रग्घू और विजय माल्या ...........
हम सभी भारतीय अपने जीवन से इतना डरे हुए है की मुंशी प्रेम चन्द्र की तरह प्रख्यात कहानीकार होकर न तो गुमनामी में मरना चाहते है और न ही मंगल पांडे और नाथू राम गोडसे की तरह फंसी पर देश के लए लटकना चाहते है | वो तो भला हो नामुराद फेस बुक का जिस पर हम एक जवान लडको से छिनी गई छड़ी के बाद बुद्बुद्द्ते हुए एक बुजुर्ग की तरह जो चाहे अनाप सनाप कहते है खैर इस का फायेदा यह है की हम सब तनाव मुक्त हो जाते है और दिल को ये सुकून मिलता है की चलो साले ?????????????? को जो सुनना था सुना लिया भले ही इतनी म्हणत से लिखने के बाद उस पर २ लोग कम्मेंट करने को तैयार न हो | हा यह बात अलग है कि लाइक करने वाले थोड़े बहुत मिल जातेहै वो शायद बिना चश्मे के काम करते है क्योकि मैंने लिखा कि आज मेरे चाचा कि मृत्यु हो गई तो उसको भी लाइक करने से नही चुके खैर हो सकता है कि मौत के लिए भी बहुत इंतज़ार कर रहे हो और उनको किसी की मौत सुन कर अच्छा लगता हो | और ऐसे ही ह्रदय गति का सामान्य रखने के लिया आपको फर उस भारत दर्शन के लिए लिए चलता हूँ जहा हाथ धो कर हम नेता हो गाली देते है और पैसे वालो को कोसते है पर अब मई जो आपको दिखाने ( सुनाने नही ) जा रहा हूँ वह शायद आपको यह बताये की आप भी नेता और पैसे वालो से कुछ पीछे नही है |
रग्घू और विजय माल्या दोनों में कोई फर्क नही है क्योकि रग्घू अपना रिक्शा चलता है और विजय माल्या अपना विमान चलाते है | रग्घू सरकार की सड़क का टैक्स चूका कर उस पर रिक्शा चलाता है और विजय माल्या हवाई पट्टी के उपयोग के लिए सरकार को किराया चुकाते है \ रग्घू सड़क पर खली खड़ा रहेगा पर अगर मन नही है तो वह सवारी नही ढोयेगा और विमान में सफ़र करना भी आपकी मर्जी का सौदा न होकर विमान का मामला है | तो फिर रघ्हू और विजय माल्या में फर्क क्या है | रघु तो चुके से भी नंगी लड़की की तस्वीर देखने में गह्ब्रता है और विजय माल्या तो अपने यह से हर साल नए वर्ष का कैलेंडर जरी करने के लिए नंगी लडकियों का फोटो सेशन करवाते है | फिर भी रग्घू को एक पोलिस वाला डंडा मार के चला जाता है और विजय माल्या के लिए पोलिस वाला रक्षा में खड़ा रहता है | रग्घू कर्ज में डूब कर आत्म हत्या कर लेता है और विजय माल्या के कर्ज में डूबने पर सरकार पैसा का पैकजे देती है | आइये थोडा और गहरे से फर्क देखा जाये | रग्घू के रिक्शे पर लोग सफ़र करते है और अगर उसने आज की सड़ी गर्मी में पसीने से नहाने के बाद एक किलोमीटर का २० रूपया मांग लिया तो आवाज़ आती है कि आबे साले तेरा ?? दिमाग तो नही ख़राब हो गया !!!! साले एक पड़ेगा सारी बतीसी बहार आ जाएगी पर विजय माल्या जब चाहे जितना चाहे किराया वसूल सकते है और आप हसते हँसते देते है और तो और कभी कभी दिल्ली का किराया २००० तो कभी ६००० ले लिया जाता है अपर आप कभी नही कहते कि तुमको दो हाथ पड़ेगा | इसके अलवा रिक्शे पर भले ही जगह न हो पर ८० -८ किओल के तीन आदमी बैठ जायेंगे ऊपर से फ्संघे के रूप में बच्चे फ्री पर विजय माल्या के विमान में पैदा होने वाले बच्चे का भी पूरा किराया देने में आपकी छाती नही फटती | आपके दिए पैसे से रग्घू को रात के अँधेरे में दिभिरी की रौशनी और दो सुखी रोटी और उसके बाद रिक्शे पर ही सो जाना नसीब होता है पर विजय को आपके पैसे से हर सुख मिल जाता है | आखिर आप रग्घू का सुख यो नही देना चाहते ???? क्या नही उसके मांगे पैसे को देना चाहते ????? क्यों उसके ६० किओल के वजन पर २०० किओल का भर दाल कर खिचवाते है ?????? क्या रग्घू आपके लिए बहरत का सम्म्मानित नागरिक है ?????