Saturday, 8 June 2013

सुबह हो गयी

पूरब की हसरत पूरी हो गयी .............
रौशनी फिर उसकी हो गयी ................
कितना दमक रहा आफ़ताब फिर ...........
जिन्दगी फिर उसके नाम हो गयी ........................सुप्रभात

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