बुरा जो देखन मैं चला ..................
पता नहीं क्यों मुझे बुरा देखने का शौक चढ़ गया .......पर बुरा है कहा वो तो कीचड़ न हो तो कमल कैसे खिले .और तो और भगवान के बारे में तभी सब अच्छा लगता है जब राक्षस के बारे में भी बात हो .............और बुरा देखने की जरूरत क्या है ..........कल ही तो नेता जी का भाषण आया था उनकी तस्वीर भी देखी थी .....जी जी आप इतना नाराज न होइए मैं तो बुराई की बात कर रहा हूँ .............कुत्ता कहने पर मुँह बन जाता है पर कुत्ता ही तो स्वामिभक्त होता है ..........अब बताइये कैसे आपको बुराई दिखायी देगी .........अब अगर आम्रपाली जैसी नगर वधु ( वेश्या वृति को हमेशा एक बुराई समझा गया है ) ना होती तो भला बुद्ध को ज्ञान कहा प्राप्त होता .............तो आप भी थोडा गंदगी फैलाइये ताकि कोई बुद्ध फिर पैदा हो सके .............क्या आप अपने को बुरा नहीं मानते ?????????????????? कोई बात नहीं आखिर चिराग तले अँधेरा ही होता है ..............वैसे आप तो किसी का भी कुछ कर सकते है .तो क्या यह बुराई नहीं !!!!!!!!!!!!!!!!!! ओह हो आप रावण के कदम पर चल रहे है इतने पाप कर डालना चाहते है कि राम को आना पड़े .सही भी है आप के कर्म के आगे दुनिया वाले तो बेचारे बेबस है वो क्या आपको सजा दे पाएंगे ???? वैसे क्या झूठ बोलना कभी आपको एक बुराई लगी ??????????? बिलकुल नहीं आपके कारण तो हरिश्चंद्र , युधिष्ठिर का नाम जिन्दा है वर्ण कौन जान पाता...........आप बिलकुल सही जा रहे है आप के रोम रोम में झूठ फरेब भरा है .पर लोग क्या समझे आप इतना त्याग किसको उठाने के लिए कर रहे है ??? क्या आपको अपनी काली करतूत कभी एक बुराई जैसी लगी ??????????? लो जी लो यह भी कोई बुराई है !!!!!!!!!!!!!!! इसी कारण तो ना जेन कितने पाठशाला स्कूल में पूरा पुर्र एक घंटा ईमानदारी का पाठ पढ़ाया जाता है ...और आपके इस घिनौने प्रयास से ही तो एक नैतिक शिक्षा का टीचर रखा जाता है .......अब बताइये आप ना होते तो बेचारा नौकरी कैसे पाता ....................आप तो कल्याणकारी भावना से सबके हित के लिए कार्य करते आये है ...................वैसे क्या बुरे कामो से नरक आपको मिलेगा इसका कभी डर लगा ??????????????? बुरे काम और वो भी आप ...............मरा मरा कहकर ही राम को पाया जाता है ..............ऋषि मुनियो के खून से ही सीता का जन्म होता है .और उसी से फिर रावण को स्वर्ग मिलता है ................तो बुरे काम से मुझे ही नरक क्यों ?????????????? आप पागल हो गए है जितने में अत्याचारी हुए है उनके लिए भगवान आते है ..भला कितने शरीफो के लिए भगवान आये .................तो आप समझ गए होंगे कि नरक नहीं स्वर्ग का रास्ता बिलकुल साफ़ है ........मेरी बात सुन कर आप कहा चल दिए ?????? क्या क्या कुछ बुरा करने ????????????? हा हां क्यों नहीं भला भगवान कौन नहीं पाना चाहता ?????????????पर आप इसे व्यंग्य समझियेगा कही इसमें भी तो बुराई नहीं दिखायी दे गयी !!!!!!!!!!!!!!!! अब यह आप कह सकते है मैं किसी के लिए कैसे कह सकता हूँ .....................कंस आप है भगवान आपके लिए है मैं तो विभीषण हूँ जो भगवान का नाम लेने पर बस लात खा सकता हूँ !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
