Thursday 21 November 2013

संगत से फल उपजे ....................

संगत से फल उपजे ............
कहते है कि खरबूजे को देख कर खरबूजा रंग बदल देता है .ओह हो आपको यह उदहारण तो समझ  में ही नहीं आएगा ...चलिए चोर चोर मौसेरे भाई तो समझते है ना ..........अब आप यूँ समझ लीजिये कि जब रात दिन आप चोर उचक्को के साथ ही रहेंगे तो आपसे कैसे उम्मीद करूँ ????????????? और जिसे देखो वो पुलिस को कोसता रहता है ..........नीम पर जो भी लता चढ़ जाती है उसके  फल कड़वे हो जाते है अब आप यह क्यों सोचते है कि जब आप एक चोर आदमी के साथ रात दिन रहेंगे तो संगत का फल तो पड़ेगा ही और आप चोर मचाये शोर कि देखो आया माखन चोर गाना गाने लगेंगे ............और चोर कब अपने को चोर कहता है वो तो हमेशा शाह बन कर रहता है ऊपर से उसका असर .फिर क्या कहने बल्ले बल्ले सब चोर अब कौन बंधे बिल्ली के गले में घंटी क्योकि अब तो काजल की कोठरी में सभी के हाथ काले है .यानि स्टाक होम सिंड्रोम के शिकार !!!!!!!!!!!!!!!!!!!! नहीं समझे ना चलिए आपको बताये देता हूँ कि स्टाक होम में एक बैंक में जो लोग चोरी करने गए थे उन्होंने वह कुछ लोगो को बंधक बना लिया .....कुछ दिनों तक बंधक और चोर साथ साथ रहे तो बंधको को चोरो से सहानभूति होने लगी और सारे बंधक उन चोरो के समर्थक  बन गए ..............अब ऐसा तो है नहीं कि यह सिंड्रोम यहाँ न फैले जब अफ्रीका का एड्स भारत के आ सकता है तो स्वीडन का सिंड्रोम क्यों नहीं !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! देखिये कही आप भी किसी चोर उचक्के , लुटेरे या झूठे आदमी के साथ बराबर तो नहीं रह रहे है ????????????????????? यानि गयी भैस पानी में और आप हो गए सिंड्रोम के सिकार जिस कहते संगत से फल उपजे संगत से फल जाये >.......................अब आप अपनी दाढ़ी में तिनका ढूंढने लगते है तो मैं क्या करूँ .आरे भैया व्यंग्य क व्यंग्य समझो अपनी सच्चाई उसमे क्यों ढूंढने लगते हो .................पर आप क्या दोष पाप सर चढ़ कर जो बोलता है ..चलिए आप भी पाप का इंजेक्शन लगवा लीजिये नहीं तो कही सच आपके अंदर रह गया ..........तो कोई आपके पास भी नहीं खड़ा होगा और आपको कुत्ते की मौत वाला मुहावरा याद आएगा ...तो देर किस बात की खर पतवार की तरह हर नुक्कड़ पर झूठ का पौधा मिल जायेगा ...........उसे लगा लीजिये फिर देखिये आपको कितना सम्मान मिलता है आखिर दिल्ली तक ????????????????? तो आपके हाथ तो दिल्ली का तख्ते ताऊस तो आना ही है ............ये तो शुक्र है कि अभी संगत से कुत्ते पैदा नहीं होते हा लम्बे समय तक रह कर कुत्ते जैसे !!!!!!!!!!!!!!!!!!!! कृपया इसे व्यंग्य समझ कर मुझ पर रहम खाइये और मेरी लेखनी को चलने दीजिये

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