Monday, 11 June 2012

kutta aur aadmi

आदमी को आदमी की तलाश है ,,
हर तरफ झूठ फरेब का कयास है ,
घरो में रखने लगे है कुत्ते अब लोग ,
दरवाजे पर एक भूखा खड़ा हताश है ................... क्या हम बदलने लगे है ? क्या आदमी को आदमी से ज्यादा भरोसा जानवर आर हो गया है ? तो फिर मानव क सर्वोत्तम कौन और क्यों कहेगा ....आइये सोने से पहले थोडा सोचे..........अखिल भारतीय अधिकार संगठन

No comments:

Post a Comment