गाँधी ही क्यों ???????????????????
क्या शास्त्री जी भी आज ही पैदा हुए थे ................पर आप भला उनका नाम क्यों ले .गाँधी कहने से देश में चलने वाले हर रुपये पर उनका चेहरा जो आता है .......और जो रुपये के साथ है वो आपके साथ है क्योकि जब आपकी जब गरम रहेगी तभी तो मजा ले सकेंगे ...............मैं नहीं आप खुद ऐसा कह रहे है .........गाँधी हर समय जेब में रहता है क्योकि देश में अब रुपये से ऊपर बचा ही क्या है ......................पर शात्री कौन थे ?????????????? होंगे कोई गरीब ...............क्या कह रहे है वो तो देश के प्रधान मंत्री थे ................यार ये भी कोई प्रधान मंत्री की कहानी है कि जब मरे तो जो कार ली थी उसका भी उधर लिया था और मरने के बाद घर वाले कर्ज उतारते रहे ..................पता नहीं शास्त्री जी क्यों नहीं समझ पाए .अरे आज के नेता से ट्रेनिंग ले लेते ...........कार कर्जे से वो भी एक टूटुर पुंजिया नेता तो लेता नहीं नहीं कहिये तो देश को कर्जे में डुबो दे ...........अब एक कर्ज दार प्रधान मंत्री से कौन अपना रिश्ता ( देश में अगर रिश्ते दार यहाँ तक माता पिता अगर गरीब है तो लोग अपना रिश्ता नहीं बताते )......जोड़े .......गाँधी की बात और है कम कम से सुबह से शाम तक हर भारतीय के लिए वाहक बन कर जेब में रुपये तो लाता है .............क्या अब भी आपको लगता है कि कर्जे तक अदा न कर पाने वाले शास्त्री को हमें जन्मदिन की शुभ कामना देनी चाहिए ??????????????? देखिये कही आपकी जेब से रूपया गिर ........मतलब गाँधी जी निकल न जाये ( व्यंग्य समझ कर पढ़िए )
क्या शास्त्री जी भी आज ही पैदा हुए थे ................पर आप भला उनका नाम क्यों ले .गाँधी कहने से देश में चलने वाले हर रुपये पर उनका चेहरा जो आता है .......और जो रुपये के साथ है वो आपके साथ है क्योकि जब आपकी जब गरम रहेगी तभी तो मजा ले सकेंगे ...............मैं नहीं आप खुद ऐसा कह रहे है .........गाँधी हर समय जेब में रहता है क्योकि देश में अब रुपये से ऊपर बचा ही क्या है ......................पर शात्री कौन थे ?????????????? होंगे कोई गरीब ...............क्या कह रहे है वो तो देश के प्रधान मंत्री थे ................यार ये भी कोई प्रधान मंत्री की कहानी है कि जब मरे तो जो कार ली थी उसका भी उधर लिया था और मरने के बाद घर वाले कर्ज उतारते रहे ..................पता नहीं शास्त्री जी क्यों नहीं समझ पाए .अरे आज के नेता से ट्रेनिंग ले लेते ...........कार कर्जे से वो भी एक टूटुर पुंजिया नेता तो लेता नहीं नहीं कहिये तो देश को कर्जे में डुबो दे ...........अब एक कर्ज दार प्रधान मंत्री से कौन अपना रिश्ता ( देश में अगर रिश्ते दार यहाँ तक माता पिता अगर गरीब है तो लोग अपना रिश्ता नहीं बताते )......जोड़े .......गाँधी की बात और है कम कम से सुबह से शाम तक हर भारतीय के लिए वाहक बन कर जेब में रुपये तो लाता है .............क्या अब भी आपको लगता है कि कर्जे तक अदा न कर पाने वाले शास्त्री को हमें जन्मदिन की शुभ कामना देनी चाहिए ??????????????? देखिये कही आपकी जेब से रूपया गिर ........मतलब गाँधी जी निकल न जाये ( व्यंग्य समझ कर पढ़िए )
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