अखिल भारतीय अधिकार संगठन की भारतीय सेना के लिए गरिमामयी सफलता
संगठन ने हमेशा यही चाहा है कि वो सदैव राष्ट्र के लोगो की गरमी और अधिकार के लिए काम करें |
घटना ये है कि लगातटर पीडी लाइट एडहेसिव वाले एक विज्ञापन में ये दिखाते थे कि बाघा बॉर्डर पर एक भारतीय सैनिक पाक सैनिक के जूते जोड़ता है और संगठन को लगता था कि ये भारतीय सेना का अपमान है और इसी लिए पहले देश के प्रधान मंत्री को लिखा गया | फिर एक पोस्ट भी लिखी गयी " भारत के सैनिक पाक सैनिक के जूते जोड़ते है " इस व्यंग्य का भी काफी असर रहा और उसके बाद भारतीय सेना के वेबसाइट पर जाकर कांटेक्ट अस पर जाकर विरोध दर्ज किया है |मुझे ख़ुशी है कि संगठन के इतने लम्बे प्रयास के बाद ऐसा आपत्ति जनक विज्ञापन बंद कर दिया गया है | आप सभी को इस मुहीम में साथ देने के लिए बधाई अगर किसी भारतीय को फिर ये विज्ञापन दिखाई दे तो तुंरत मेरे या संगठन के फेस बुक पर लिखे | आइये हम सब मिल कर अखिल भारतीय संगठन के साथ देश के लिए काम करें | डॉ आलोक चांटिया
अखिल भारतीय अधिकार संगठन
संगठन ने हमेशा यही चाहा है कि वो सदैव राष्ट्र के लोगो की गरमी और अधिकार के लिए काम करें |
घटना ये है कि लगातटर पीडी लाइट एडहेसिव वाले एक विज्ञापन में ये दिखाते थे कि बाघा बॉर्डर पर एक भारतीय सैनिक पाक सैनिक के जूते जोड़ता है और संगठन को लगता था कि ये भारतीय सेना का अपमान है और इसी लिए पहले देश के प्रधान मंत्री को लिखा गया | फिर एक पोस्ट भी लिखी गयी " भारत के सैनिक पाक सैनिक के जूते जोड़ते है " इस व्यंग्य का भी काफी असर रहा और उसके बाद भारतीय सेना के वेबसाइट पर जाकर कांटेक्ट अस पर जाकर विरोध दर्ज किया है |मुझे ख़ुशी है कि संगठन के इतने लम्बे प्रयास के बाद ऐसा आपत्ति जनक विज्ञापन बंद कर दिया गया है | आप सभी को इस मुहीम में साथ देने के लिए बधाई अगर किसी भारतीय को फिर ये विज्ञापन दिखाई दे तो तुंरत मेरे या संगठन के फेस बुक पर लिखे | आइये हम सब मिल कर अखिल भारतीय संगठन के साथ देश के लिए काम करें | डॉ आलोक चांटिया
अखिल भारतीय अधिकार संगठन
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