पिता ............................................पीता
संतान ..........................................जीता
पत्नी का पति..................................रीता
इन्सान ........................................पलीता
.................पिता को भारत में कभी सर्वोच्च स्थान नहीं दिया गया .........इसका मतलब क्या निकालू जब माँ को मात्रत्व लाभ के लिए १८० दिन का अवकाश दिया जाता है और पिता को मात्र १५ दिन ...................रक्षा सुरक्षा के लिए जानवरों में भी पिता जैविक परिवार के साथ कम से कम ३०० दिन रहता है पर हमने तो सांस्कृतिक पिता बनने का ठेका लिया था तो क्या सरकार को पित्र्त्व लाभ कम से कम ३०० न सही १८० दिन का तो देना चाहिए ................पर नही नही सरकार ऐसा क्यों करे आखिर वो चाहती ही कहा है कि पिता या पति को दायित्वों का बोध हो .................उसके लिए तो मानव पिता कीड़े मकोड़े की तरह है जो सिर्फ बच्चा पैदा करने के लिए नारी को मात्रत्व तक ले जाये उसके बाद सारा जिम्मा औरत का है .और रात दिन चिल्लाएगी कि औरत के खिलाफ कोई भी जुल्म सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी ..आरे औरत को खुद विरोध करना चाहिए कि जब बच्चा पैदा करने में दोनों का सामान योगदान है और आदमी औरत में फर्क असंवैधानिक है तो फिर आदमी को भी १८० का अवकाश दो ताकि पिता भी तो जाने कि एक रोते बच्चे को चुप करने में कितने पापड़ बेलने पड़ते है ......................आपको लग रहा होगा कि पिता दिवस के दिन पिता के लिए क्या क्या बोल रहा है ........आप शायद ही जानते हो कि खासी जनजाति में जब औरत गरभवती हो जाती है तो जैसे जैसे उसको गर्भ की समस्या , दर्द चलने में तकलीफ होती है वैसे ही पति को भी करना होता है और पति भी उसी तरह बिस्तर पर पड़ा रहता है जैसे गर्भवती स्त्री पड़ी रहती है ................जब बच्चा हो जाता है और औरत सौर में रहती है तो पिता भी सौर में एक महीने रहता है ...........तो हुआ न समानता का अधिकार और औरत के दर्द को समझने का अनूठा तरीका ????????????????????? इसी ये लोग कुवैद कहते है | हा तो मैं कह रहा था कि भारत में ऐसा क्यों है कि औरत पर ही बच्चे को पालने की सारी जिम्मेदारी है ?? क्या ये औरत का शोषण नहीं है कि तुमहरा कम सिर्फ बच्चे पैदा करना और उनको पालना है या फिर औरत को पैसा ( वेतन ) देकर उसको उसी स्थति में रखा जा सकता है जिसका वो सदियों से विरोध करती रही है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! आरे देश की माओ मुझे गाली मत दो मैं तो तुमको पुरुष की महत्ता इस राष्ट्र में समझा रहाहूँ जिसको मुक्त रख कर सिर्फ पैसे के चाँद टुकड़े डाल कर तुम्हे बच्चा को पालने की आया ?????? आरे आरे गाली क्यों दे रही है कोई बात नहीं आप सबको सच सुनने की आदत कहा है ..................खैर आज पिता दिवस पर पिताओ को मुक्ति दिवस के रूप में मानना चाहिए क्योकि महिला सशक्तिकरण के नाम पर जिस तरह औरत को आपने रूपया का लालच देकर बच्चा पलवाया है वो तकनिकी आप पिता लोग ही इस देश में इजाद कर सकते थे ??????????????? जी जी हा हा आप तो मुझको संकीर्ण दिमाग का छोटी सोच वाला ही कहेंगे क्योकि आपका बड़प्पन सामने जो आ रहा है ...........चलिए आपने यह तो किया ही है कि इस राष्ट्र को एक भारतीय ???? बच्चा ????? फिर क्षमा क्षमा ..........हिन्दू मुस्लिम और न जाने क्या क्या का जन्म दिलवाकर इस देश में भूख मरी , महंगाई , अशिक्षा , गरीबी और जो आप लोग बढ़ाना चाहे को अंतहीन किया है .......और ऐसे गंभीर पिता को अगर आज शत शत नमन नहीं किया तो मेरे भारतीय मूल्यों पर पश्न चिन्ह लग जायेगा और पितृ दिवस का मोल शायद हम और आप नहीं समझ सकेंगे ........................जय जय हो पिता पिता जी भारत आपके दर्शन और आपके प्रयासों का ऋणी है ......................काश मैं भी पिता बन पाता( कोई शादी तक करने को नहीं राजी है )
मुझे भी कोई पिता कहकर एहसास दिलाता कि मैंने इस राष्ट्र को समुद्र से ज्यादा गहरा ( महंगाई , अशिक्षा , गरीबी ) कितना सहयोग किया है ..........................देश के आधुनिक बनाने वाले समस्त पिताओ को पितृ दिवस पर हार्दिक शुभकामना ......................देश आपका है चुकियेगा नहीं आखिर पापा का मतलब तो जनन हमारा हक़ है न ........................जय हो पितृ दिवस की मै भी चला अनाथालय वह भी कई बच्चे आज अपने पिता को खोज रहे है ???????????????????????????
