मुझे काट कर दरवाजो में महफूज हो गए ,
मेरी ही छावं में लेट सुकून से सो गए ,
जला कर मुझे खुद को जिन्दा रखते हो ,
देखो दरख्त बिना कितने तन्हा हो गए ................
आप अपने पुरे जीवन में उतनी अक्सिजन का प्रयोग करते है जितनी दो पेड़ अपने पुरे जीवन में निकालते है तो क्यों नही इस सबसे आसन से ऋण को पर्थिवी पर जिन्दा रहते हुए ही उतर दीजिये और अपने आस पास दो पेड़ लगा दीजिये ....अखिल भारतीय अधिकार संगठन विश्व पर्यावरण दिवस पर आप से बस यही जाग्रति की उम्मीद करता है ....शुभ रात्रि
मेरी ही छावं में लेट सुकून से सो गए ,
जला कर मुझे खुद को जिन्दा रखते हो ,
देखो दरख्त बिना कितने तन्हा हो गए ................
आप अपने पुरे जीवन में उतनी अक्सिजन का प्रयोग करते है जितनी दो पेड़ अपने पुरे जीवन में निकालते है तो क्यों नही इस सबसे आसन से ऋण को पर्थिवी पर जिन्दा रहते हुए ही उतर दीजिये और अपने आस पास दो पेड़ लगा दीजिये ....अखिल भारतीय अधिकार संगठन विश्व पर्यावरण दिवस पर आप से बस यही जाग्रति की उम्मीद करता है ....शुभ रात्रि
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