Saturday, 27 December 2014

महिला और राजनीती

महिला और देश की राजनीति...............
यत्र नरियस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता ....अब नारी की ये पूजा है की नहीं उसको मारो पीटो पर मैंने तो कुछ और बताना चाहता हूँ आपको मालूम होगा कि देश के नेता बेचारे महिलाओ के प्रति इतने संवेदन शील हैं कि उनको रात रात भर नींद नहीं पड़ती क्योकि उनको मालूम है की माँ ही घर की पथ शाला है तो लीजिये उसने दे दी पूरे दो साल की बच्चा पालन अवकाश पर ये अवकाश  किनके लिए है ????????? अब इतने आप काम अक्ल भी नहीं है !!वही नारी जिससे देश चलता है यानि नौकरी करने वाली नारियां अब ये न पूछने लगिएगा कि गावों और घरेलू नारियां क्या है ??? वो आप उनसे पूछिये जो कहते है कि देश के संविधान का आरम्भ ही हम भारत के लोग कह कर होता है | अब कौन हम भारत केलोग में आते है मुझे भी नहीं मालूम लेकिन मैं तो ये कह रहा था एक उच्चतर शिक्षा में काम करने वाली नयी नियुक्त शिक्षिका को २४ महीने के वेतन के साथ अवकाश में ९ लाख साठ हज़ार रुपये भी मुफ्त में मिलेंगे आखिर बच्चा पालने का काम कोई ऐरा गैर काम तो है नहीं तो समझ गए ना खास तौर पर वो महिलाये जो पढ़ी लिखी नहीं है और माँ पर माँ बनती जा रही है जरा सीखिये देश के महिला सशक्ति करण से  , नौकरी भी पायी और बच्चा पालने के लिए २४ महीने कि मुफ्त खोरी अलग से | कम से कम गावों कि और घरेलू महिलाओ के लिए कुछ दिन का सम्मान वेतन दे देते आखिर वो भी इसी देश में माँ बनी है क्या उन्हें घर के कामों के अलावा बच्चे को नहीं पालना या फिर देश में उन्हें ही औरत समझा जायेगा जो सरकार के लिए काम करेंगी !!!!!!! मेरा मतलब नौकरी करेंगी | जरा सोच कर देखिये एक महिला जो नौकरी भी पायी और जिस काम के लिए नौकरी पायी उस्स्को भी करने से २४ महीने आज़ाद आखिर बच्चा जो पालना है तो महिला कब समझेंगी कि वो बच्चा पैदा करने की मशीन नही बल्कि लक्ष्मी है जो धन देती है अब ये ना पूछियेगा कि जिन्होंने शादी नहीं की या जिनके बच्चे ही ना हुए उनका क्या ????????अब भाई ये तो यहाँ की जगत गुरु देश की सरकार बताये कि क्या बूढ़े माता पिता इस देश में पालन के हक़दार नहीं और जिन्होंने बच्चे ही नहीं पैदा किये और शादी ही नहीं की वो तो भारत रत्न है आखिर किसी को तो इस देश की जनसँख्या का ख्याल है वैसे आप सोचियेगा जरूर कि सरकार ने सिर्फ नौकरी करने वाली उन्ही महिलाओं को क्यों इतने सुख दिए जो बच्चो की माँ बनी वैसे अगर ऐसा है तो मेरी एक सलाह है उन सभी नारियों से जो इस तरह की छुट्टी को लेकर कुंठित है जो अविवाहित है या बच्चे नहीं है आरे भाई किसी बच्चे को गॉड ले लीजिये उसको घर मिल जायेगा और आप दो साल की छुट्टी !!!!! हैं न कमाल का उपाए आखिर देश का विकास जरुरी है या नौकरी के नाम पर हर दिन छुट्टी !!!!! पर सोचियेगा कि देश के नेता के लिए इस देश में वास्तव में महिला कौन है ??????????? ( व्यंग्य समझ कर पढ़िए अखिल भारतीय अधिकार संगठन )

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