संतान ..........................................जीता
पत्नी का पति..................................रीता
इन्सान ........................................पलीता
.................पिता को भारत में कभी सर्वोच्च स्थान नहीं दिया गया .........इसका मतलब क्या निकालू जब माँ को मात्रत्व लाभ के लिए १८० दिन का अवकाश दिया जाता है और पिता को मात्र १५ दिन ...................रक्षा सुरक्षा के लिए जानवरों में भी पिता जैविक परिवार के साथ कम से कम ३०० दिन रहता है पर हमने तो सांस्कृतिक पिता बनने का ठेका लिया था तो क्या सरकार को पित्र्त्व लाभ कम से कम ३०० न सही १८० दिन का तो देना चाहिए ................पर नही नही सरकार ऐसा क्यों करे आखिर वो चाहती ही कहा है कि पिता या पति को दायित्वों का बोध हो .................उसके लिए तो मानव पिता कीड़े मकोड़े की तरह है जो सिर्फ बच्चा पैदा करने के लिए नारी को मात्रत्व तक ले जाये उसके बाद सारा जिम्मा औरत का है .और रात दिन चिल्लाएगी कि औरत के खिलाफ कोई भी जुल्म सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी ..आरे औरत को खुद विरोध करना चाहिए कि जब बच्चा पैदा करने में दोनों का सामान योगदान है और आदमी औरत में फर्क असंवैधानिक है तो फिर आदमी को भी १८० का अवकाश दो ताकि पिता भी तो जाने कि एक रोते बच्चे को चुप करने में कितने पापड़ बेलने पड़ते है ......................आपको लग रहा होगा कि पिता दिवस के दिन पिता के लिए क्या क्या बोल रहा है ........आप शायद ही जानते हो कि खासी जनजाति में जब औरत गरभवती हो जाती है तो जैसे जैसे उसको गर्भ की समस्या , दर्द चलने में तकलीफ होती है वैसे ही पति को भी करना होता है और पति भी उसी तरह बिस्तर पर पड़ा रहता है जैसे गर्भवती स्त्री पड़ी रहती है ................जब बच्चा हो जाता है और औरत सौर में रहती है तो पिता भी सौर में एक महीने रहता है ...........तो हुआ न समानता का अधिकार और औरत के दर्द को समझने का अनूठा तरीका ????????????????????? इसी ये लोग कुवैद कहते है | हा तो मैं कह रहा था कि भारत में ऐसा क्यों है कि औरत पर ही बच्चे को पालने की सारी जिम्मेदारी है ?? क्या ये औरत का शोषण नहीं है कि तुमहरा कम सिर्फ बच्चे पैदा करना और उनको पालना है या फिर औरत को पैसा ( वेतन ) देकर उसको उसी स्थति में रखा जा सकता है जिसका वो सदियों से विरोध करती रही है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! आरे देश की माओ मुझे गाली मत दो मैं तो तुमको पुरुष की महत्ता इस राष्ट्र में समझा रहाहूँ जिसको मुक्त रख कर सिर्फ पैसे के चाँद टुकड़े डाल कर तुम्हे बच्चा को पालने की आया ?????? आरे आरे गाली क्यों दे रही है कोई बात नहीं आप सबको सच सुनने की आदत कहा है ..................खैर आज पिता दिवस पर पिताओ को मुक्ति दिवस के रूप में मानना चाहिए क्योकि महिला सशक्तिकरण के नाम पर जिस तरह औरत को आपने रूपया का लालच देकर बच्चा पलवाया है वो तकनिकी आप पिता लोग ही इस देश में इजाद कर सकते थे ??????????????? जी जी हा हा आप तो मुझको संकीर्ण दिमाग का छोटी सोच वाला ही कहेंगे क्योकि आपका बड़प्पन सामने जो आ रहा है ...........चलिए आपने यह तो किया ही है कि इस राष्ट्र को एक भारतीय ???? बच्चा ????? फिर क्षमा क्षमा ..........हिन्दू मुस्लिम और न जाने क्या क्या का जन्म दिलवाकर इस देश में भूख मरी , महंगाई , अशिक्षा , गरीबी और जो आप लोग बढ़ाना चाहे को अंतहीन किया है .......और ऐसे गंभीर पिता को अगर आज शत शत नमन नहीं किया तो मेरे भारतीय मूल्यों पर पश्न चिन्ह लग जायेगा और पितृ दिवस का मोल शायद हम और आप नहीं समझ सकेंगे ........................जय जय हो पिता पिता जी भारत आपके दर्शन और आपके प्रयासों का ऋणी है ......................काश मैं भी पिता बन पाता( कोई शादी तक करने को नहीं राजी है )
मुझे भी कोई पिता कहकर एहसास दिलाता कि मैंने इस राष्ट्र को समुद्र से ज्यादा गहरा ( महंगाई , अशिक्षा , गरीबी ) कितना सहयोग किया है ..........................देश के आधुनिक बनाने वाले समस्त पिताओ को पितृ दिवस पर हार्दिक शुभकामना ......................देश आपका है चुकियेगा नहीं आखिर पापा का मतलब तो जनन हमारा हक़ है न ........................जय हो पितृ दिवस की मै भी चला अनाथालय वह भी कई बच्चे आज अपने पिता को खोज रहे है ???????????????????????????
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