Thursday, 5 February 2015

बलात्कार तो माता पिता का दोष है >???????????????

चित्त भी मेरी और पट्ट भी मेरी .......
शब्द ब्रह्म है और शब्द को बहुत सोच समझ कर बोलना चाहिए ..ये मैं नहीं मेरे देश में कहा जाता है और मैं खुश हूँ पर क्या आप मुझे समझा सकते है कि अगली लाइन में किस मार्ग का अनुसरण करूँ
ये रहीम उत्तम प्रकृति का कर सकत कुसंग
चन्दन विष व्यापत नही लपटे रहत भुजंग
और तो लीजिये नहले पर दहला
संगत से फल उपजे संगत से फल जाये ,
बांस फांस तो मिश्री एकै भाव बिकाए.....
हुए ना हम जगत गुरु
कभी सांप के लिपटने से भी चन्दन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता और कभी कहते है जैसी संगति वैसा आदमी
पर इतनी बाड़ी बात के बात एक बात और
कहते है जस जाइके महतारी बाप तस तयीके लरका
औ जस जैकी घर द्वार तस तयीके फरका...........
अब जिस तरह से देश में लड़की के साथ बलात्कार छेड़ छाड़ हो रही है तो क्या मान ले कि ऐसा करने वाले के माँ बाप भी .............आगे आप कुछ ज्यादा समझदार है ( व्यंग्य जो समाज का नंगा सच दिखाना चाहता है )  सोचिये और किसी लड़की के लिए सुरक्षा का कवच बनिए ( डॉ आलोक चांटिया ) अखिल भारतीय अधिकार संगठन

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