इतने अशुभ से होकर गुजरता है आदमी ,
कि रात व दिन को शुभ कहता है आदमी ,
ना जाने क्यों डरा डरा सा खड़ा है आदमी ,
जानवरों से ज्यादा बेबस हो गया आदमी .............................. क्या आपको शुभ रात्रि कहू????????????// अखिल भारतीय अधिकार संगठन
कि रात व दिन को शुभ कहता है आदमी ,
ना जाने क्यों डरा डरा सा खड़ा है आदमी ,
जानवरों से ज्यादा बेबस हो गया आदमी .............................. क्या आपको शुभ रात्रि कहू????????????// अखिल भारतीय अधिकार संगठन
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