Tuesday 4 August 2015

ऐसे सोचती है हमारी सरकार बूढ़ो केलिए

सभी को आवास ......बुजुर्गो के साथ मजाक
कितना अच्छा लगता है जब सरकार कहती है की वो सबको मकान देगी आवास देगी | आखिर आप जानते है कि आज तक सरकार ही झूठ ( शायद  ही किसी बात पर सच बोलती हो ) नहीं बोलती है | अब आपको यही लगेगा कि मेरे पास सिर्फ कमी ढूंढने के अलावा  कुछ भी नहीं है | पर आप जरा सोचिये इस देश का एक ७० साल का बुध आदमी जो प्राइवेट काम करता है | अपनी कमाई भर का कमाता है | वो एक विज्ञापन पढता है कि सरकार ने आवास विकास में १% भूखंड वृद्ध जन के लिए आरक्षित रखे है | वो ७५०० रुपये लगा कर अप्लाई करता है || उसको भूखंड के लिए नामित किया जाता है | पंजीकरण राशि पर तो उसको वृद्ध कह कर छूट दी जाती है पर जब आवंटन होता है तो उसको एक पत्र मिलता है कि आपको पांच लाख नगद जमा करने पड़ेंगे और बाकि १२.५% बयाज के साथ १४००० के साथ मासिक ४८ महीने तक जमा करना है | कहा से लाएगा इतना वो पैसा ???????? अब यह से शुरू होती है सरकार का दूसरा ड्रामा | आप लोन ले सकते है अपनी रकम को अदा करने के लिए | अब वृद्ध बहुत खुश होता है वो लोन लेने पहुचता है | उसकी उम्र पुछि जाती है | वृद्ध बताता है ७० साल !!!!!!!!!!!!!! तब तो आपको ऋण नहीं मिल सकता क्योकि लोन पाने की उम्र निकल चुकी है | उसके सामने अँधेरा छ जाता है | वही एक दलाल खड़ा होता है और बोलता है आप परेशान क्यों है आपको अलॉट है ही किसी को बेच दीजिये आपको अच्छा पैसा मिल जायेगा | क्या सरकार इसी लिए ७० साल के एक आदमी को भूखंड देती है ताकि वो ले ना सके और दलाल उससे कम दामो में खरीद सके ? क्या यही सार है वृद्ध के लिए इस देश में !!!!!!!!!!! क्या ऐसे ही वृद्ध लोगो को आवास मिलेगा ??? अब आप क्या कहेंगे कि मैं कमी निकलता  हूँ या फिर देश में भ्रष्टाचार को आपने भी कभी महसूस किया | कैसे सुनिश्चित करेगी सरकार वृद्धो केलिए आवास सोचिये और कुछ कहिये ..............( वैसे आपको दूसरे के फाटे में टांग आड़ना पसंद नहीं ) क्योकि आप शांति प्रिय लोग है और जियो और जीने दो पर विश्वास करते है | इस लिए क्यों बोले देश कौन अपने बाप का है ( व्यंग्य समझ कर समझे ) आलोक चान्टिया , अखिल भारतीय अधिकार संगठन

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