Monday 13 August 2012

kya aapko tali bjane ki aadat hai ?????????

क्या आपको ताली बजाने की आदत है ...तो क्या ???????????????
कुछ दिन पहले मैंने भारत में छक्को पर पाना व्यंग्य लिखा था ..पर कई लोग कहने लगे कि आप कैसे कह सकते है कि भारत की जान छक्का है ...................मैंने कहा थोडा सायं रखिये सब पता चल जायेगा ....................अब आप ही बताइए क्या ओलम्पिक में भारत ने फिर छक्का बन कर नही दिखाया ................जी जी मैं भी वही कह रहा हूँ आप ही जब भी छक्का कहता हूँ तो पता नही क्यों ताली पीटने लगते है ................और अब खुद मान रहे है कि ओलम्पिक में भारत ने अपने को छक्को का ताज .....ओह हो आपकी की संगत के कारण न जाने क्या हो गया है .........यानि छक्का मेडल का मारा कि नही ................अब यह नही कहियेगा कि राम देव को आज पुलिस ने पकड़ कर छक्का वाला काम किया है ...............वो क्या करे असली छक्को से भला कौन उलझ पाया है .........बेचारो को छक्को ने कहा रामदेव को पकड़ लो तो क्या मजाल जो छक्को की बेशर्मी से लड़ पाते..................वैसे हमारे देश में छक्का इतना प्रिये है कि बदमाश को छठे से नवाजा जाता है .............हा हा छठ की पूजा भी खूब पूजी जाती है ................क्या आपको पता है कि छठ के कारण ही सरे छठे बदमाश नालंदा के आस पास पाए जाते है ...पर छक्का इतना ख़राब नही है भाई .............छक्के के आशीर्वाद से देश में विवाहित जोड़े खुश रहते हा और उनको धन , पुत्र की प्राप्ति होती है .........सही तो है जब तक इस देश के छक्के खुश रहे देश में विबाह स्वर्ग में बन्ने वाले जोड़े थे ................जब से सुब्रमण्यम स्वामी , अन्ना , रामदेव ने इन छक्को को नाराज किया .इन छक्को का प्रकोप तो देखिये .................ऐसे ऐसे कानून बना डाले कि शादी कब तक चलेगी ...................इसका ठिकाना ही नही ..........धन , पुत्र तो बहुत दूर है ...............पर आप मेरे छक्का कहने पर इतना नाराज क्यों हो रहे है ..................क्या आप नेता बनने जा रहे है ................क्या आपको लगता है मई नेताओ को छक्का कह रहा हूँ ........भैया अप नेता है आप ही ऐसा कह सकते है ..मेरी क्या हैसियत जो छक्को के मुह ................और क्यों लगूं....मुह लगाया नही कि एड्स देकर चले जायेंगे .............इन्केशारीर में इतने वायरस है कि कब किस को क्या हो जाये पता नही .....आसाम , महराष्ट्र इनके वायरस से ही जल रहे है .................चलिए आप इतना मुह न बनाइये  भुमंदालिक्ररण के दौर में कई धर्म यह मानते है कि दुनिया  छठे बनी यानि उनकी नजर में तो दुनिया ही छक्का है ..............चलिए आप को कोई तो मिल गया ...........वो देखिये छक्के राम देव को ठग कह रहे है ..............कह रहे है हम लोगो ने देश को ठगने का ठेका लिया है और अगर रामदेव भी वह करने के लिए ............................कितनी पहचान है ठगों को इस देश में ठगों की ..................काश ये अपने देश में छक्के का छक्का छुड़ा सकते ...................याद आया ना ....जीजी इस देश में मुहावरा भी है ..................छक्के छुड़ाना है ...................अब आप भी कुछ करिए ना ............देखिये देश में छक्का कौन है .................वैसे १+५=६ होता है और देश में छक्को का प्यार देखिये कि स्वतंत्रता भी १५( १+५=६) अगस्त को ही दिलाई ................खैर जब छ्क्कोका इतना महत्व है तो चलिए कहते है कि छक कर मनाओ छक्को से भरी ओलंपिक टीम की ................ये आप ताली क्यों बजा रहे है .........क्याआआआआआआआआआआ ...........हे भगवान,....................दे आलोक चान्टिया

