Sunday 25 May 2014

कड़वा सच

मेरा गुनाह सिर्फ इतना रहा ,
मैं हिमालय से निकल पड़ी ,
निर्मल , बेदाग जिंदगी लेकर ,
पर तुम्हे कहा पसंद ,
सच्चाई और अपने रास्ते.
लो अब तो खुश हो लो ,
मैं तुम जैसी हो गयी ,
मेरी पारदर्शी जिंदगी ,
अब तो मैली सी हो गयी ..................
अगर आप एक सच बन कर जिन चाहते है तो दुनिया के मैले लोग आपको अपने खातिर वैसा ही बना डालेंगे जैसे वो है और देखिये न पुरुष अपने लिए नारी को उसके स्तर से गिरता है और खुश होता है क्योकि अब उससे ज्यादा नारी मैली कहलाती है ...........

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