Tuesday, 9 December 2014

कैसा मानव कैसा मानवाधिकार

अखिल भारतीय अधिकार संगठन विश्व मानवाधिकार दिवस की पूर्व संध्या पर ये विचार करना जरुरी है कि क्यों मानव को अधिकारों की जरूरत पड़ी क्या वो भटक गया है .हम किस मानव के अधिकारों के लिए चिंतित है.............
मानव ..........
कही कुछ आदमी ,
मिल जाये तो ,
मिला देना मुझ से ,
दो पैरों पर ,
चलने वाले क्या ,
मिट गए जमी से ,
जीते रहते ,
खुद की खातिर ,
जैसे गाय और भालू ,
रात और दिन ,
बस खटते रहते,
भूख कहाँ मिटा लूँ ,
कभी तो निकलो ,
अपने घर से ,
चीख किसी की सुनकर ,
कुचल जाएगी पर ,
निकलती चीटीं ,
हौसला मौत का चुनकर ,
राम कृष्णा ,
ईसा, मूसा की बातें ,
क्या कहूँ किसी से ,
चल पड़े जो ,
इनके रास्तों पर ,
ढूंढो उसे कही से ,
मिल जाये कही ,
जो कुछ आदमी ,
जरा मिला दो मुझ से ,
जो फैलाये आलोक ,
अँधेरा करें दूर ,
मानव अधिकार उन्ही से .......................क्या आप ऐसे आदमी बनने की कोशिश करेंगे ???????????????///////,
 

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