Tuesday, 21 October 2014

लक्ष्मी गणेश की पूजा साथ में क्यों

ली के इतने रंग है कि क्या क्या लिखूँ??/
आज मैं अपने शिष्य के साथ लक्ष्मी गणेश लेने गया | विद्यार्थी बार बार गुरु गुरु जी कर रहा था | मैं कह रहा था कि भगवन को लेने में क्या सुन्दर और अच्छा \ दुकान दार मेरे लम्बे बालों को देख कर समझा कि शायद कोई पडित जी है | उसने उत्सुकतावश पूछ लिया कि गुरु जी ये लक्ष्मी गणेश साथ साथ जब कि लक्ष्मी जी तो विष्णु जी की पत्नी है | हमारे देश का यही दोष महिलाओं को जीने नही दे रहा कि पुरुष दिखा नहीं साथ में कि सोच में बस एक रिश्ता और एक कुंठा !!!!! मैंने कहा कि  लक्ष्मी गणेश जी के किस तरफ रखी जाती है ??? उसने कहा दायीं तरफ !! तो मैंने कहा कि भरित्ये परम्परा में दाई तरफ स्त्री के भाई या पुत्र ही बैठता है | अब बात रही कि गणेश जी लक्षिमी के भाई है या पुत्र तो पुराण में उसकी एक कहानी है ___________ एक बार विष्णु और लक्ष्मी में श्रेष्ठता को लेकर बहस होने लगी लक्ष्मी का मानना था कि दुनिया उन्ही के कारण चल रही है और विष्णु पालनहार होने के कारण अपने को उच्च बता रहे थे | क्रोध में आकर विष्णु ने लक्ष्मी से कह दिया कि अपने घर को एक संतान तक दे नहीं पायी तुम क्या किसी और का जीवन चलाओगी??? लक्ष्मी को ये बात चुभ गयी कि विष्णु जी ने उन्हें संतान न होने का ताना दिया है | और वो दुखी मन से अपने सहेली पार्वती के पास पहुंची और साडी घटना बताई | ये सुन कर पार्वती बोली कि मेरी दो  संतान कार्तिकीये और गणेश है जो तुम चाहो एक ले लो | लक्ष्मी जी ने गणेश पर सहमति जताई तो पार्वती जी ने उनको गणेश जी को दे दिया | पार्वती का ये त्याग देख कर लक्ष्मी जी बहुत प्रसन्न हुई और बोली कि मैं अपने दत्तक पुत्र गणेश का विवाह अपनी देवियों ऋद्धि और सिद्धि से करुँगी और मेरी कोई भी पूजा तब तक सार्थक नहीं होगी जब तक लोग मेरे पुत्र गणेश की पूजा साथ में नहीं करेंगे | और बस माँ पुत्र की पूजा शुरू हो गयी तब से | मेरी बात सुन कर दुकानदार बोला कि गुरु जी आपने पहली बार मेरे संदेह को दूर किया आपका धन्यवाद | मैंने कहा सुनो बाद में गणेश की शादी ऋद्धि सिद्धि से हुई और उनसे दो पुत्र शुभ और लाभ हुए | अब तो आप जान गए होंगे कि घर में गणेश , ऋद्धि सिद्धि और शुभ लाभ क्यों लिखा रहता है | तो जब भी किसी त्यहार को मानिये तो उसका दर्शन जरूर जानिए और इसी लिए अखिल भरित्ये अधिकार संगठन आपको जागरूक करने सतत लगा हुआ है | आपको सभी को पटाखा मुक्त आलोक पर्व शुभ हो

2 comments:

  1. सुंदर आलेख , धन्यवाद !

    आपकी इस रचना का लिंक दिनांकः 23 . 10 . 2014 दिन गुरुवार को I.A.S.I.H पोस्ट्स न्यूज़ पर दिया गया है , कृपया पधारें धन्यवाद !
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  2. Sunder aalekh ..... Shubhkamnaayein !!

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