हम लोग ज्यादातर यह कहने में नहीं चूकते कि आपको लोगो कि पहचान है फिर आप गरीब होकर भी , अपनी जरुरतो में मन मार कर जी लेने वाले आप क्यों ऐसे लोगो को चुनते है जिनके पास इतना है कि एक कस्बे के सरे लोगो को सालो खाना खिलाया जा सकता है | अपने घर में तो आप कहने से नहीं चूकते ही उड़ो मत मालूम है बहुत पैसा कमा लिया हा पर उन नेताओ से कब पूछेंगे कि इतना पैसा कहा से ला रहे हो हम दो जून की रोटी कूदो में तलाशते है और तुम माल पुआ सड़क पर फेक देते हो !!! तुम्हारे दिल में क्यों नहीं हमारे लिए दर्द है ??और अगर आपको ये सब समझ में आ रहा हो तो इस बार देश को अपने तरह का नेता दीजिये जिसे अभावो का दर्द हो .क्या इस बार आप बुद्धि की परीक्षा देंगे ना .................
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