Sunday, 8 June 2014

मनुष्य हूँ कोई कुत्ता ???

कुत्ता बन जाइये ...
मनुष्य ने भाषा का निर्माण क्या किया मानो सर मुड़ाते ही ओले पड़ गए कुत्ता शब्द सुना नहीं कि बस देखिये  कैसे भों भों करता है अब जनाब से पूछिये कि आप ही तो अक्सर कहते रहे है कि कुत्ता स्वामिभक्त होता है और सिर्फ कुत्ता शब्द सुनकर आप  पागल हुए जा रहे है क्या आप का इस तरफ बोलना स्वामी  भक्ति है या फिर आप कभी स्वामी भक्त रहे ही नहीं , चलिए हो सकता है कि आप कुत्ता नहीं मनुष्य है और मनुष्य सिर्फ अपनों तक को धोखा देता हो और आप कभी न झूट बोलते है और ना सुन सकते है इस लिए लिए कैसे बर्दाश्त  कर ले कि आप भी स्वामी भक्त ? खैर छोड़िये ये बताइये कि आप तो मनुष्य है फिर आप अपने चारो तरफ इतनी गंदगी क्यों रखते है ? आप मनुष्यों के कारन ही पृथ्वी का हर जीव जंतु मरा जा रहा है क्या सफाई से आप को कोई परहेज है ? आप तो खुद अपने से ज्यादा बुद्धिमान किसी को नहीं मानते फिर इतनी गंदगी , प्रदुषण बीमारी ? अच्छा अच्छा माफ़ कीजियेगा आप जैसा मौश्य बन नहीं पाया इस लिए थोड़ा देर से समझता हूँ आखिर आप कैसे ही अपनी बात झूठी कर दे ! आप मनुष्यों में ही तो कहा कि कुत्ता भी अपनी जगह साफ़ करके बैठता है तो आप और कुत्ता एक सामान कैसे ही सकते है कुछ तो आप में अलग होना चाहिए और आपने कर डाला अगर कुत्ता अपनी जगह साफ़ करके बैठ सकता है तो आप गन्दी करके क्यों नहीं ? और ये लीजिये मैं तो भूल ही गया कि जब भी हठी निकलता है तो कुत्ते तो भोकते ही रहते है भला हाथी का वो क्या बिगाड़ सकते है और जो कुत्ता कुछ बिगाड़ ही ना सकता हो तो उस जैसा बनने का फायदा ही क्या ? आखिर आप मनुष्य है जो आदमी तो आदमी पूरी प्रकृति को ही बिगाड़ सकता है मेरा मतलब बिगाड़ डाला है अब भला ऐसा मनुष्य क्यों कुत्ता ? खैर गर्मी बहुत है और कुत्ता जीभ निकले अपने को ठंडा करने के लिए नाली के पानी में मुह डाले पड़ा है और आप तो बिजली पानी  दोनों के लाले से परेशान है और नाली में बैठना !! माफ़ कीजिये मैं तो भूल जाता हूँ आप कुत्ता से कैसे तुलना करवा सकते है वैसे अपने बॉस के आगे मनुष्य भी कुत्ता !! चलिए कही तो आपको पता है कि स्वामी भक्ति का मतलब कुत्ता है ( इसे सिर्फ व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )

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