Sunday 12 August 2012

adhikar kab milega

मेरी मौत के बाद जब खाना मिलेगा ,
कोई भूखा हो उसका ओठ खिलेगा ,
जिन्दा में मैं खुद ठोकर खाता रहा ,
मरने पर कोई चार कंधे पर चलेगा ,
भगवान के नाम पर  नंगे को देखो ,
छाती की हड्डी देख दिल तक हिलेगा ,
भगवान की मर्जी का कैसा ये खेल ,
बंद दरवाजे का राज कब तक खुलेगा ,
किसी तरह जी ले पशु से इतर हम ,
ये अधिकार हमको कब तक मिलेगा |....................हम सब भगवान पर इतना भरोसा करते है कि मनुष्य होकर भी हम पशु की तरह मर जाते है .पर हम कहा यह समझ पाते हैं कि मानव के उन रूपों का भगवान क्यों साथ दे रहा है जो रावन है .क्या आपको अपने अधिकार के लिए नही लड़ना चाहिए ,डॉ आलोक चान्टिया , अखिल भारतीय अधिकार संतान ,

Saturday 11 August 2012

ghar ka chulha jalta

हर कोई मेरी आँखों का पानी छीनता रहा ,
फिर हस उनको ही मेरे आंसू कहता रहा ,
पहले तिल तिल कर जलाता रहा  मुझको ,
लाश कह कर मुझको मिटटी में मिलाता रहा ,
बेवजह अपनी ख़ुशी में मुझको जला डाला ,
उन लकड़ी से किसी के घर का चूल्हा जलता ,
आलोक ढूंढा भी तो चिता की उठती आग में ,
पूरब को देख लेता तो मैं रोज वही मिलता ............................क्यों हम ऐसा कर रहे हैं  क्यों हम एक दूसरे के लिए जीने की बात करके सिर्फ छलते है .जिन्दा आदमी को लाश बना देता है और हर आशा को मार देते है ...क्या यही भाई चारा है हमारा ..................डॉ आलोक चान्टिया , अखिल भारतीय अधिकार संगठन

