इस समय प्रदेश के निजी महाविद्यालय में प्रवेश की प्रकिया चल रही है.इस समय निजी महाविद्यालय में स्नातक और परास्नातक की कक्षों में प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है.निजी महाविद्यालय के प्रबंधको ने इसके लिए एजेंट छोड़ रखे है जिनको एक छात्र का प्रवेश कराने पर २०० से ५०० रुपये तक कमीशन के तौर पर प्रदान कराये जाते है.इन छात्रो से ये महाविद्यालय के प्रबंधक और एजेंट अपने महाविद्यालय की नक़ल की खूबियों को बताते है .यह बताते है की उनके महाविद्यालय में नक़ल किस तरह और कितने घंटे करायी जाती है साथ ही प्रयोगात्मक परीक्षा में ८० से ९९ प्रतिशत अंक दिलाने का वादा भी किया जाता है .अगर हम सच्चाई देखे तो ये बात १०० फीसदी सच भी है.अगर आप को निजी महाविद्यालय की प्रयोगात्मक परीक्षा की सच्चाई जननी है तो आप छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय का परीक्षा फल देख सकते है तो जल्द ही आने वाला है.प्रयोगात्मक परीक्षा की अन्दर की सच्चाई यह है की जो टीचर प्रयोगात्मक परीक्षा लेने जाते नही उन को नोटों की गड्डियाँ थमा दी जाती है और मन चाहे अंक प्रबंधको के द्वारा ले लिए जाते है .इस बार के परीक्षा फल में आप देख सकते है की छात्र थ्योरी में फेल है पर प्रयोगात्मक परीक्षा में उसके ८० प्रतिशत से ज्यादा ही अंक होगे जबकि निजी महाविद्यालय में शायद ही कभी लैब खुलती हो.अब जरा प्रवेश प्रकिया पर भी ध्यान दे .इस समय निजी महाविद्यालय के प्रबंधक के द्वारा टीचरों को भी इंटर पास छात्रो को बहला फुसला कर प्रवेश कराने पर लगा दिया गया है तथा इसके साथ ही लाउड स्पीकर से भी प्रचार किया जा रहा है ,चारो तरह महाविद्यालय के बैनर पोस्टर भी लगे हुए देखे जा सकते है .ये सब बाते इस बात को दर्शाती है की देखो शिक्षा की व्यवसाय इस तरह से होता है.इस तरह से डिग्री बेचीं जाती है .चले आओ हम स्नातक से लेकर परास्नातक तक की डिग्री बेचते है.
शिक्षा के क्षेत्र में व्याप्त हो रही अनियमितताएं और भ्रष्टाचार मन मस्तिष्क को शून्य कर जाती है इस क्षेत्र को भी अछूता नहीं रखा जा रहा गंभीर और चिंता का विषय -भर्त्सना ही होनी चाहिए
ReplyDeleteशुक्ल भ्रमर ५
जिनको एक छात्र का प्रवेश कराने पर २०० से ५०० रुपये तक कमीशन के तौर पर प्रदान कराये जाते है.इन छात्रो से ये महाविद्यालय के प्रबंधक और एजेंट अपने महाविद्यालय की नक़ल की खूबियों को बताते है
achchha prayas
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