Tuesday 30 July 2013

कौन दिल में रहने लगा है ????

जो मेरे जख्म में रहने लगा है ..........
वही उसको नासूर कहने लगा है .......
मेरा खून पीकर भी मेरा ना हुआ ......
मेरे दिल तू ये क्या सहने लगा है ........शायद ही मैं किसी को यह समझा पाऊ कि उन बच्चो को क्या कहा जाये जो अपने माँ बाप के खून से तैयार होकर भी उनके लिए नहीं जीते .........पत्नी का सिंदूर भी पति को बांध नहीं पता और ये सब एक कीड़े कि तरह घाव में रहने लगते है .........और इस तरह के लोगो को सहते हुए जिन्दगी गुजर दी जाये ...इस के अलावा कुछ भी नहीं रह जाता है हाथ में ...शुभ रात्रि

Tuesday 23 July 2013

फिर उजाले से क्यों डरते हो

रात फिर मुझे अकेला कर रही है ..........
दुनिया में ही सब से दूर कर रही है .......
सामने होकर भी सबसे दूर हो रहे .....
नींद  इस कदर मजबूर कर रही है ........
कितने विश्वास से आँख बंद हो रही ......
कल खुलेंगी इसी  लिए सो रही है .......
मिलेंगे कितने खुली आँखों से फिर ....
रिस्क को लेकर खुद से  खो रही है .....
जब सपनो का सफ़र अकेले चले हो ........
फिर किसी की इच्छा क्यों हो रही है ........
जब काट देते हो कालिमा इस तरह से ...
उजाले से क्यों फिर घबराहट हो रही है.... जब हम सब रात के अँधेरे को अकेले सोकर काटने का सहस रखते है तो फिर दुइअ के उजाले में आने वाले किसी भी स्थिति को देख कर भाग क्यों पड़ते है .....मुकबला करिए ..हम मनुष्य है .....शुभ रात्रि 

Saturday 20 July 2013

तिमिर से जीवन बनता है

भोर तिमिर की आशा से ही आता है ......
किलकारी गर्भ का तम हमे सुनाता है .....
पश्चिम में डूबा सूरज पूरब की खातिर ....
तारों को तब  जीवन जीना आता है
जीवन के अंदर धुन मौत की बजती है .....
आंसू में सूरत किसी की ही सजती है  ......
जब भी न रहे आलोक जीवन में तेरे  ......
मान लेना अंधेरो में जिन्दगी बनती है ......... जीवन में आअने वाले हर विपरीत परिश्थिति को अगर आप अपनी तरह नहो मोड़ पा रहे है तो आप को अभी मानव बनने में और समय चाहिए .................मुकाबला करना ही मानव की फितरत है .शुभ रात्रि


Friday 19 July 2013

काँटों को मैंने देख देख..........,
फूल सा जीवन सीख लिया ........
बिना सरसता रेत से मैंने .....
एक घर बनाना सीख लिया .......
तपते जीवन को सूरज सा पा.......
दुनिया को चमकाना सीख लिया .....
क्यों डरते हो कमी से आलोक ........
अँधेरे में जुगुनू बनाना सीख लिया .................आपकी कोई भी कमी आपको एक बेहतरीन जीवन का मर्म दे सकती है अपनी कमी को जान कर काँटों के बीच गुलाब  का जीवन जीना  सीखिए .....शुभ रात्रि

Thursday 18 July 2013

path ke rahi

जिन राहों पर फूल बिछे हो ......
उन राहों का मैं क्या करूँ ..............
काँटों पर चल कर ना पाऊं .........
वो प्रगति का मैं क्या करूँ ........
बूंद बूंद कर खुशियों को मांगू........
हो सागर तो मैं क्या करूँ ................
मुट्ठी में गर बंद आलोक हो ........
ऐसे अंधेरो का मैं क्या करूँ ............मुझको मालूम है कि एक अच्छे काम करने के लिए कितने संघर्ष करने पड़ते है दुनिया को किलकारी देने वाली माँ ही जानती है कि उसने एक शरीर को बनाने  में कितने दर्द और अपना खून मांस  लगाया है ..........शुभ रात्रि

Wednesday 17 July 2013

आँखों पे भरोषा मत करना

जो भी देखा आँखों से देखा .....
ये किसको सच तुम मान रहे ........
आकाश का रंग काला ही होता ....
पर उसको भी नीला मान रहे ......
आँखों का क्या जब रेत को देखे ...........
पानी का भ्रम पैदा कर देती है  ............
तड़प तड़प कर पथिक है मरता .....
रेगिस्तान भेज जब देती है .........
आँख की भाषा पड़कर जब ....
प्रेम किसी को लगता है ......
सूनी आँखों में विरह था वो .....
जो राधा को विकल करता है .....
आज फिर न कर लो आलोक ........
विश्वास इन बेवफा आँखों पर ........
देश नहीं हाहाकार  बढ रहा ........
प्रगति विनाश की राखो पर ....................आँखों से नहीं बल्कि सच को खुद जानने की कोशिश करिए ताकि देश को सही हाथो में देकर हम अपने कल को खुद सुनिश्चित कर सके ..........शुभ रात्रि



Tuesday 16 July 2013

खर्च हो रहा है

दिल खर्च हो रहा है ....
दिमाग खर्च हो रहा है ..........
उम्र भी खर्च हो रही है .......
सांस भी खर्च हो रही है .....
कहा तक बताऊ किसी को .....
सब कुछ खर्च हो रहा है ..........
कंगाल होते जिस्म को ......
भला कौन सोच रहा है ............
कोई हमको नोच रहा है ....
कोई तुमको नोच रहा है .....
कोई कल की सोच रहा है .........
कोई आज को सोच रहा है ......
खर्च हो चुके कितना हम .....
आलोक कितना सोच रहा है ............हम अपने पैसे , माकन , धन के बारे में तो रात दिन चिंतन करते है ...पर शरीर को न जाने कौन सा कुबेर का खजाना समझते है कि इसके लिए सोचते ही नहीं और न जाने कितने अपने सपनो को कंगाल बना कर रुखसत हो जाते है ................शुभ रात्रि