बिलकुल सेक्स पर प्रतिबन्ध होना चाहिए ...
जी जी मेरी मर्जी कल मैंने कहा था तो कहा था आज मेरी कुछ और कहने की मर्जी है , अमेरिका में नहीं रहते है भारत है भारत यहाँ सब कुछ कानून से चलता है क्या मजाल जो कोई भी अपराधी यहाँ कानून के ऊपर हो रात में हत्या करो या दिन में करो , कमरे में छेड़ करो या सड़क पर बलात्कार करो कोई फर्क नहीं पड़ता इस देश में क्योकि यहाँ कानून से ऊपर कुछभी नहीं और अब अपराधी कानून के कारन २० साल तक सजा नहीं पाता तो तो आप मुहं क्यों बना रहे है आखिर कानून तो अपना काम कर रहा है ना और आप क्यों कुछ न कहे जिसे चाहे गली दे , मार दे आखिर आप ही ने तो संविधान के अनुच्छेद १९ का सही अर्थ निकाला है | भाई बहनो के देश में जब तक रोज चार गाली मादर...... बहन ....नहीं दी तो मजा ही क्या ये कहने में कि हम उस देश के वासी है जिस देश में ??? खैर कल मैंने कहा था कि सेक्स की बात नहीं करके स्वस्थ्य मंत्री ने गलत किया है | कहा होगा रात गयी बात गयी आज तो कुछ और कहने का मूड है मेरी मर्जी अब आप बताइये इस देश सेक्स का क्या काम जब यहाँ के लोग यह तक नहीं जानते की माँ के गर्भ में पल रहे बच्चे में जान तीन महीने में पड़ती है इसी लिए गर्भ पात तीन महीने के अंदर ही कराना चाहिए अब स्वास्थ्य मंत्री जी तो डॉ है भला उनको कितना दुःख पंहुचा जब माँ के लाल को दिल्ली में अकार लिए हुए सिर्फ ३० दिन या आप के लिए एक महीने हुए नहीं की जिसे देखो चिल्ला रहा है की यह भी सरकार बकवास है इसने भी कुछ नहीं किया ऊपर से महंगाई और बढ़ गयी | अब आप ही बताइये कि एक महीने के भ्रूण ( माँ के पेट में बच्चा इस अवस्था में भ्रूण ही कहलाता है ) जिसमे अभी जान तक नहीं पड़ी और पड़ेगी भी तो ९० दिन में पर आप तो जब चाहते है ऐसे भ्रूणों को निकाल कर सड़को पर फेकने के आदी है और इससे लड़कियों कि संख्या घटे तो घटे मेरी बला से पर आपकी ताकत तो सिद्ध हो गयी | अब दिल्ली में अभी भारत माता के लाल ने कारण के गर्भ में एक महीने का भ्रूण बन कर आगे जीवन का संचार करने के लिए कदम बाध्य है नहीं कि लीजिये हर कोई उस भ्रूण से दौड़ने कि उम्मीद कर रहा है | अरे बहिया ऐसे भ्रूण तो बस आप नाली के किनारे ही देश सकते है आपको इस भ्रूण का मतलब समझना है तो नौ महीने डोज तभी इसकी किलकारी ( मोदी सरकार ) सुन पाएंगे पर आप को एक साथ सोने के सारे अंडे चाहिए तो मार डालिये मुर्गी को पर मान लीजिये सिर्फ आप सर ही पटक पाएंगे क्या आपको अभी भी लगता है कि स्वास्थ्य मंत्री ने कोई गलती की यह बयां देकर कि सेक्स पर प्रतिबंध लग्न चाहिए जिस देश के लोग भ्रूण , अविकसित बच्चा , और विकसित बच्चे में फर्क न जानते हो उन्हें क्यों सिर्फ सुख कि तलाश में सेक्स कि तरफ ले जाया जाये और अगर ऐसा ना होता तो दिल्ली कि बुराई एक महीने में ही न शुरू हो गयी होती काश सेक्स के साथ आपको यह भी पाता होता कि माँ के अंदर पल रहे बच्चे का विकास कब और कितने दिन में होता है | आपको मौल्म है तो नौ महीने इंतज़ार कीजिये और फिर सुनिए नरेंद्र कि अपने माँ भारती के गॉड में किलकारी सच आप भी झूम उठेंगे | ये लीजिये अब पूछ रहे है कि बिना शादी के मुझे यह सब कैसे पता ? बस अब कहने कि कोई जरूरत नहीं नही कि सेक्स का मतलब हम सिर्फ एक !!!! खैर भ्रूण हत्या से बचिए और कल के दर से आज ही एक महीने के भ्रूण को मारिये नहीं हो सकता है उसके जन्म से उसके पैर से समृद्धि आने वाली हो पर इंतज़ार तो करना ही पड़ेगा लेकिन आप तो मंगल पाण्डेय है ३१ मई १८५७ से पहले १० मई १८५७ को ही अंग्रेजो से पिल पड़े और फिर १०० साल लड़ते ही रहे | तो संतोषम परम सुखम ......अब तो भ्रूण हत्या नहीं करेंगे प्याज के नाम पर गैस के नाम पर , रेल किराये के नाम पर !! लीजिये कह रहे है क्यों न करे देश किसी के बाप का नहीं है हम तो भ्रूण हत्या करके ही देश में नारी का सम्मान करते रहे है तो फिर आज क्यों ? हे भगवान भैस के आगे बीन बजाओ भैस कड़ी पगुराय ( व्यंग्य समझ कर पढ़िए )