/ क्या आपको को वो पानी ही तरह लगता है ???/ फिट उसकी यह दुर्दशा क्यों ?????????????? क्योकि आप भी नेताओ की तरह पैसे वालो को ही इज्जत देते है | आपको पैसे वालो से बोलने की हिम्मत नही है और और अपने को खुद विजय से छोटा महसूस करते है | क्या आपके देश के नेता यही नही कर रहे और इसी लिए आपको कुछ भी गलत होता दिखाई ही नही दे रहा और देश के करोडो रग्घू दिन रात गरीबी , आपके शोषण का शिकार बन रह है अपर आपको दर्द इस लिए नही हो रहा है क्योकि उनके पास आप जितना पैसा नही है और जिनके लिए आपके मन में दर्द है उनके बराबर आपके पास पैसा नही है | तो क्या हम सभी इस देश में बस पैसे के आधार पर मानवता और समानता का ढोंग नही कर रहे है अगर ऐसा नही है तो आज के बाद क्या रग्घू के रिक्शे पर बैठते समय आपको धयान रहेगा उसके पसीने का ????????? उसके मांगे गए पारिश्रमिक का ???? घर पहुच कर आप उसे एक्गिलास पानी देंगे ????? क्या आपको उसकी दो हड्डी याद रहेगी जो सिर्ग एक या दो लोगो को खीच सकती है ???? हो सकता है आप मेरी बार पर अकस्मात् कह बैठे साला सिर्फ छौक रहा है भले ही खुद रग्घू को पाए तो खा ले या फिर फेस बू पर ऐसे भोकने वालो की कमी नही है | पर फिर भी एक प्रशन तो रह ही जायेगा क्या आप खुद इस देश के लोगो के लिए संवेदन शील है ??????? क्या आप भी नेताओ की तरह ही देश के लोगो का शोषण तो रही कर रहे है और उसको रोकने के लिए आपके मन में गंगा की धारा कब फूटेगी ??????? क्या रग्घू और विजय मलय को एक सामान रूप से हम देख पाएंगे औए एक भारत का सपना पूरा होगा ???एक अधूरी सोच आपके सामने मंथन के लिए .....रग्घू आओ थोड देर हवा खा लो ....लो पानी पी लो .....यार चले जाना .तुम भी तो आदमी ही हो .........आइये अपने दिल को टटोले
हम सभी भारतीय अपने जीवन से इतना डरे हुए है की मुंशी प्रेम चन्द्र की तरह प्रख्यात कहानीकार होकर न तो गुमनामी में मरना चाहते है और न ही मंगल पांडे और नाथू राम गोडसे की तरह फंसी पर देश के लए लटकना चाहते है | वो तो भला हो नामुराद फेस बुक का जिस पर हम एक जवान लडको से छिनी गई छड़ी के बाद बुद्बुद्द्ते हुए एक बुजुर्ग की तरह जो चाहे अनाप सनाप कहते है खैर इस का फायेदा यह है की हम सब तनाव मुक्त हो जाते है और दिल को ये सुकून मिलता है की चलो साले ?????????????? को जो सुनना था सुना लिया भले ही इतनी म्हणत से लिखने के बाद उस पर २ लोग कम्मेंट करने को तैयार न हो | हा यह बात अलग है कि लाइक करने वाले थोड़े बहुत मिल जातेहै वो शायद बिना चश्मे के काम करते है क्योकि मैंने लिखा कि आज मेरे चाचा कि मृत्यु हो गई तो उसको भी लाइक करने से नही चुके खैर हो सकता है कि मौत के लिए भी बहुत इंतज़ार कर रहे हो और उनको किसी की मौत सुन कर अच्छा लगता हो | और ऐसे ही ह्रदय गति का सामान्य रखने के लिया आपको फर उस भारत दर्शन के लिए लिए चलता हूँ जहा हाथ धो कर हम नेता हो गाली देते है और पैसे वालो को कोसते है पर अब मई जो आपको दिखाने ( सुनाने नही ) जा रहा हूँ वह शायद आपको यह बताये की आप भी नेता और पैसे वालो से कुछ पीछे नही है |
