Monday 24 February 2014

हमारे देश में एक मान्यता है कि औरत की कोई जाति नही होती है और भारत जिसे माँ कहते है वो भी एक औरत ही है तो उसकी भी कोई जाति नहीं होगी कम से कम आप भारतीये तो यह मानते होंगे और मानना भी चाहिए कि हम सब इसी देश भारत ( औरत ) की संतान है और जब औरत कि कोई जाति नहीं होती है तो भारत की भी कोई जाति नहीं है और जब चुनाव आता है तो आप जाति देखने लगते है तो क्या तब हम सब अपनी माँ ( भारत ) को गली या अपमान नहीं कर रहे होते है और अगर यह सच है तो इस बार यह गलती सुधार लीजिये और सिद्ध कीजिये कि जब औरत की कोई जाति नहीं होती है तो हम चुनाव में किसी को जाति के आधार पर वोट नहीं देंगे बल्कि सिर्फ मनुष्य को देख कर मत करेंगे क्या इस बार का चुनाव अपने देश की ही इस मान्यता के अनुसार हो सकता है या हम कहते है कुछ और करते है कुछ और ...सोचिये और बनिए एक समर्थ भारत अपने वोट से




Saturday 22 February 2014

Vote and women

वर्ष १९२९ तक विश्व के कई देशो में औरत को ना तो मनुष्य माना जाता था और न ही उनको कोई वोट देने का कोई अधिकार था और अपने को मनुष्य की श्रेणी में लाने के लिए काफी संघर्ष किया तब कही जा कर महिला को पुरुष के बराबर सम्मान मिल सका पर भारत में महिला को कभी इस तरह का संघर्ष नहीं करना पड़ा पर इतना जरुर है कि पति को परमेश्वर समझने वाली औरत को कभी घर से ज्यादा कुछ समझने का मौका ही नहीं मिला और जो पुरुष ने कहा औरत ने आँख बंद करके कर दिया पर हमारी संस्कृति में बताया गया है और हमने माना भी है कि धर्म , अर्थ काम के सन्दर्भ में औरत ही पुरुष को रास्ता दिखाती है पर वास्तविकता में औरत यह ना जानती है ना खुद मानती है पर आज देश के धर्म , अर्थ काम को रास्ते की दरकार है और इसके लिए औरत को अपनी क्षमता का ज्ञान करना चाहिए और इस बार किसी की अनुगामी बन कर नहीं अपनी क्षमता का प्रयोग करके देश की उन्नति के लिए वोट करना चाहिए | अगर देश की औरत इस बार देश के मतदान में अपनी बुद्धि का प्रयोग कर ले गयी तो ५० % का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला इस देश का इतिहास बदल कर एक सक्षम सरकार को बनाने में अपना योगदान अपने वोट से करेगी | क्या महिला अपनी क्षमा का लिटमस टेस्ट इस बार करेंगी और देश को पूर्ण बहुमत की सरकार देने में इस देश का मदद करेंगी

Friday 21 February 2014

अंग्रेजो ने नहीं आपके देश के नेताओ ने भी हम सब को रोटी और जीने की जुगत में इतना उलझा दिया कि कभी आप यह जान या सोच ही नहीं पाये कि दुनिया के कई देशो के लोगो को वोट डालने के लिए भी खून की होली खेलनी पड़ी है और लम्बे लम्बे आंदोलन किये है तब कही जाकर उनको उनके देश का नागरिक माना गया और तब कही जाकर वो देश की मुख्य धारा में शामिल हुए और मानवाधिकार के तीसरी श्रेणी के अधिकार स्व निर्धारण का अधिकार प्राप्त किया पर आप तो उस देश के नागरिक है कि १९३५ से आज तक आपको अपने वोट के लिए कभी युद्ध नहीं लड़ना पड़ा लेकिन जरा उन देशो के लोगो की क़ुरबानी और दर्द को सोचिये जो यह जानते थे कि देश की मुख्य धारा का मतलब क्या होता है एक वोट का महत्त्व क्या होता है और उनकी उस ख़ुशी का आपको शायद आभास नहीं है जब उनको अपना मत डालने का अधिकार मिला लेकिन अगर आपको यह वरदान मुफ्त यानि बिना किसी संघर्ष के मिला है तो उसके मूल्य को क्यों गिरा रहे है ऐसे अमूल्य मत से आप देश के प्रतिनिधि बल्कि अपना भविष्य भी चुनते है क्या आप अपने भविष्य को बर्बाद करने के लिए स्वयं कार्य करना चाहते है ? नहीं तो फिर वोट का प्रयोग देश के लिए और देश के लोगो के लिए सोचने वालो को दीजिये ये देश नेता का नहीं आपका है और आप उन्हें बिना किसी मूल्य के मत को दान करते है पर दाल उनको करिये ना जिनको जरूरत हो और जो उसका बेहतर उपयोग कर सके ................