जी जी मेरी मर्जी कल मैंने कहा था तो कहा था आज मेरी कुछ और कहने की मर्जी है , अमेरिका में नहीं रहते है भारत है भारत यहाँ सब कुछ कानून से चलता है क्या मजाल जो कोई भी अपराधी यहाँ कानून के ऊपर हो रात में हत्या करो या दिन में करो , कमरे में छेड़ करो या सड़क पर बलात्कार करो कोई फर्क नहीं पड़ता इस देश में क्योकि यहाँ कानून से ऊपर कुछभी नहीं और अब अपराधी कानून के कारन २० साल तक सजा नहीं पाता तो तो आप मुहं क्यों बना रहे है आखिर कानून तो अपना काम कर रहा है ना और आप क्यों कुछ न कहे जिसे चाहे गली दे , मार दे आखिर आप ही ने तो संविधान के अनुच्छेद १९ का सही अर्थ निकाला है | भाई बहनो के देश में जब तक रोज चार गाली मादर...... बहन ....नहीं दी तो मजा ही क्या ये कहने में कि हम उस देश के वासी है जिस देश में ??? खैर कल मैंने कहा था कि सेक्स की बात नहीं करके स्वस्थ्य मंत्री ने गलत किया है | कहा होगा रात गयी बात गयी आज तो कुछ और कहने का मूड है मेरी मर्जी अब आप बताइये इस देश सेक्स का क्या काम जब यहाँ के लोग यह तक नहीं जानते की माँ के गर्भ में पल रहे बच्चे में जान तीन महीने में पड़ती है इसी लिए गर्भ पात तीन महीने के अंदर ही कराना चाहिए अब स्वास्थ्य मंत्री जी तो डॉ है भला उनको कितना दुःख पंहुचा जब माँ के लाल को दिल्ली में अकार लिए हुए सिर्फ ३० दिन या आप के लिए एक महीने हुए नहीं की जिसे देखो चिल्ला रहा है की यह भी सरकार बकवास है इसने भी कुछ नहीं किया ऊपर से महंगाई और बढ़ गयी | अब आप ही बताइये कि एक महीने के भ्रूण ( माँ के पेट में बच्चा इस अवस्था में भ्रूण ही कहलाता है ) जिसमे अभी जान तक नहीं पड़ी और पड़ेगी भी तो ९० दिन में पर आप तो जब चाहते है ऐसे भ्रूणों को निकाल कर सड़को पर फेकने के आदी है और इससे लड़कियों कि संख्या घटे तो घटे मेरी बला से पर आपकी ताकत तो सिद्ध हो गयी | अब दिल्ली में अभी भारत माता के लाल ने कारण के गर्भ में एक महीने का भ्रूण बन कर आगे जीवन का संचार करने के लिए कदम बाध्य है नहीं कि लीजिये हर कोई उस भ्रूण से दौड़ने कि उम्मीद कर रहा है | अरे बहिया ऐसे भ्रूण तो बस आप नाली के किनारे ही देश सकते है आपको इस भ्रूण का मतलब समझना है तो नौ महीने डोज तभी इसकी किलकारी ( मोदी सरकार ) सुन पाएंगे पर आप को एक साथ सोने के सारे अंडे चाहिए तो मार डालिये मुर्गी को पर मान लीजिये सिर्फ आप सर ही पटक पाएंगे क्या आपको अभी भी लगता है कि स्वास्थ्य मंत्री ने कोई गलती की यह बयां देकर कि सेक्स पर प्रतिबंध लग्न चाहिए जिस देश के लोग भ्रूण , अविकसित बच्चा , और विकसित बच्चे में फर्क न जानते हो उन्हें क्यों सिर्फ सुख कि तलाश में सेक्स कि तरफ ले जाया जाये और अगर ऐसा ना होता तो दिल्ली कि बुराई एक महीने में ही न शुरू हो गयी होती काश सेक्स के साथ आपको यह भी पाता होता कि माँ के अंदर पल रहे बच्चे का विकास कब और कितने दिन में होता है | आपको मौल्म है तो नौ महीने इंतज़ार कीजिये और फिर सुनिए नरेंद्र कि अपने माँ भारती के गॉड में किलकारी सच आप भी झूम उठेंगे | ये लीजिये अब पूछ रहे है कि बिना शादी के मुझे यह सब कैसे पता ? बस अब कहने कि कोई जरूरत नहीं नही कि सेक्स का मतलब हम सिर्फ एक !!!! खैर भ्रूण हत्या से बचिए और कल के दर से आज ही एक महीने के भ्रूण को मारिये नहीं हो सकता है उसके जन्म से उसके पैर से समृद्धि आने वाली हो पर इंतज़ार तो करना ही पड़ेगा लेकिन आप तो मंगल पाण्डेय है ३१ मई १८५७ से पहले १० मई १८५७ को ही अंग्रेजो से पिल पड़े और फिर १०० साल लड़ते ही रहे | तो संतोषम परम सुखम ......अब तो भ्रूण हत्या नहीं करेंगे प्याज के नाम पर गैस के नाम पर , रेल किराये के नाम पर !! लीजिये कह रहे है क्यों न करे देश किसी के बाप का नहीं है हम तो भ्रूण हत्या करके ही देश में नारी का सम्मान करते रहे है तो फिर आज क्यों ? हे भगवान भैस के आगे बीन बजाओ भैस कड़ी पगुराय ( व्यंग्य समझ कर पढ़िए )
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