Friday 21 February 2014

बच्चे या भगवन ?????

बचे तो भगवान की मूरत होते है !!

चाइल्ड इस द फादर ऑफ़ मैन( बच्चा आदमी का बाप होता है ) ऐसा मैं नहीं दिनिया कहती है पर भारत एक हाथ और आगे जाकर कह डालता है बच्चे भगवान की मूरत होते है और तो और भारत जगत गुरु भी इसी लिए कहलाता है क्योकि यहाँ पर बच्चे को १८ साल से पहले ना तो वोट डालने का अधिकार है और ना ही उसको लाइसेंस १८ साल से पहले मिल सकता है | आपके बच्चे कि क्या मजाल जो लड़की १८ से पहले और लड़का २१ साल से पहले शादी कर  ले क्योकि आप तो कानून जो पता है कि यह करना अपराध है | चलिए एक बात और बता ही देता हूँ कि चाइल्ड राईट कमीशन की धारा १ में अनुसार १८ वर्ष से पहले आप के घर का लड़का लड़की बच्चा ही समझा जायेगा पर घबराइये नहीं एक काम ऐसा भी है जो बच्चे १८ साल के पहले इस देश में करते भी है और उनको अपराधी नहीं और अपराध के लिए सजा नहीं सुधार घर भेज दिया जाता है | बलात्कार , लूट , हत्या वाहवाह क्या बात है भला इस देश में १८ साल से कम वाले को सजा कैसे हो सकती है क्या इतनी औकात है हमारी कि भगवान को सजा दे सके कोई ? यही नहीं अगर ७ साल का आपका बच्चा है तो वह किसी अपराध का गवाह बन सकता है पर खुद के अपराध के लिए १८ तक मुक्त तो हुआ न नोखा देश और अनोखी बात ? अब ये ना कहने लगिएगा कि आप अब समझ पाये कि आज कल के बच्चो में अपराध क्यों बढ़ गया है क्योकि ये अपराध है ही कहा उनमे तो अपराध नहीं सुधार होने की सम्भावना ज्यादा है वैसे भी भगवान के लिए बोलने की ताकत आप में कहा ? आप तो तभी बोल पाएंगे ना जब वो आपके देश में नागरिक बन पाये यानि ऐसा मनुष्य बन जाये जिसकी उम्र १८ साल हो जाये ! पर रुकिए रुकिए हमने तो सुना है की जब जब धर्म की हानि होती है तब तब भगवान अवतार लेते है तो वो कौन है जिनको ( बच्चे ) हम भगवान की मूरत कहते है क्या हम सच ही बोलते है ?( व्यंग्य समझ कर पड़िये )

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