Sunday 24 May 2015

ऐसे होता है अपराध


All Indian Rights Organization Shares
Don't give PAN number for railway Tatkal booking as proof of ID
 .
The Railways display the PAN. name, sex and age of passengers on reservation charts pasted on railway compartments.

This is a boon for benami transactions. It is mandatory for traders like jewelers to collect tax (TDS) from customers on purchase of jewelry worth Rs 5 lakh & bullion worth Rs 2 lakh.

To accommodate high net worth customers, traders have a easy source of benami PAN numbers, name, sex and age from reserved railway compartments. A traveller recently noticed a chap copying PAN particulars along with name, age and sex pasted on reserved compartments, and when confronted with the help of railway police, he admitted that he gets Rs 10 per PAN particulars from jewellers. These persons are copying PAN information of senior citizens, women etc from sleeper class with the intention that passengers in sleeper class are not serious tax payers and generally salaried class..

In that case the department will first initiate action from the tax payer's side asking him to explain the sources of money for the above transaction done in his name and also to prove that he has not carried on the above transaction..

You may quote your driving licence #, Voter ID # etc as your ID Proof but definitey not your PAN.
Beware!!!!.
Spread this msg to all ur frndz and relatives.

Thursday 21 May 2015

स्वस्थ हो तो मस्त हो

अखिल भारतीय अधिकार संगठन सदैव ही जागरूकता के माधयम से आपको आपके स्वस्थ्य के प्रति सजग करना चाहता है और इसी लिए ये जानना बहुत जरुरी है ...
हम पानी क्यों ना पीये खाना खाने के बाद।
क्या कारण है |

हमने दाल खाई,
हमने सब्जी खाई,
हमने रोटी खाई,
हमने दही खाया
लस्सी पी ,
दूध,दही छाझ लस्सी फल आदि|,
ये सब कुछ भोजन के रूप मे हमने ग्रहण किया
ये सब कुछ हमको उर्जा देता है
और पेट उस उर्जा को आगे ट्रांसफर करता है |
पेट मे एक छोटा सा स्थान होता है जिसको हम हिंदी मे कहते है "अमाशय"
उसी स्थान का संस्कृत नाम है "जठर"|
उसी स्थान को अंग्रेजी मे कहते है
" epigastrium "|

ये एक थेली की तरह होता है
और यह जठर हमारे शरीर मे सबसे
महत्वपूर्ण है
क्योंकि सारा खाना सबसे पहले इसी मे आता है।

ये बहुत छोटा सा स्थान हैं
इसमें अधिक से अधिक 350GMS खाना आ सकता है |
हम कुछ भी खाते सब ये अमाशय मे आ जाता है|

आमाशय मे अग्नि प्रदीप्त होती है उसी को कहते हे"जठराग्न"।
|ये जठराग्नि है वो अमाशय मे प्रदीप्त होने वाली आग है ।

ऐसे ही पेट मे होता है जेसे ही आपने खाना खाया की जठराग्नि प्रदीप्त हो गयी |
यह ऑटोमेटिक है,जेसे ही अपने रोटी का पहला टुकड़ा मुँह मे डाला की इधर जठराग्नि प्रदीप्त हो गई|
▶ ये अग्नि तब तक जलती हे जब तक खाना पचता है | ◀

🔹अब अपने खाते ही गटागट पानी पी लिया और खूब ठंडा पानी पी लिया|

और कई लोग तो बोतल पे बोतल पी जाते है |

अब जो आग (जठराग्नि) जल रही थी वो बुझ गयी|

🔹आग अगर बुझ गयी तो खाने की पचने की जो क्रिया है वो रुक गयी|

🔸अब हमेशा याद रखें खाना जाने पर हमारे पेट में दो ही क्रिया होती है,

एक क्रिया है जिसको हम कहते हे "Digestion" और दूसरी है "fermentation"
फर्मेंटेशन का मतलब है सडना
और डायजेशन का मतलब हे पचना|

🔸आयुर्वेद के हिसाब से आग जलेगी तो खाना पचेगा,खाना पचेगा तो उससे रस बनेगा|

जो रस बनेगा तो उसी रस से मांस,मज्जा,रक्त,वीर्य,हड्डिया,मल,मूत्र और अस्थि बनेगा और सबसे अंत मे मेद बनेगा|

🔸ये तभी होगा जब खाना पचेगा|🔸

यह सब हमें चाहिए|

ये तो हुई खाना पचने की बात
🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸🔸
अब जब खाना सड़ेगा तब क्या होगा..?