बच्चे या भगवन ?????

बचे तो भगवान की मूरत होते है !!

चाइल्ड इस द फादर ऑफ़ मैन( बच्चा आदमी का बाप होता है ) ऐसा मैं नहीं दिनिया कहती है पर भारत एक हाथ और आगे जाकर कह डालता है बच्चे भगवान की मूरत होते है और तो और भारत जगत गुरु भी इसी लिए कहलाता है क्योकि यहाँ पर बच्चे को १८ साल से पहले ना तो वोट डालने का अधिकार है और ना ही उसको लाइसेंस १८ साल से पहले मिल सकता है | आपके बच्चे कि क्या मजाल जो लड़की १८ से पहले और लड़का २१ साल से पहले शादी कर  ले क्योकि आप तो कानून जो पता है कि यह करना अपराध है | चलिए एक बात और बता ही देता हूँ कि चाइल्ड राईट कमीशन की धारा १ में अनुसार १८ वर्ष से पहले आप के घर का लड़का लड़की बच्चा ही समझा जायेगा पर घबराइये नहीं एक काम ऐसा भी है जो बच्चे १८ साल के पहले इस देश में करते भी है और उनको अपराधी नहीं और अपराध के लिए सजा नहीं सुधार घर भेज दिया जाता है | बलात्कार , लूट , हत्या वाहवाह क्या बात है भला इस देश में १८ साल से कम वाले को सजा कैसे हो सकती है क्या इतनी औकात है हमारी कि भगवान को सजा दे सके कोई ? यही नहीं अगर ७ साल का आपका बच्चा है तो वह किसी अपराध का गवाह बन सकता है पर खुद के अपराध के लिए १८ तक मुक्त तो हुआ न नोखा देश और अनोखी बात ? अब ये ना कहने लगिएगा कि आप अब समझ पाये कि आज कल के बच्चो में अपराध क्यों बढ़ गया है क्योकि ये अपराध है ही कहा उनमे तो अपराध नहीं सुधार होने की सम्भावना ज्यादा है वैसे भी भगवान के लिए बोलने की ताकत आप में कहा ? आप तो तभी बोल पाएंगे ना जब वो आपके देश में नागरिक बन पाये यानि ऐसा मनुष्य बन जाये जिसकी उम्र १८ साल हो जाये ! पर रुकिए रुकिए हमने तो सुना है की जब जब धर्म की हानि होती है तब तब भगवान अवतार लेते है तो वो कौन है जिनको ( बच्चे ) हम भगवान की मूरत कहते है क्या हम सच ही बोलते है ?( व्यंग्य समझ कर पड़िये )