Thursday 9 August 2012

desh me chhakke hi chhakke hai

हमारे देश में ६ का मतलब छक्का से लगाया जाता है और क्रिकेट के छक्का के अलावा भी इस देश में छक्का उसको कहते है जो न तो नर में है  और ना नारी में यानि हिंजड़ा और इस बार क्या कहने हमारे प्रधान मंत्री .....नाम तो मै ले नही सकता .............काश इस समय मोनिया जी फ़ोन पर होती तो उनसे पूछ तो लेता कि किस को प्रधान मंत्री कहना है ....खैर कोई बात नही .............प्रजा तंत्र में तो रजा तो कोई भी बन सकता है ..अब चाहे राहुल को समझ लीजिये या प्रियंका को , चाहे बढेरा को या फिर सोनिया जी को क्या फर्क पड़ता है .........................यार आप लोग भी न बात क्या करना चाहता हूँ और बार बार मेरा ध्यान इधर उधर मोड़ देते हो .........बात करना चाहता हूँ कि राष्ट्र पति भवन में शपथ ग्रहण में क्या क्या खाया गया तो आप है कि बस आसाम के दर्द एम् पिघले जा रहे है ..............अरे मरने के लिए ही तो हम सब पैदा हुए है ...............अब चाहे जल कर मरे या भूख मरी से ...मर तो गए ना ...जिन्दा तो स्वर्ग नही चले गए ????????????अब भाई मुझे अपनी बात पूरी कर लेने दीजिये ................हां तो छक्का का मतलब .........वही वही जो बस हाथ पीटते है और म्हणत आप करते है ...चाहे शादी करे या शादी के बाद बाद बन्ने के आदी बने पर यह सब हाथ पीटते हुए आ जाते है तो इस बार तो  स्वतंत्रता दिवस में दो दो छक्का लगा है ...........और  राष्ट्रीय ध्वज कौन फहराएगा ????????????//अरे अपने देश के ..................एक छक्का से लगता है मन नही भरा जो अब दो का आनंद ले रहे है ...................खैर देश में छक्के ही तो है वरना अन्ना क्यों डरते भला छक्को से कौन लड़ पाया है ............शायद अन्ना को लगा होगा कि देश सामान्य आदमी चला रहे है ...................छक्के से भीष्म पितामह तक को अपनी जान गवानी पड़ी थी ................जी जी मालिक काफूर ................बिलकुल अल्लौद्दीन खिलजी का मंत्री .....................हिंजड़ा था .......कौन सी लड़ाई कोई उस से जीत पाया ??????????????/// काश अन्ना जान पते कि देश एक छक्के के नही दो छक्के के चंगुल में है और राम देव जी तो दो दो छक्के का आनंद भी १५ अगस्त को लेंगे .................भाई राम देव जी को बता दीजिये कि इन्ही अप्राकृतिक लोगो की वजह से एड्स ज्यादा फ़ैल रहा हा जरा दूरी बना कर रहेंगे वरना इनका क्या ये तो बर्बाद है ही और हमारे राम जी को भी .................काश इस बार देश अपने डबल छक्के से ...पर एक से भले तो दो होते है ..............और दो क्यों एक और एक तो ग्यारह होते है ..............अब यह मै आप पर छोड़ता हूँ कि दो छक्के मिल कर कितने होते है .................ग्यारह तो होते ही है पर जरा सोच कर देखिये .........५४२ ...........हो सकता है ...आखिर इस देश में क्या नही हो सकता है .............जब यह भगवन जन्म ले सकता है तो राक्षस को जगह तो देनी ही पड़ेगी ...वरना भगवन धरती पर कैसे आयेंगे ............पर इस बार तो राक्षस छक्के है .................एक नही दो दो ...................कही आप ने भीष्म पितामह जैसी कसम तो नही खायी है ना .......काश इन छक्को से देश में कोई वीर मर न जाये .................पर मरेगा क्या अब तो देश ही मरो का हो गया ....................नही तो अन्ना रणछोर क्यों हो जाते बेचारे कम से कम कृष्ण जन्माष्टमी तो मना रहे होंगे .............पर आप कही मत जियेगा बस आज से ठीक छठे ( मतलब यह भी छक्का ) आप के सामने होंगे देश की स्वतंत्रता के पूरे छाछठ साल हा हा हा जी जी दो दो छक्के .......आखिर छक्को को भी जीने का हक़ है .........देश के नेता विधायक , सांसद बनने का हक़ है ..........तो फिर इनको छक्का नही नही मानिये छक्का कहिये ................क्यों छक्का जी आपको देश का जन प्रतिनिधि बन कर कैसा लग रहा है ??????? छोड़ियेगा नही इस देश को जब तक आपकी तरह यह नपुंसक न बन जाये ..................वो छक्का ही क्या जो अपनी तरह ही देश हो न बना दे ..............और इस बार तो आप दो छक्के साथ आये है ....तो लूटिये छक कर और लुटाइए छक कर जब तक हर तरह छक्का ही जाता न दिखाइए देने लगे ..............आखिर उस खेल क्या मजा जिसमे छक्का न हो ................और हमारे देश में तो छक्के के विश्व रिकार्ड है .............स्वतंत्रता दिवस पर आप सबकी को एक साथ दो छक्के की बधाई ................डॉ आलोक चान्टिया