रग्घू और विजय माल्या दोनों में कोई फर्क नही है क्योकि रग्घू अपना रिक्शा चलता है और विजय माल्या अपना विमान चलाते है | रग्घू सरकार की सड़क का टैक्स चूका कर उस पर रिक्शा चलाता है और विजय माल्या हवाई पट्टी के उपयोग के लिए सरकार को किराया चुकाते है \ रग्घू सड़क पर खली खड़ा रहेगा पर अगर मन नही है तो वह सवारी नही ढोयेगा और विमान में सफ़र करना भी आपकी मर्जी का सौदा न होकर विमान का मामला है | तो फिर रघ्हू और विजय माल्या में फर्क क्या है | रघु तो चुके से भी नंगी लड़की की तस्वीर देखने में गह्ब्रता है और विजय माल्या तो अपने यह से हर साल नए वर्ष का कैलेंडर जरी करने के लिए नंगी लडकियों का फोटो सेशन करवाते है | फिर भी रग्घू को एक पोलिस वाला डंडा मार के चला जाता है और विजय माल्या के लिए पोलिस वाला रक्षा में खड़ा रहता है | रग्घू कर्ज में डूब कर आत्म हत्या कर लेता है और विजय माल्या के कर्ज में डूबने पर सरकार पैसा का पैकजे देती है | आइये थोडा और गहरे से फर्क देखा जाये | रग्घू के रिक्शे पर लोग सफ़र करते है और अगर उसने आज की सड़ी गर्मी में पसीने से नहाने के बाद एक किलोमीटर का २० रूपया मांग लिया तो आवाज़ आती है कि आबे साले तेरा ?? दिमाग तो नही ख़राब हो गया !!!! साले एक पड़ेगा सारी बतीसी बहार आ जाएगी पर विजय माल्या जब चाहे जितना चाहे किराया वसूल सकते है और आप हसते हँसते देते है और तो और कभी कभी दिल्ली का किराया २००० तो कभी ६००० ले लिया जाता है अपर आप कभी नही कहते कि तुमको दो हाथ पड़ेगा | इसके अलवा रिक्शे पर भले ही जगह न हो पर ८० -८ किओल के तीन आदमी बैठ जायेंगे ऊपर से फ्संघे के रूप में बच्चे फ्री पर विजय माल्या के विमान में पैदा होने वाले बच्चे का भी पूरा किराया देने में आपकी छाती नही फटती | आपके दिए पैसे से रग्घू को रात के अँधेरे में दिभिरी की रौशनी और दो सुखी रोटी और उसके बाद रिक्शे पर ही सो जाना नसीब होता है पर विजय को आपके पैसे से हर सुख मिल जाता है | आखिर आप रग्घू का सुख यो नही देना चाहते ???? क्या नही उसके मांगे पैसे को देना चाहते ????? क्यों उसके ६० किओल के वजन पर २०० किओल का भर दाल कर खिचवाते है ?????? क्या रग्घू आपके लिए बहरत का सम्म्मानित नागरिक है ?????/ क्या आपको को वो पानी ही तरह लगता है ???/ फिट उसकी यह दुर्दशा क्यों ?????????????? क्योकि आप भी नेताओ की तरह पैसे वालो को ही इज्जत देते है | आपको पैसे वालो से बोलने की हिम्मत नही है और और अपने को खुद विजय से छोटा महसूस करते है | क्या आपके देश के नेता यही नही कर रहे और इसी लिए आपको कुछ भी गलत होता दिखाई ही नही दे रहा और देश के करोडो रग्घू दिन रात गरीबी , आपके शोषण का शिकार बन रह है अपर आपको दर्द इस लिए नही हो रहा है क्योकि उनके पास आप जितना पैसा नही है और जिनके लिए आपके मन में दर्द है उनके बराबर आपके पास पैसा नही है | तो क्या हम सभी इस देश में बस पैसे के आधार पर मानवता और समानता का ढोंग नही कर रहे है अगर ऐसा नही है तो आज के बाद क्या रग्घू के रिक्शे पर बैठते समय आपको धयान रहेगा उसके पसीने का ????????? उसके मांगे गए पारिश्रमिक का ???? घर पहुच कर आप उसे एक्गिलास पानी देंगे ????? क्या आपको उसकी दो हड्डी याद रहेगी जो सिर्ग एक या दो लोगो को खीच सकती है ???? हो सकता है आप मेरी बार पर अकस्मात् कह बैठे साला सिर्फ छौक रहा है भले ही खुद रग्घू को पाए तो खा ले या फिर फेस बू पर ऐसे भोकने वालो की कमी नही है | पर फिर भी एक प्रशन तो रह ही जायेगा क्या आप खुद इस देश के लोगो के लिए संवेदन शील है ??????? क्या आप भी नेताओ की तरह ही देश के लोगो का शोषण तो रही कर रहे है और उसको रोकने के लिए आपके मन में गंगा की धारा कब फूटेगी ??????? क्या रग्घू और विजय मलय को एक सामान रूप से हम देख पाएंगे औए एक भारत का सपना पूरा होगा ???एक अधूरी सोच आपके सामने मंथन के लिए .....रग्घू आओ थोड देर हवा खा लो ....लो पानी पी लो .....यार चले जाना .तुम भी तो आदमी ही हो .........आइये अपने दिल को टटोले
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