Wednesday 19 February 2014

मत का दान मत करिये

ये कैसा देश हम लोग बना पाये है आप एक काम गलत कर दे तो नौकरी से हाथ धो दे तो हमारे देश वो कौन है जो १९४७ से इस देश में कुछ भी पूरा नहीं कर पाये और हीर भी हर बार संसद में पहुच जाते है पर क्या गलती उनकी है या आप गलत है ? क्या आप घर के सामने खड़े होने भिखारी को जैसे मानवता के नाते कुछ दे देते है वैसे ही अपने जीवन के सबसे अनमोल निधि मत को बिना कुछ देशे सुने किसी को भी दे देते है | आज हाल यह है कि संसद में बैठे लोग सुख के उन घरो में बैठे है जहा कभी अँधेरा ही नहीं होता और दूसरी तरफ हम भारतीय आज भी कटोरे लिए भीख मांग रहे है क्या आपको नहीं लगता कि आप मत देने में ना तो आँखों का इस्तेमाल करते है और बुद्धि तो लगते ही नहीं बस कोई भी खड़ा होकर कहने लगे मै आपका नेता हूँ और आप सोचेते है आरे दे दो एक मत ही तो है और देश भिखारी की संख्या में ५ साल और उलझ जाता है .क्या इस बार आप जागेंगे .................मत खुद के लिए सब के लिए इस देश के लिए मागेंगे ....................

Tuesday 18 February 2014

कितनी मेहनत  से देश के टुकड़ो को संजो कर हमारे महान नेताओ ने एक देश बनाया था पर आज के नेता सिर्फ वोट की राजनीती में देश को फिर बाँट रहे है .एक तरह महंगाई दम तोड़ रही है दूसरी तरफ देश को छोटे छोटे राज्यो में बाँट कर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है .....देश के नेता क्या इसी लिए बस संसद में है क्यों वे लोग एक सामान्य आदमी के दर्द उसकी भूख को नहीं अनुभव कर पाते , पर इसके लिए आप भी जिम्मेदार है क्योकि हम वोट आँख बंद करके देते है देश आपका है ये सिर्फ आपके प्रतिनिधि है इस लिए अपने प्रतिनिधि को सोच कर चुनिए और वोट का एक खूबसूरत जाल बनिये ताकि राष्ट्र हड्डी के लालची लोगो से नही देश के लिए जीने वालो से चले ...................

Monday 17 February 2014

हम लोग ज्यादातर यह कहने में नहीं चूकते कि आपको लोगो कि पहचान है फिर आप गरीब होकर भी , अपनी जरुरतो में मन मार कर जी लेने वाले आप क्यों ऐसे लोगो को चुनते है जिनके पास इतना है कि एक कस्बे के सरे लोगो को सालो खाना खिलाया जा सकता है | अपने घर में तो आप कहने से नहीं चूकते ही उड़ो मत मालूम है बहुत पैसा कमा लिया हा पर उन नेताओ से कब पूछेंगे कि इतना पैसा कहा से ला रहे हो हम दो जून की रोटी कूदो में तलाशते है और तुम माल पुआ सड़क पर फेक देते हो !!! तुम्हारे दिल में क्यों नहीं हमारे लिए दर्द है ??और अगर आपको ये सब समझ में आ रहा हो तो इस बार देश को अपने तरह का नेता दीजिये जिसे अभावो का दर्द हो .क्या इस बार आप बुद्धि की परीक्षा देंगे ना .................

Friday 14 February 2014

यह फ़ोटो  मैंने अहमदनगर महाराष्ट्र में खिची थी .जरा सोचिये क्या पथरीली सड़को पर सो रहा यह व्यक्ति भारतीय अन्हि और अगर इसे जानवरो की तरह सड़क पर ही सोना है तो हम नेता चुन कर किस लिए संसद में भेजते है ?????? क्या आपको अपने मत में खोट नहीं दिखायी देता ??? क्या ऐसे ही सड़को पर जीने की आरजू रख कर हम देश के नेता को ५ साल के लिए संसद में भेजते है ??? अगर नहीं तो चुनिए अपने मतो से एक बेहतर नेता जिसको पथरीली सड़को पर सोने का दर्द हो , क्या आप इस बार अपना विवेक और राष्ट्र को सामने रख कर मत दान करेंगे >>>>>>>>>>>>>