Friday 3 August 2012

kachumari hui anna par prasann

अन्ना ने मानी आलोक चान्टिया की बात और कचुमारी देवी हुई प्रसन्न ....................लोग फर्जी चिल्ला रहे हैं कि अन्ना ने राजनितिक पार्टी बनाने की बात करके अच्छा किया या नही .................अरे भाई अन्ना को क्यों सलाह दे रहे हो ................सांगत से फल उपजे , संगत से फल जाये ......जब एकसाल से देश के बड़े बड़े नेताओ के साथ बात कर रहे है तो प्यार तो होना ही था .................हा हा चन्दन विष व्यापत रहे लपते रहत भुजंग ..............क्यों क्या अब अन्ना चन्दन नही रह गए ..................खैर चन्दन इतना महंगा है कि ज्यादातर लोग खरीद ही नही सकते .................और कोई खरीद न पाए तो गरीब ही हुआ ना .................अब आप सोचिये कि क्या अन्ना आपको गरीब समझ रहे है ..............न न यह पाप अन्ना कर ही नही सकते .......क्योकि सड़क के किनारे लगे पेड़ तो सरकारी होते है और उनको कोई क्षति पहुचाये वह तो सजा योग्य है और देश के गरीब तो  सडको पर सोते हैं ....पेड़ो की तरह अँधेरे में रहते है ........तो हुए न सरकारी ......अब आप बताइए अन्ना की क्या मजाल जो इन सरकारी लोगो को नुकसान पहुचाये ................और इसी लिए सरकार इन लोगो को फटेहाल रखती है ...आखिर सरकार के सरकारी लोग नही होंगे तो काम कैसे चलेगा ...............और इन्ही सरकारी लोगो को सरकार सस्ते में सब देती है और सरकारी लोग मत देते है .........अब आप बताइए अपने शोध कार्य में जैसे अन्ना को यह समझ में आया कि इस देश में सरकारी लोग नेतागिरी के लिए जरुरी है बस उन्होंने तये कर लय कि भ्रष्टाचार मिटने से कुछ नही होगा बल्कि उसके साथ जीने से ही ख़त्म होगा .............और सही भी है ...नाली के गंदे पानी में साफ़ पानी मिलाने पर ही सफाई होती है ...और अन्ना तो नाली में मिलाये जाने वाले पानी कि तरह है ही साफ़ पारदर्शी ..............और आप भी तो कहते है कि जस जेके महतारी बाप तस तैके लड़का .................और हमार महतारी ....अरे यही अपनी भारत अम्मा ...भ्रष्टाचार की साड़ी में ऐसी लिपटी है कि उनकी संतनको तो ऐसा ही होना है ...अब आप बताइए अन्ना क्या नही चाहते कि कोई उनको भारत माँ की संतान ना समझे ........वो कोई इटली से आये है जो देश के अतिथि बन कर राज कर लेंगे ..................मई तो कहता हूँ कि देश की आबादी एक अरब ३० करोड़ है और कितना मजा आएगा जब इतनी पार्टिया बन जाये ...हुआ ना विश्व कीर्तिमान ... और मुफ्त में गिनीज बुक में नाम अलग से ......आप यही कह रहे है ना एक मेडल तक तो ला नही पाते ओलंपिक में देश के लिए ....तो मुझसे क्या कह रहे है सरकार से कहिये कि इन देश के गैर सरकारी लोगो पर जितना पैसा खर्च करते हो उतना पैसा लगा कर न जाने कितने गोल्ड मेडल बनवा कर ऐसे बाँट दो ...कम से कम उनके घर में कुछ तो दिखाने को रहेगा ..............खैर अन्ना जी आप ने पार्टी ???????????????? जी जी रोजा अफ्तार पार्टी नही ...........न न पार्टी मतलब खाना पीने वाली पार्टी ...खैर यह टीस देश में पार्टी का मतलब यही है ......चलिए वही सही मेरा कहने का मतलब है कि खाने पीने के लिए जो भी पार्टी बन रही है ........उसके लिए आप पूरे देश को दावत तो दे दीजिये ...............महंगाई के ज़माने में वैसे लोग तेरहवी का खाना खाने पूरे परिवार के साथ आ जाते है ...............आप न भी बुलाये तो सब आ जायेंगे ...आखिर हम सब एक ही देश के है और काले है तो क्या हुआ  दिल वाले है ............देखिएगा यह देश जगतगुरु रहा है .....आपके साथ पूरे चुनाव में रहेंगे ..और आपको लगेगा कि बस अब प्रधान मंत्री आप ही ...................और जब मत का बक्सा खुलेगा .................तो चार मत मिलते है ...........यह के लोग कथनी करनी के बेहतरीन उदहारण है .............आप तो ऐसे मुझे देख रहे है जैसे मै कुछ गलत कह गया ........५००० अंग्रेजो से पूछ लीजिये .................इस देश के लोगो ने भारत में रह कर साथ उनका दिया .......आखिर हम अतिथि देवो भाव की बीमारी से ग्रसित है ................जी जी आप इस दवा की कुछ गोलिया खा कर ही सोइयेगा ...............वरना ...................अन्ना पार्टी जिन्दा बाद ..........एक तो करेला ऊपर नीम चढ़ा ...............गलती क्षमा ........चोर चोर मौसेरे भाई ?????????????? लागा चुनरी में दाग ..नही नही .......नाच न आवे आंगन टेढ़ा ..................चलिए आप ही अपने बारे में कुछ बता दीजिये .............क्या क्या .......बिना मरे स्वर्ग नही मिलता ................स्वर्ग ??????????????/ डॉ आलोक चान्टिया