खाने के सड़ने पर सबसे पहला जहर जो बनता है वो हे यूरिक एसिड (uric acid )

कई बार आप डॉक्टर के पास जाकर कहते है की मुझे घुटने मे दर्द हो रहा है,
मुझे कंधे-कमर मे दर्द हो रहा है

तो डॉक्टर कहेगा आपका यूरिक एसिड बढ़ रहा है आप ये दवा खाओ, वो दवा खाओ
यूरिक एसिड कम करो|

और एक दूसरा उदाहरण खाना

जब खाना सड़ता है, तो यूरिक एसिड जेसा ही एक दूसरा विष बनता है जिसको हम कहते हे
LDL (Low Density lipoprotive)
माने खराब कोलेस्ट्रोल (cholesterol )|

जब आप ब्लड प्रेशर(BP) चेक कराने डॉक्टर के पास जाते हैं तो वो आपको कहता है (HIGH BP )

हाई-बीपी है आप पूछोगे कारण बताओ?

तो वो कहेगा कोलेस्ट्रोल बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है |

आप ज्यादा पूछोगे की कोलेस्ट्रोल कौनसा बहुत है ?

तो वो आपको कहेगा LDL बहुत है |

इससे भी ज्यादा खतरनाक एक विष हे
वो है VLDL
(Very Low Density lipoprotive)|

ये भी कोलेस्ट्रॉल जेसा ही विष है।
अगर VLDL बहुत बढ़ गया तो आपको भगवान भी नहीं बचा सकता|

खाना सड़ने पर और जो जहर बनते है उसमे एक ओर विष है जिसको अंग्रेजी मे हम कहते है triglycerides|

जब भी डॉक्टर आपको कहे की आपका "triglycerides" बढ़ा हुआ हे तो समज लीजिए की आपके शरीर मे विष निर्माण हो रहा है |

तो कोई यूरिक एसिड के नाम से कहे,कोई कोलेस्ट्रोल के नाम से कहे, कोई LDL -VLDL के नाम से कहे समझ लीजिए की ये
विष हे और ऐसे विष 103 है |

ये सभी विष तब बनते है जब खाना सड़ता है |

मतलब समझ लीजिए किसी का कोलेस्ट्रोल बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट मे ध्यान आना चाहिए की खाना पच नहीं रहा है ,

कोई कहता हे मेरा triglycerides बहुत बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट मे डायग्नोसिस कर लीजिए आप ! की आपका खाना पच नहीं रहा है |

कोई कहता है मेरा यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट लगना चाहिए समझने मे की खाना पच नहीं रहा है |

क्योंकि खाना पचने पर इनमे से कोई भी जहर नहीं बनता|

खाना पचने पर जो बनता है वो है मांस,मज्जा,रक्त ,वीर्य,हड्डिया,मल,मूत्र,अस्थि

और

खाना नहीं पचने पर बनता है यूरिक एसिड, कोलेस्ट्रोल
,LDL-VLDL|

और यही आपके शरीर को रोगों का घर बनाते है !

पेट मे बनने वाला यही जहर जब
ज्यादा बढ़कर खून मे आते है ! तो खून दिल की नाड़ियो मे से निकल नहीं पाता और रोज थोड़ा थोड़ा कचरा जो खून मे आया है इकट्ठा होता रहता है और एक दिन नाड़ी को ब्लॉक कर देता है
*जिसे आप heart attack कहते हैं !

तो हमें जिंदगी मे ध्यान इस बात पर देना है
कि जो हम खा रहे हे वो शरीर मे ठीक से पचना चाहिए
और खाना ठीक से पचना चाहिए इसके लिए पेट मे ठीक से आग (जठराग्नि) प्रदीप्त होनी ही चाहिए|

क्योंकि बिना आग के खाना पचता नहीं हे और खाना पकता भी नहीं है

🔹* महत्व की बात खाने को खाना नहीं खाने को पचाना है |

आपने क्या खाया कितना खाया वो महत्व नहीं हे।

खाना अच्छे से पचे इसके लिए वाग्भट्ट जी ने सूत्र दिया !!

"भोजनान्ते विषं वारी"
---------------
🔸🔸 (मतलब खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना जहर पीने के बराबर
है )🔸🔸

* इसलिए खाने के तुरंत बाद पानी कभी मत पिये!*

अब आपके मन मे सवाल आएगा कितनी देर तक नहीं पीना ???

तो 1 घंटे 48 मिनट तक नहीं पीना !

अब आप कहेंगे इसका क्या calculation हैं ??

बात ऐसी है !

जब हम खाना खाते हैं तो जठराग्नि द्वारा सब एक दूसरे मे मिक्स होता है और फिर खाना पेस्ट मे बदलता हैं है !