Thursday 13 February 2014

भारत आपका है तो मत किरायेदार बन कर क्यों

अकसर आप इस बात पर सीना ठोकते है कि ये देश आपका है और बहार से आये लोगो ने इस पर राज किया पर क्या आप खुद इस देश में किरायेदार बन कर नही रह रहे है ??? मत ऐसे देते है जैसे घर के बहार खड़े भिखारी को जल्दी से निकल कर एक रुपये पर धीरे धीरे वो भिखारी भी अमीर हो जाता है और देश की बागडोर भी उन लोगो के हाथ में चली जाती है जिनको सिर्फ इस लिए नेता बना देते है क्योकि उन्होंने वर्षो से एक पार्टी ज्वाइन करके आपके आगे हाथ जोड़े है | क्या मिला आपको पढ़ कर जब आप पढ़ कर खुद को नीचा करने में लगे रहते है और अपनी म्हणत से कम म्हणत करने वाले को यह देश दे देते है | अपने मत का स्वयं इतना अपमान ना करिये और बनाइये देश उनके साथ जो आपको इस देश में महसूस करते हो .धर्म जाती पार्टी नहीं एक समर्पित भारतीय को चुनिए ......अखिल भारतीय अधिकार संगठन

Wednesday 12 February 2014

यह फ़ोटो मैंने नासिक में खिची है और जरा इस बच्चे के कंधे पर घर के उस भर को महसूस कीजिये और चीखते हुए उन नेताओ की आवाज को सुनिये जो बताते हुए अघा नहीं रहे है की उन्होंने आपको पांच साल में दिया क्या है अगर आपका बच्चा सड़क पर नहीं है तो यह आपका अपना प्रयास है वर्ण नेता के क्या किया है उसे इस बच्चे से महसूस किया जा सकता है ....जागिये और बनाइये एक बेहतर और सबके लिए सम्मान से जीने वाला भारत पर इसके लिए जरुरी है कि आप अपने मतो का प्रयोग करे और मत उसको दे जो राष्ट्र को महसूस कर रहा हो केवल यह कहकर मत न दे कि मैं फलां पार्टी का हूँ और अगर ऐसा कर रहे है तो आप भी भाई भतीजा वाद में उलझे है , सिर्फ देश देखिये और उसकी अस्मिता जो आपके मत से सुरक्षित है ................आइये एक समर्थ देश बनाये 

Monday 10 February 2014

www.airo.org.in
ये फ़ोटो मैंने लखनऊ से बहराइच जाते हुए झुकिया क्रासिंग के पास के गाओं में एक छोटी सी लड़की को काम करते देख खिची थी .....बस आप सोच कर देखिये कि क्या ये बच्ची इस लिए इस देश में पैदा हुई कि पहली सांस से अंतिम सांस तक काम में झूझती रहे .....क्या आपको अपनी बेटी का ऐसा कष्ट अच्छा लगेगा ??????? तो इस देश को माँ कह कर क्यों उसे ५ साल ऐसे लोगो के हाथ दे देते है जो सिर्फ इसको नोचते है ....इस बार नहीं एक मजबूत राष्ट्र आपके सही मतदान से हो सकता है अपने अधिकार को पहिचाहिए और बनाईये अपनी माँ को अबला से सबला देश की देवी ............
ये देश आपका है  पर आप खुद इस देश में ऐसे रहते है जैसे कोई अप पर दया कर रहा हो टमाटर भी देख कर खरीदने वाले भारतीये एक पल भी यह नही सोचते कि वो किसको यह देश ५ साल के लिए देने जा रहे है आप का अपना खून भी अगर अपराध करने लगता है तो आप उसे घर से निकाल देते है तो जो कोई अपने को पार्टी , धर्म में बांध कर देख रहे है आप देश को ध्यान में रख कर एक अच्छा नेता दीजिये ....मैं भी एक भारतीय हूँ जो आप से बात करना चाहता हूँ क्योकि कहते है कई पर चुप रह जाने से भी सर्वनाश हो जाता है ................अखिल भारतीय अधिकार संगठन जनहित में आपके साथ राष्ट्र निर्माण की मुहीम में .................