Wednesday 1 August 2012

rakhi ke sath ka akarshak inam muft

भाई अपुन को राखी बंधवाने का ...................क्या
आज देश जिस रात से गुजर रहा है वह कल की सुबह में राख में बदल जायेगा पर राख की बहन राखी भी कल अपना दर्द लेकर आएगी ...............राखी वही राखी जिस से हम सब भाई बहन बनते है .....बहन आपको अपनी रक्षा का जिम्मा देती है ...........पर लडकिय तो इस देहस में रिक्शे वाले को भी भाई कहती है ....भैया सुनो क्या हज़रत गंज चलोगे ...........यार आप गली क्यों दे रहे है ....मैं जनता हूँ आप वो वाले भाई नही है .................अरे सब्जी वाले भैया जरा इधर आना ...लौकी है क्या ???????????////ओह हो आप को मैं नही कह रहाहूँ की आप लड़की के ये वाले भैया है ............आप तो भाई है भाई ................यार अपने को क्यों दाउद ...अबू समझ रहे हो ....वो भाई हा पर आप के छाती में इतनी ताकत खा है जो ये भाई बन सके ........इन्ही भाइयो के पास तो आप की ताकत गिरवी है ..............अब भाला न उठाइए ....महराना प्रताप बन कर हमारी पैंट न ढीली करिए ......आप भाई है आप तो बहन की रक्षा के लिए .....ये मुझे क्या हो रहा है .....हा हा अपनी गद्दी बचने के लिए जोधा बाई के लिए दूल्हा तक धुन्धने नही गए ...और क्यों जाये ...अकबर से ज्यादा महान था ही कौन ................वो तो अब कोई अकबर जैसा महान है ही नही ..........इस लिए क्या मजाल जो कोई बहन को हाथ लगा दे ....मैं  जनता हूँ आप सर कटा सकते है .....पर सर उठा कर अपनी बेशर्मी देख सकते .......( पर कहते है सर झुका सकते नही ) ...........इस देश पर हमको नाज ही इस बात का है कि हमने बहनों के लिए क्या नही किया हैं ...........ये लो मैं इतनी अच्छी बात बता रहा हूँ और स्टॉप संस्था के पेट में दर्द होने लगा कि रोज २०० लडकिया वेश्या बनायीं जाती है ................हर ८ मिनट पर एक लड़की से बलात्कार होता है .......हर १ घंटे में एक लड़की हा अपहरण हो जाता है ..............तो क्या हुआ भाई क घर में लाने के लिए न जाने कितनी बहने माँ कि कोख में ही दम तोड़ देती है .........मादा भुन हत्या मत कहिये प्लीज प्लीज ....यह तो बहनों का त्याग हैं ना ...अपने भाइयो के लिए और ये तो देश कि वो बहने है जो माँ के पेट से इस देश किपैदा हुई बहनो कि दुर्दशा देख कर चाहती है कि हर घर में सिर्फ लड़के ?????????????? भाई  ही पैदा हो ताकि जो बहने पहले से दुनिया में रह रही है ...और जिन्होंने मादा भूर्ण हत्या से अपने को बचाया है ....उनको बलात्कार से तो बचाया जा सके ......क्या मैं गलत कह रहाहूँ ?????? कल कि सुबह कितनी अच्छी होगी कि आपको गरम मसालेदार सुचना मिलेगी ...कि फलां जगह १२ साल कि लड़की से बलात्कार हुआ ...या अरुशी को उसके ही बाप ने मार डाला .....या एक लड़की से उसका ही बाप अपना मुह काला कर रहा था ......हा हा आपको ऐसी चाट पटी बातो से मन कहा  भरता है .............तो लीजिये गरम गरम तड़का .................मधुमिता के पेट में मंत्री का बच्चा ...............( लगता है भाई नही था बेचारी !!!!!!!!!!!!!!!) कल कुछ दबंगों ने एक महिला को पुरे गाँव में नंगा करके घुमाया ..............( बेचारे अपनी बहन को नंगा करके कैसे देखते ....आखिर शर्म भी कोई चीज़ है कि नही )...........अब आप समझ गए होंगे कि राख के नजदीक राखी क्यों है .................और आप तो ताकतवर भाई है .........