पेस्ट मे बदलने की क्रिया होने तक 1 घंटा 48 मिनट
का समय लगता है !

उसके बाद जठराग्नि कम हो जाती है !

(बुझती तो नहीं लेकिन बहुत
धीमी हो जाती है )

पेस्ट बनने के बाद शरीर मे रस बनने की प्रक्रिया शुरू होती है !

तब हमारे शरीर को पानी की जरूरत होती हैं ।

तब आप जितना इच्छा हो उतना पानी पिये !!

जो बहुत मेहनती लोग है (खेत मे हल चलाने वाले ,रिक्शा खीचने वाले पत्थर तोड़ने वाले)

उनको 1 घंटे के बाद ही रस बनने
लगता है उनको घंटे बाद
पानी पीना चाहिए !

अब आप कहेंगे खाना खाने के पहले कितने मिनट तक पानी पी सकते हैं ???

तो खाना खाने के 45 मिनट पहले तक आप पानी पी सकते हैं !

अब आप पूछेंगे ये मिनट का calculation ????

बात ऐसी ही जब हम पानी पीते हैं
तो वो शरीर के प्रत्येक अंग तक जाता है !

और अगर बच जाये तो 45 मिनट बाद मूत्र पिंड तक पहुंचता है !

तो पानी - पीने से मूत्र पिंड तक आने का समय 45 मिनट का है !

तो आप खाना खाने से 45 मिनट पहले ही पाने पिये !

इसका जरूर पालन करे !

अधिक अधिक लोगो को बताएं
post share करे !!

बहुत बहुत धन्यवाद !

औरत पूर्ण है

अगर आप औरत का सही आंकलन करना चाहते है तो आपको एक महिला के अनुवांशिक गुणों को ध्यान में रखना होगा | पुरुष को अपने अनुवांशिक गुणों में भी महिला का साथ चाहिए यानि पुरुष बनने के लिए एक्स वाई गन सूत्र होना चाहिए ( एक्स महिला को और वाई पुरुष को दर्शता है ) पर महिला बनने के लिए दोनों एक्स एक्स ही चाहिए | यानि महिला को अनुवांशिक आधार पर भी पुरुष की सहभागिता नहीं चाहिए | और इसी लिए महिला पुरुष के बिना भी चल सकती है लेकिन पुरुष नही | अध्ययन ये बताते है कि विवाह के बाद विधुर पुरुष जल्दी मर जाते है जबकि महिला विधवा होकर भी लम्बी उम्र जीती है | लेकिन हम इस सच को मैंने को तैयार नहीं है और इसी लिए पुरुष एक ऐसा रास्ता अपना रहा है जिसे हिंसा या सामाजिक रूप में पुरुषत्व कह कर लीपा पोती होती रहती है | लेकिन सच यही है कि प्राकृतिक रूप से महिला पूर्ण है और पुरुष महला के तत्वों के सहारे एक अपूर्ण रचना | तो आइये हम मान ले एक बार की महिला को खुद को पैदा करने के लिए पुरुष की जरूरत ही नहीं है और इस बिंदु पर उसे अपने से श्रेष्ठ मान ले ( क्या हम ऐसा कर पाएंगे ????)

