अटल बिहारी बाजपेयी और मेरा सम्मान
मुझे आज भी वो दिन नही भूलता जब गन्ना संस्थान लखनऊ में भारत के पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने कादम्बनी महोत्सव में मेरी कहानी संदेह को सम्मानित किया| मेरी कहानी भारतीय रिश्तो पर थे जो आज के दौर में कितने बदल चुके है | जब एक लड़का किसी सड़क पर किसी लड़की को बहन कहता है तो समाज कैसे देखता है और उस लड़की का क्या हश्र होता है ? जब कहानी के अंश सुनाये जा रहे थे तो अटल जी ने मुझसे हस्ते हुए पूछा कि इस कहानी पर मैं कितना खरा हूँ ? और मैंने कहा कि ये कहानी उतनी ही खरी और सच है जितना आपका राजनीती में व्यक्तित्व और आज जब उनके भारत रत्न देने की खबर सुनी तो ऐसा लगा कि जैसे मेरा भी कद उचा हो गया है क्योकि अब मैं जब भी अपने बारे में सोचूंगा तो तो भारत रत्न का भाव स्वतः ही आ जायेगा |
डॉ आलोक चान्टिया
अध्यक्ष
अखिल भारतीय अधिकार संगठन & प्रवक्ता मानव शास्त्र , के के सी ,लखनऊ
मुझे आज भी वो दिन नही भूलता जब गन्ना संस्थान लखनऊ में भारत के पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने कादम्बनी महोत्सव में मेरी कहानी संदेह को सम्मानित किया| मेरी कहानी भारतीय रिश्तो पर थे जो आज के दौर में कितने बदल चुके है | जब एक लड़का किसी सड़क पर किसी लड़की को बहन कहता है तो समाज कैसे देखता है और उस लड़की का क्या हश्र होता है ? जब कहानी के अंश सुनाये जा रहे थे तो अटल जी ने मुझसे हस्ते हुए पूछा कि इस कहानी पर मैं कितना खरा हूँ ? और मैंने कहा कि ये कहानी उतनी ही खरी और सच है जितना आपका राजनीती में व्यक्तित्व और आज जब उनके भारत रत्न देने की खबर सुनी तो ऐसा लगा कि जैसे मेरा भी कद उचा हो गया है क्योकि अब मैं जब भी अपने बारे में सोचूंगा तो तो भारत रत्न का भाव स्वतः ही आ जायेगा |
डॉ आलोक चान्टिया
अध्यक्ष
अखिल भारतीय अधिकार संगठन & प्रवक्ता मानव शास्त्र , के के सी ,लखनऊ
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