जब भी कोई बहन शादी के बाद कहे कि उसका पति उसको मरता है तो भाई का कर्तव्य है कि बहन को समझाए कि इस देश में पति कि दासी बन कर रहना कोई बुरी बात नही और अगर पति ने कुछ कह ही दिया तो उलट कर जवाब देने की क्या जरूरत ......हा भाई लड़की का मतलब गूंगी होता है ..लगता है आप जैसे होनहार भाई के कारन बोलना सीख गई .......औउ ज्यादा से ज्यादा क्या जला दी जाएगी ................पर इसमें भी क्या बुराई है ...बल्कि आप जैसे भाई को  सरकार को भारत रत्न देना चाहिए क्योकि सरकार तो परिवार नियोजन में नाकाम रही जबकि आपक मादा भ्रूण हत्या , दहेज़ हत्या सब के लिए अधिक्रत कर दिया ..............कम से कम नपुंसक भाई के कारन बहन जल्दी मार दी गई .........तो देश का ही भला हुआ ...कम से कम वह बच्चे पैदा नही कर पायेगी ...............तो भाई पुरस्कार शुरू करना  चाहिए ...............वैसे आज एक सज्जन मुझसे कहने लगे डॉ साहब आप लगता है पुराने ज़माने के है ...........भाई का मतलब ही है ..भा ......................ईईई तो जो भा जाये समझ रहे है ...मैंने खः आप जैसे ही लोगो के कारण ही तो .................बस आप ने शुरू कर दिया लेक्चर ....अरे बहन का मतलब है .......बह ...................न ..............यानि बहन वही जो ज्यादा न बहे ...........अब लडकिय ही अपनी सशक्तिकरण के नाम पर बहने लगती है तो वह न भा ....................में रह जाती है .....न ईईईइ  में ............आप जैसे भाई  के कारण ही तो बहनों ने दाउद को भी बही कहना शुरू कर दिया ...................क्या आप महराष्ट्र जा रहेहै ...................मैं तो भूल ही गया की भाई तो आप है ही .................आखिर उत्तर प्रदेश वाले बिहार वाले वह भाई ही तो होते है ..................चलो कम से कम वहा की बहनों को भाई मिल तो जाते है भले  ही निर्यात से मिलते है .................क्या आपके कोई भाई नही है .................तो क्या हुआ ???????????????? आप सांप को राखी बांध दीजिये ..वह भी भाई ही होता है .................वैसे भाई मीठा नही हो सकता यह तो सांप को भाई बना कर इस देश ने बता ही दिया है ...........संभलियेगा कल आप भी राखी बंधने जा रही है ..........क्या कही सांप को भाई तो ..........................खैर पूरे देश को भगवान बचाए कल क्योकि भाई की कलाईयाँ  तो राखी के भार से दबी होंगी .................यानि कल तो विकलांगता दिवस है राष्ट्र का ..................भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना ..........भैया मेरे ..................सुन रहे है ना बहन क्या कह रही है ...............राखी  बांध  कर प्रार्थना यानि क्या कहने कि  जरूरत है कि बहने कितना भरोसा करती है ...................पर दहेज़ में राख होने के बाद भी बहन खड़ी है राखी लिए ...बढिए बढाइये ...हाथ ..खाइए रसगुल्ला ........और बंधवा लीजिये ५, १० २० १०० रुपये कि राखी और आप तो स्वाभिमानी है ..बहन का कर्जा बिलकुल मत  रखिये , १००, २०० ५०० रुपये देकर आज ही मुक्त होने का सुनहरा अवसर .........................तो आइये हम सब राखी बंधवा कर ऋण मुक्त हो ले .................क्या आप कर्ज से मरे जा रहे है ....तो कल का लाभ उठाइए ...और जीतिए बम्पर इनाम .............मादा भुन हत्या , दहेज़ हत्या , घरेलु हिंसा , यौन उत्पीरण और भी आकर्षक ईनाम....सेवा सिर्फ स्टाक रहने तक अंतिम तिथि २--८-२०१२ ..............डॉ आलोक चान्टिया