Monday 20 January 2014

कमल पर ब्रह्मा ( सृष्टी ) मिलेंगे !!!!

क्या करूँ वही करूँगा जो  कर सकता हूँ .......
हो सकता है आपको लगे कि नहीं मैं तो वह भी कर सकता हूँ जो शेर करता है और हो भी क्यों ना आप आदमी जो ठहरे , इसी शेरे गधे की खोज में तो आपने जंगल कःटम कर दिए क्योकि आप मनुष्य है और आप कुछ भी कर सकते है लेकिन आपको शायद अपनी ही बनायीं एक कहानी भूल गयी है | जी जी वही चुहिया वाली कहानी जिसमे एक बाज उसके पीछे पड़ जाता है और आप मनुष्य के रहते हुए भला बाज की क्या मजाल जो अपनी भूख मिटा ले ! आप जैसे मनुष्य ऋषि ने  उस को एक लड़की बना दिया और अपने आश्रम में रख लिया | लड़की बड़ी हुई तो चिंता शादी की हुई | ऋषि ने आकाश , पर्वत , समुन्दर , शेर , आदमी सब दिखाए पर लड़की को कोई पसंद नहीं आया | ऋषि बहुत परेशां हो कर सोच रहे थे कि उनको याद आया कि मूल रूप से तो यह चुहिया है और बस फिर क्या था जब उन्होंने उसको चूहा दिखाया तो वह तुरंत राजी हो गयी और शादी कर ली | नाराज ना होइए मैं कोई बेकार की बात नहीं कर रहा हूँ | मेरा तो मतलब है कि जिसने सिर्फ मूल रूप से विरोध और धरना देना ही सीखा उसको दिल्ली की कुर्सी कहा से प्यारी हो सकती है ? आप मनुष्य है तो आप बेवजह किसी व्यक्ति को उसके मूल से हटा कर ना जाने क्यों दिल्ली की कुर्सी पर बैठना चाहते है | भाई सृष्टि चलाने का काम किसका है ? ब्रह्मा का ! वाह वाह आपको तो सब मालूम है फिर तो आपको यह भी पता होगा कि ब्रह्मा कि उत्पत्ति कहासे हुई ? जी जी विष्णु की नाभि से | और ब्रह्मा बैठे किस पर थे ? कमल पर ! तो जो सृष्टि चलाना चाहता है  यानि जो कुछ नया देना चाहता है , सृजन करना चाहता है वाह कमल के ऊपर बैठा है \ जी जी तो आप तो मनुष्य है फिर आपको क्यों नहीं दिखायी दे रहा है कि कमल कहा है ? और आप है कि मनुष्य बन कर चुहिया हो आदमी बनाने पर लगे है | माना आप सर्वशक्ति मान ( मतदाता ) है और आप कुछ भी कर सकते है ! पर क्या फायेदा जब आपको अपनी बनायी कहानी के अनुसार ही चुहिया को चूहा के साथ खड़ा करना पड़े | तो अपने मत का दान मत करिये बल्कि उसकी कीमत समझ कर ब्रह्मा ( सृष्टि यानि नयी सोच , नए रास्ते देने वाला ) को देखना चाहिए | क्या अब मैं ही बतलाऊ  कि ब्रह्मा कहा मिलेंगे ? अरे भाई ये कौन सी मुश्किल बात है ब्रह्मा कमल पर बैठे मिल जायेंगे | अब ये ना पूछना कि कमल कहा मिलेगा ? आखिर आप आदमी है और आप कुछ भी कर सकते है तो ढूँढिये और सिद्ध कीजिये कि आप कुछ भी करने में सक्षम है ? अपनी सकती का सही प्रयोग कीजियेगा वरना चुहिया वाली कहानी की तरह आप ही कहेंगे लौट के बुद्धू घर को आये ! वो वो कमल दिखायी दे रहा है जल्दी कीजिये और देखिये ब्रह्मा ( सृजन ) कहा मिलेगा मैं तो चला ब्रह्मा ओ ढूंढने ?( व्यंग्य समझ कर पढ़िए )

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