गया था तो शायद क्वालिटी चेक कर रहा था ...............मेरे पास आकर कहने लगी भैया कुछ हमको भी खाने को दे दो बच्चे भूखे है ..................मैंने भारत माँ को देखा और उनके शरीर पर जनसंख्या का बोझ  देखा फिर एक दार्शनिक नेता की तरह बोला माँ आप ने इतनी जनसँख्या क्यों बढ़ा ली देखिये मैंने महगांई  के डर से आज तक शादी नहीं की और आप जनसंख्या बढ़ाये जा रही है जब मैं अपने बच्चे पैदा करने की ताकत ( अब परीक्षा मत ले लीजियेगा वरना एक बोझ और बढ़ जायेगा ) नहीं है तो मैं  आपके बच्चे का दर्द क्या समझूंगा मैं कोई नेता तो हूँ नहीं जो आप पर दया करके लैप टॉप दे दू ( खाना तो देने से रहा ) या फ़ूड बिल  लाकर मुफ्त में खाना बाटूँ..................मेरी बात सुन कर भारत माँ बोली ................तुम इस देश के दुश्मन हो वो तो हम लोग ( देश के तमाम गरीब जिनके ७ से १० बच्चे है ) है जिनके दम पर देश जब देखो चिल्लाता रहता है कि विश्व में सबसे ज्यादा युवा हमारे देश में है और अगर इतने युवा हम न देते तो क्या इस देश में इतनी पार्टी बना पाती .................तुम क्या समझते हो चीन आक्रमण सेना से डर कर नहीं कर रहा आरे वो तो हमने इतनी जनसँख्या बढ़ा दी है कि डर के मारे वो आक्रमण नहीं कर रहा है ..................सारे नेता दरिद्र नारायण के घर न जाये तो संसद का मुह तक न देख पाए तो देश में भारत रत्न कौन ????????????हम देश भक्त कौन ???????????????हम तुम क्या जानो मेरे शरीर के चारो तरफ चीलर की तरह जो जनसँख्या लिपटी है उसी से तुम्हारे  घर बर्तन साफ़ होते है कपडा धुलता है .....................चले आये बात करने देश के लिए सोचो और शादी करके युवा पैदा कर डालो भले कहने को नहीं रहेगा पर देश में आदमी तो रहेगा और आदमी आदमी के कम नहीं आएगा तो किसके आएगा क्या कभी गोश्त नहीं खाया क्या ???????? तुमको कुछ मालूम भी है इस देश का हर महापुरुष अपने माँ पिता की पहली संतान नहीं था ६ वी या १० वी संतान थी तो क्या पता मैं भी कोई महापुरुष पैदा कर दू वैसे भी इस देश में कंश और रावन ही शासन करते आये है राम कृष्ण को तो भटकना पड़ा है ....और मैं भी इनके ( बच्चो ) के साथ भटक रही हूँ ......................और बच्चे तो भगवन की मूरत होते है और तुम मंदिर के सामने खड़े हो पर भगवान को दुनिया में नहीं लाना चाहते ..............फिर भगवान को १४ वर्ष जंगल में रहना आना चाहिए तो हम क्या करे चिंता मैं सिर्फ माँ ( भारत ) हूँ मैं कैसे भगवान को पैदा करने का श्रेय छोड़ दूँ , ..............जी मैं समझ गया माँ आप ही भारत माँ है तभी तो भगवान हजारो में होते जा रहे है .............और मैं चल दिया ..............खा चले भारत माँ चिल्लाई ...............भगवान को ढूंढने...................क्या आप के घर पर भी भगवान के आने की तैयारी हो रही है .........अब समझ गए ना कि भगवान की संख्या हजारो में क्यों है ??????? चुनाव आ रहे है भगवान के सहारे ही न जाने कितनी पार्टी अपने जीवन को सवारेंगी ................भगवान तो  प्रेम के भूखे है उनको पानी बिजली , भोजन से क्या मतलब ........वो तो भक्त ( नेता जब एक झोपडी के आगे हाथ जोड़ कर वोट मांगता है तो चिथड़ो में लिप्त गरीब भगवान इसी में खुश हो जाता है कि नेता जी हमरे घर आये रहे ) के प्रेम में डूबा है और भक्त भगवान के सहारे वो हर पद पा लेता है जिसको भगवान ???????????????????? क्या आप भगवान इस बार भी चुनाव में बनने जा रहे है ( व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )

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