Wednesday 20 May 2015

इसे कहते है महिला सशक्तिकरण

देश में भारतीय महिमा का २१ वीं सदी में सशक्तिकरण ...................
महिला पुरुष की गुलाम नहीं है |
वो अपनी इच्छा से शादी तोड़ सकती है ||
ज्यादातर महिला अभी भी या तो नौकरी में नहीं है तो उनको गुजारा भत्ता चाहिए |
जिन महिलाओ के पास नौकरी है पर बच्चे है तो बच्चे की जिम्मेदारी तो पुरुष की भी है और इस लिए बच्चो के लिए गुजारा भत्ता चाहिए |
वो इसकेलिए परिवार न्यायालय जा सकती है
परिवार न्यायलय में वकील का कोई स्थान नहीं है |
अगर न्यायाधीश उचित समझे तो वकील बतौर वाद मित्र हो सकता है जिसका खर्च सरकार देगी |
अब शुरू होता है महिला सशक्तिकरण का असली चेहरा |
पीड़ित महिला की बात को सुनने के लिए वकील ही चाहिए | जो २००० से ५००० तक शुरआती दौर में फीस लेगा |
पहली ही सुनवाई में न्यायाधीश नैसर्गिक नियमो को धायण में रखते हुए | ५००, या १००० या १४०० या २००० रुपये अंतरिम भत्ता बांध देंगे |
वकील अपनी हर पेशी पर आपसे पैसा लेता रहेगा |
केस चलेगा करीब ८ साल आया १० साल पर अंतरिम भत्ता तभी बढ़ेगा जब अंतिम बहस होगी\
इतनी छोटी को देकर पीटीआई को अघोषित रूप से सरकार की तरफ से वैधानिक आजादी  मिल जाती है |
महिला अपने बच्चो के जीने , पढ़ने , भविष्य के लिए कमर तोड़ती है |
आप सोच कर देखिये क्या आज के भारत में १४०० या २००० रुपये में पूरा महीना निकला जा सकता है |
पर सरकार की दृष्टि से महिला को न्याय तो मिला ना |
उसके गरिमा की रक्षा तो हुई न |
अब तो पुरुष की गुलाम तो नहीं है |
क्या ये आजादी है ?
क्या ये महिला सशक्तिकरण है |
आज बच्चो के पढ़ाई पर सबसे ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता है |
दो बच्चो के लिए १४०० या २००० कितना होगा ?
जबकि एक बच्चे की फीस अच्छे स्कूल में ३००० से कम नहीं है |
तो क्या महिला को स्वतंत्र करने से ज्यादा उसे बच्चो के लिए जीने वाली बना कर सरकार ने छोड़ दिया |
जय ये महिला सशक्तिहै |
अखिल भारतीय अधिकार संगठन के इस विमर्श में शामिल होकर हमारा ज्ञान बढाइये |



Thursday 7 May 2015

क्यों करें हम अच्छे लोगो की बात ???समय कहा है

एक खबर जो खबर न बन सकी
कविता करकरे का पार्थिव शरीर आज सुबह पंचतत्व में विलीन हो गया। शहीद हेमंत करकरे की पत्नी नहीं रहीं, जाते-जाते एक बार फिर उन्होंने ज़माने को संदेश दे दिया कि वो एक वीर की पत्नी ही नहीं, खुद भी एक वीरांगना हैं।
उनके पति हुए थे देश के लिए कुर्बान, उन्होंने मरने के बाद कइयों को दिया जीवनदान! ये कहानी है कविता करकरे की, शहीद हेमंत करकरे की पत्नी। वही हेमंत करकरे जो 26/11 के आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। 6 साल पहले हेमंत करकरे डिनर के लिए पत्नी के साथ आउटिंग पर गए थे। एक फोन कॉल के बाद आधे में डिनर छोड़कर निकले और फिर कभी नहीं लौटे।
उसी वीर की पत्नी ने साबित कर दिया कि वो भी किसी से कम नहीं। सोमवार सुबह मष्तिष्क घात के बाद कविता दुनिया छोड़ गईं। लेकिन जाते-जाते तीन लोगों को जिंदगी दे गईं। कविता की एक किडनी 48 साल के एक शख्स को दी गई, जो 10 साल से डायलिसिस पर बस इस इंतज़ार में था कि कोई उसे जिंदा रहने के लिए एक किडनी दे दे।
दूसरी किडनी जसलोक अस्पताल में 59 साल के एक शख्स को दी गई, जो सात साल से किडनी ट्रांसप्लांट का इंतज़ार कर रहा था और कविता के लीवर ने कोकिलाबेन अम्बानी अस्पताल में 49 साल के एक शख्स को नई ज़िंदगी दे दी।
परेल के हाजी बचूली में दान की गईं कविता की आंखें भी दो अंधेरी जिंदगियों की रोशनी बन रही हैं। कविता करकरे के इस महादान के पीछे उनके तीन बच्चों का भी हाथ है, जिन्होंने अपनी भावनाओं पर काबू रखते हुए अपनी मां के शरीरदान की इजाज़त दे दी।
कविता करकरे ने जाते-जाते ये बता दिया कि उनका परिवार जान देना भी जानता है और जिंदगी देना भी। इसे वीरों का परिवार कहें, तो गलत नहीं होगा। इस परिवार को शत शत नमन।

