Thursday, 21 June 2012

hoiye whi jo ram rchi rakha

होइए वही जो राम रचि राखा..................
क्या आप को इस बात पर कोई ऐतराज है कि यह देश राम का नही है ????????? नही ना !!!!!!!!!! तो फिर फिर देश की दुर्दशा पर आपके पेट में दर्द क्यों हो रहा है ??????? या तो भगवन पर विश्वास कीजिये और या फिर कह दीजिये की आपको भगवान जैसे शब्द पर ही नही विश्वास है ...राम तो काफी बड़ा शब्द हो जायेगा ...........राम शब्द का सहारा लेकर ९१८४ के दंगो की आग की तरह ही एक पार्टी राष्ट्रिय पार्टी बन गई ...वो बात अलग है की उसके बबाद राम का घर तक मनुष्यों ने छीन लिया और उन्हें तम्बू में बैठा दिया ......आखिर लगता कैसे की राम का पला रावन से नही मनुष्यों से पड़ा है ...........जो माँ की छाती का ढूध पीकर बड़े होते है  फिर भी अमृत की वर्षा करने वाली माँ स्वरुप को इस देश में सबसे ज्यादा अंचल का ही ख्याल रखना पड़ता है ....खैर मै कह रहा था कि राम ही जब सब करता है तो आप कि छाती में दर्द क्यों हो रहा है ....आप ही तो ख्तेव है कि रावन को मारने के लिए भगवन ने प्रपंच रचा और सीता के अपहरण के सहारे समाज को रावन से मुक्ति दिलाई .................तो आज क्या हो गया .....राम फिर किसी रावन को मरना चाहते होंगे ...इसी लिए लडकियों का अपहरण हो रहा है ....बलात्कार हो रहा है ....घरेल्लू हिंसा , छेड़ छाड़ सब इसी लिए तो हो रहा है कि भगवन का जन्म अहोने वाला है ....आरे आरे मै तो भूल ही गया आपकी बात का समर्थन तो गीता भी करती है ...यदा यदा ही धर्मस्य .........यानि जब जब धर्म की हानि होगी तब तब भगवन जन्म लेते है ...तो फिर चिंता की क्या बात है ...भगवन आने वाले है ...हाथ पर हाथ धर कर बैठिये ...न हो तो सो जाइये ...और किसी लड़की की जान न बचाइए क्योकि अगर आप बचा लेंगे तो भगवन का आना संशय में पड़ जायेगा .......और आप तो नेताओ को दोष दे रहे है ...न जाने कितने नेता सेक्स रॉकेट में पकडे जा रहे है ...तो क्या हुआ आखिर रावन नही होंगे तो सीता का अपहरण कौन करेगा और रावन  को मरने के लिए ही तो राम आ रहे है ........पर आपके पसीना क्यों आ रहा है .....आप तो विभीषण है ..अप ही के सहारे तो राम रावन को मारेंगे.........पर यह क्या आप तो रावन की तरफ भाग कर जा रहे है ...क्या राम पर विश्वास नही आपको .....अच्छा आप भी अपना पाला सही कर रहे है .........लेकिन यह क्या मैदान तो रावन से ही भरा जा रहा है .........चलिए अच्छा ही तो है जो हो रहा है राम की मर्जी हो रहा है .....कम से कम यह तो पता चल गया कि भाई बहन के देश में  सब रावन की लंका में रहने के लिए भाग रहे है ....पर अशोक वाटिका ?????? भी तो है  क्यों न भागे ....आज वह सुना है सीता को रावन लाया है .....पर  डरिये नही राम आयेंगे जरुर ...सीता की रात को चीरती चीख पर धयान न दीजिये हमारा देश राम का है ........और राम ही सीता का उद्धार जरुर करेंगे ......आप आराम से सो जाइये ...क्योकि इस देश में होइहे वही जो राम रचि राखा ............देश और देश के लोग जाये भाड़ में .......आपको तो राम पर विश्वास है ना !!!!!!!!!!!!!!!!! अखिल भारतीय अधिकार संगठन 

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