Friday 3 June 2011

व्यथा: सब चौपट कर दिया इस वी सी नें

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय मूल्याङ्कन केंद्र में आजकल एक अजीब सी शांति दिखाई पड़ती है । माहौल कुछ अलग सा है। मूल्याङ्कन कर्ता शिक्षक सीधे जाकर बाबू से अपनी कापियों का बण्डल प्राप्त कर सीट पर जा कार्य आरम्भ कर देते हैं। कानाफूसी बंद है। बाबू द्वारा कापियों का बण्डल देते समय शिक्षक को चुपके से चिट पकडाना या कुछ कापियों को उलटकर बण्डल में रख शिक्षक के कान में धीरे से बोलना ,बंद है। शिक्षकों का एक दूसरेके पास जा यह पूंछना की किस सेंटर की कापी है , बंद है। यहाँ तक की लोगों के मोबाइल फ़ोन भी बंद हैं।मूल्याङ्कन केंद्र रुपी बाज़ार की रौनक चली गयी। कुछ जुगाडू लोग निराशा में हाथ पाँव मारते अवश्य दिखाई पड़ जातें हैं। बच्चे के इतने प्रतिशत अंक कैसे आयेंगे , बड़ी चिंता है। क्या क्या उम्मीदें लगा रखी थीं , अपना तो छोडो दूसरों तक के तमाम ठेके ले रखे थे । सब चौपट कर दिया इस वाइसचांसलर नें। भगवान् जाने परिणाम आने पर क्या होगा? खैर इस वर्ष तो वी सी को चले ही जाना है , अगले वर्ष इस व्यवस्था का तोड़ ढूढना ही पड़ेगा।

2 comments:

  1. इतना तीक्ष्ण कटाक्ष
    कूटा वाले सुन रहे है क्या?
    बेचारे बाबू लोग कहा करोडपति थे अब रोडपति हो कर रह गए

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  2. अच्छा लगा पढ़ कर कि कहीं कोई कहता भी है इस देश में । यू जी सी जिंदाबाद :)

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