Tuesday 5 May 2015

भरित्ये सेना के गरिमा की जीत - अखिल भारतीय अधिकार संगठन

अखिल भारतीय अधिकार संगठन की भारतीय सेना के लिए गरिमामयी सफलता
संगठन ने हमेशा यही चाहा है कि वो सदैव राष्ट्र के लोगो की गरमी और अधिकार के लिए काम करें |
घटना ये है कि लगातटर पीडी लाइट एडहेसिव वाले एक विज्ञापन में ये दिखाते थे कि बाघा बॉर्डर पर एक भारतीय सैनिक पाक सैनिक के जूते जोड़ता है और संगठन को लगता था कि ये भारतीय सेना का अपमान है और इसी लिए पहले देश के प्रधान मंत्री को लिखा गया | फिर एक पोस्ट भी लिखी गयी " भारत के सैनिक पाक सैनिक के जूते जोड़ते है " इस व्यंग्य का भी काफी असर रहा और उसके बाद भारतीय सेना के वेबसाइट पर जाकर कांटेक्ट अस पर जाकर विरोध दर्ज किया है |मुझे ख़ुशी है कि संगठन के इतने लम्बे प्रयास के बाद ऐसा आपत्ति जनक विज्ञापन बंद कर दिया गया है | आप सभी को इस मुहीम में साथ देने के लिए बधाई अगर किसी भारतीय को फिर ये विज्ञापन दिखाई दे तो तुंरत मेरे या संगठन के फेस बुक पर लिखे | आइये हम सब मिल कर अखिल भारतीय संगठन के साथ देश के लिए काम करें | डॉ आलोक चांटिया
अखिल भारतीय अधिकार संगठन

Friday 1 May 2015

मजदूर या मजा ...दूर दिवस

मजदूर ......या मजा ..........दूर दिवस
कल कोई अखबार नहीं आएगा क्योकि आज मजदूर दिवस है | आज ना जाने कितने संगठनों ने मजदूर दिवस मनाया होगा | क्या मैं घर में खाना बना रही महिला , माँ , पत्नी बहन को मजदूरर कह सकते है !!! मजदूर !! क्या दिमाग ख़राब हुआ है वो तो अन्नपूर्णा है उन्ही के कारण तो हम सबको भोजन मिलता है पर उन्हें क्या मिलता है ? बिना किसी मजदूरी के हमरे सुख दुःख का ख्याल करने वाली इस महिलाओ के लिए मजदूर शब्द क्यों नहीं ??? पर जो आप सुन्ना चाहते है उन्ही को मजदूर कहना पड़ेगा
लेकिन वो कौन है जो ठेके पर , अंश कलिक , अतिथि प्रवक्ता के रूप में पढ़ाते है | जिसे आप मजदूर कहते है उसकी मजदूरी है ३५० रूपया प्रतिदिन पर इस उच्च शिक्षा के शिक्षको को ७००० या ८००० मासिक मिलते है पर ये भी मजदूर नहीं हो सकते क्योकि आप नहीं मानते ? क्या इनके ऊपर कोई सोचेगा ??
अच्छा जो किसान अपनी मेहनत को बर्बाद होते देख कर आत्महत्या कर रहे है क्यों वो मजदूर नहीं !!! आरे क्या आप पागल हो गए है वो तो अन्न दाता है जिस=नके डैम पर पूरा राष्ट्र खाता है | उनके पास अपने खेत है वो बात अलग है कि उनके पास कपडे नहीं है , कच्चे मकान है | बिजली नहीं है , पानी नहीं है , उच्च शिक्षा नहीं है , अच्छी स्वास्थ्य सुविधा नहीं है पर उनको गलती से भी मजदूर ना कहियेगा !!!
तो ये मजदूर है कौन ????? जी जी क्या बात है आप कितने सच्चे राष्ट्र भक्त है जी वही लोग मजदूर है जो कामरेड है , जो जिन्दा बाद मुर्दाबाद लगा ते है जो कारखाने बंद करा देते है और यही नहीं जो एक दिन में चक्का जाम कर के सरकार को घुटनो पर टिका देते है | अब आप समझ गए होंगे कि मजदूर कौन है पर जिन लोगो के बारे में मैंने कहा वो क्यों मजदूर नहीं ..............पर मजदूर तो वही है  ना जिनसे मजा दूर ( मजदूर = मजा +दूर ) नहीं है वो हर समय अपने सुख , वेतन , सुविधाओ के लिए लड़ रहे है | और एक माँ पति , शिक्षक , किसान इस देश के आधार है संस्कृति है ना कि मजदूर  इस लिए उनके लिए मजदूर दिवस !!!!!!!!!!! जी मजा ............दूर है ..तो आज समझ गए ना मजदूर दिवस का दर्शन !!!!!! अरे ये क्या आप कहा चले क्या आपको मजदूर दिवस को सम्बोधित करना है .अरे चाय तो पिटे जैसे देखिये बिना दिहाड़ी की मजदूर आपकी पत्नी ने बनाई है जिसकी उस कोई कीमत नहीं मिलेगी सिवाए आत्मिक सुख के ...............कभी ऐसे मजदूर और मजदूरी के लिए भी सोच लीजिये किसी १ मई को ....................आप सभी को मई दिवस की शुभकामना ( अखिल भारतीय अधिकार संगठन )