Friday 1 August 2014

पंचमी से पंचनामा तक

पंचमी से पंचनामा तक ...............
आज नाग पंचमी है जिसे गुड़िया भी कहते है | बसंत पंचमी हो या ऋषि पंचमी या नाग  पंचमी , महत्त्व तो सभी का है और हो भी क्यों ना अखित हमारा शरीर भी पांच तत्वों से मिल कर बना है और हाथ में पांच उँगलियाँ भी है अब जब सब पञ्च मय है तो पांच उँगलियों का जादू कैसे पीछे रह जाये ! अक्सर लोग जानना चाहते है कि मनुष्य बन कर क्या फायदा मिला ? वैसे तो आप पृथ्वी के सबसे बुद्धिमान प्राणी है पर नमक मिर्च लगी बाते तो दूसरे से सुनने में ही मजा आता है ! अब देखिये सरे जानवर सीधे खड़े तक नहीं हो पाते एक मनुष्य ही तो है जो सीधे खड़ा हो पाया पर इसका जादू आपको पता है ? नहीं ना ! आरे उसके दोनों हाथ स्वतंत्र हो गए ! यानि इन्ही हाथो के कारण उसने दुनिया ही बदल डाली लेकिन जो कोहिनूर हीरा उसको मिला वो था किसी लड़की का बलात्कार !!!!!!!! है न अच्छी बात इन्ही पांच उँगलियों वाले हाथ से किसी लड़की का दोनों हाथ पकड़ सकते है आपका कोई मित्र लड़की का पैर पकड़ सकता है और एक मुहं दबा सकता है और आप इन्ही दो हाथो के बीच दरंदगी की का शिकार एक लड़की को बना सकते है , है ना मनुष्य के खड़े होकर चलने का मजा ! क्या मजाल जो इतना अद्भुत करतब एक शेर शेरनी के साथ दिखा सके | अब तो समझ गए ना पांच का महत्व पांच तत्व से बने शरीर और पांच उँगलियों का जादू ! पर शायद आप भूल गए की पंचमी तो स्त्री लिंग है और जब तक स्त्रीलिंग को आप अपने शौर्य , से पुल्लिंग में ना बदल दे तो मजा ही क्या और लीजिये जो लड़की आपके पांच तत्वों से तैयार शरीर और पांच उँगलियों के बीच फास कर तड़प रही थी उसने दम तोड़ दिया और आपकी इच्छा हो गयी पूरी पंचमी का अब पंचनामा होगा क्या बात है पहले जिन्दा पर चीरी गयी  अब मर कर चीरी जा रही है पर आपको इन सबसे क्या मतलब पंचमी तो पंचनामा में बदल गयी | आरे आप मेरी बातों में कहा फास गए वो देखिये गुड़िया पीटी जा रही है वहा वहा चौराहे पर आप भी जल्दी से डंडा लेकर जाइये आखिर यही से तो आपको शिक्षा मिलेगी कि घर से लेकर चौराहे तक गुड़िया कैसे पीटी जाती है यही तो है पंचमी का मजा और मजे के बाद सिर्फ पंचनामा ! अब जो बचपन से सीखा वही तो जिंदगी भर निभाएंगे ? देखिये वो एक गुड़िया अकेली जा रही है ? कर दीजिये पंचमी का आज पंचनामा और बन जाइये दो हाथो पर चलने वाले वो जानवर जो इस दुनिया में आपने अपने सिवा किसी को बनने नहीं दिया आखिर जानवर कि क्या औकात जो आदमी बने | पंचमी पर सिर्फ आपका अधिकार है क्योकि पंचनामा तो सिर्फ आदमी ही कर सकता है ( व्यंग्य समझ कर पढ़िए )

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