पता नहीं क्यों मुझे बुरा देखने का शौक चढ़ गया .......पर बुरा है कहा वो तो कीचड़ न हो तो कमल कैसे खिले .और तो और भगवान के बारे में तभी सब अच्छा लगता है जब राक्षस के बारे में भी बात हो .............और बुरा देखने की जरूरत क्या है ..........कल ही तो नेता जी का भाषण आया था उनकी तस्वीर भी देखी थी .....जी जी आप इतना नाराज न होइए मैं तो बुराई की बात कर रहा हूँ .............कुत्ता कहने पर मुँह बन जाता है पर कुत्ता ही तो स्वामिभक्त होता है ..........अब बताइये कैसे आपको बुराई दिखायी देगी .........अब अगर आम्रपाली जैसी नगर वधु ( वेश्या वृति को हमेशा एक बुराई समझा गया है ) ना होती तो भला बुद्ध को ज्ञान कहा प्राप्त होता .............तो आप भी थोडा गंदगी फैलाइये ताकि कोई बुद्ध फिर पैदा हो सके .............क्या आप अपने को बुरा नहीं मानते ?????????????????? कोई बात नहीं आखिर चिराग तले अँधेरा ही होता है ..............वैसे आप तो किसी का भी कुछ कर सकते है .तो क्या यह बुराई नहीं !!!!!!!!!!!!!!!!!! ओह हो आप रावण के कदम पर चल रहे है इतने पाप कर डालना चाहते है कि राम को आना पड़े .सही भी है आप के कर्म के आगे दुनिया वाले तो बेचारे बेबस है वो क्या आपको सजा दे पाएंगे ???? वैसे क्या झूठ बोलना कभी आपको एक बुराई लगी ??????????? बिलकुल नहीं आपके कारण तो हरिश्चंद्र , युधिष्ठिर का नाम जिन्दा है वर्ण कौन जान पाता...........आप बिलकुल सही जा रहे है आप के रोम रोम में झूठ फरेब भरा है .पर लोग क्या समझे आप इतना त्याग किसको उठाने के लिए कर रहे है ??? क्या आपको अपनी काली करतूत कभी एक बुराई जैसी लगी ??????????? लो जी लो यह भी कोई बुराई है !!!!!!!!!!!!!!! इसी कारण तो ना जेन कितने पाठशाला स्कूल में पूरा पुर्र एक घंटा ईमानदारी का पाठ पढ़ाया जाता है ...और आपके इस घिनौने प्रयास से ही तो एक नैतिक शिक्षा का टीचर रखा जाता है .......अब बताइये आप ना होते तो बेचारा नौकरी कैसे पाता ....................आप तो कल्याणकारी भावना से सबके हित के लिए कार्य करते आये है ...................वैसे क्या बुरे कामो से नरक आपको मिलेगा इसका कभी डर लगा ??????????????? बुरे काम और वो भी आप ...............मरा मरा कहकर ही राम को पाया जाता है ..............ऋषि मुनियो के खून से ही सीता का जन्म होता है .और उसी से फिर रावण को स्वर्ग मिलता है ................तो बुरे काम से मुझे ही नरक क्यों ?????????????? आप पागल हो गए है जितने में अत्याचारी हुए है उनके लिए भगवान आते है ..भला कितने शरीफो के लिए भगवान आये .................तो आप समझ गए होंगे कि नरक नहीं स्वर्ग का रास्ता बिलकुल साफ़ है ........मेरी बात सुन कर आप कहा चल दिए ?????? क्या क्या कुछ बुरा करने ????????????? हा हां क्यों नहीं भला भगवान कौन नहीं पाना चाहता ?????????????पर आप इसे व्यंग्य समझियेगा कही इसमें भी तो बुराई नहीं दिखायी दे गयी !!!!!!!!!!!!!!!! अब यह आप कह सकते है मैं किसी के लिए कैसे कह सकता हूँ .....................कंस आप है भगवान आपके लिए है मैं तो विभीषण हूँ जो भगवान का नाम लेने पर बस लात खा सकता हूँ !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
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