Sunday, 29 June 2014

यू जी सी या अंडर ग्रेजुएट कोर्स

यू जी सी यानि अंडर ग्रेजुएट कोर्स .......
आज यू जी सी नेट की परीक्षा में मेरे १९ परीक्षार्थी बैठे और क्यों न बैठे क्योकि लेक्चरर तो वो नेट करके ही बन सकते है , पूरे साल की तैयारी के बाद अगर नेट हो गया तो समाज में इज्जत बढ़ जाती है आखिर अब आप लेक्चरर जो कहलायेंगे अब ये बात अलग है कि चौराहे पर खड़े मजदूर से भी कम पैसे वो पाते है जी जी मैं बिलकुल सही कह रहा हूँ सरकार ने ही रोज २५० रुपये  तय कर रखे है मजदूरीके यानि ७५०० रुपये महीने और एक डिग्री कालेज में एक शिक्षक पा रहा है ६००० रुपये महीना खैर  आपको को तो सब झूठे ही लगते है न विश्वास हो तो किसी भी शहर के डिग्री कालेज चले जाइये या तो वह सरे पद खली पड़े होंगे या फिर दिहाड़ी मजदूरी से कम पर कोई लेक्चरर का टैग लगाये पढ़ा रहा होगा यानि ढोल में पोल लेकिन इससे यू जी सी को क्या मतलब भारत में वो आदमी को देखे उनकी गरिमा देखे या दुनिया को यह दिखाए कि देखिये कितने कालेज  हमारे देश में है अब तो आप मान गए ना कि यू जी सी का मतलब क्या है ? मन में राम बगल में छुरी अब ये न कहियेगा कि आप समझ नहीं पाये , अरे भाई पूरी ताकत लगाये दे रहे है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में स्नातक चार वर्ष का ना हो आखिर देश के युवाओ का एक वर्ष क्यों बर्बाद हो और फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी की कोई दादागिरी  है दादा तो हमारे यू जी सी है जो इतने आसानी से चार वर्ष का कोर्स चलने देंगे वो बात अलग है कि शिक्षको के लिए इतने चिंतित कभी नहीं दिखाई दिए | यू जी सी अगर इसको पढ़ेगा तो कहेगा उससे इन सब से क्या मतलब वो तो सिर्फ अंडर ग्रेजुएट कोर्स के लिए ही बनी है | क्या इनकी लाचारगी देखकर आपको नहीं लगता कि क्यों देश से गुलाम प्रथा समाप्त हुई मतलब नही हुई ? माफ़ कीजियेगा अगर किसी शिक्षक को बुरा लग जाये गुलाम शब्द सुनकर क्यों कि वो तो ६००० में स्वेच्छा से १० घंटे काम करते है और वो तो समाज के वो स्तम्भ है जो गुरु गोविन्द दोउ खड़े काके लागु पाव .बलहरी गुरु आपणो गोविन्द दियो बताये , बिलकुल मुझे गाली दीजिये आखिर आप तो गोविन्द से ऊपर है फिर आपका शोषण कोई क्या कर पायेगा आप पैसे के लिए देश के लिए जी रहे है और वैसे भी ३२ रूपये रोज चाहिए शहर में जीने के लिए , ये लीजिये आ गए यू जी सी के लोग कह रहे है आप अंडर ग्रेजुएट कोर्स को बदनाम कर रहे है हमारा मतलब तो सिर्फ यू जी सी एक्ट १९५६ की धारा १२ फ में आने वाले कालेज से है बाकि दुनिया जाये भांड में अंधेर नगरी  चौपट राजा , हम लोगो के हाथ बंधे है हम स्ववित्त पोषित शिक्षको के लिए कुछ भी नहीं कर सकते हा हमारी जो ताकत है वो हम दिखा रहे है दिल्ली यूनिवर्सिटी को छट्टी का दूध याद दिला रहे है अगर हमये भी नहीं कर पाये तो क्या मतलब अंडर ग्रेजुएट कोर्स का लेकिन आप यू जी सी के बहकावे में मत आइयेगा अगर आपको शिक्षक मजदूर माफ़ कीजियेगा लेक्चरर बनना है तो नेट तो करना ही पड़ेगा वरना आपको  कोई  कालेज लेगा ही नहीं उसे रिकग्निशन पानी है की नहीं और आप चाहिए तो यू जी सी से पूछ लीजिये पर संभल कर वरना वो दिल्ली यूनिवर्सिटी की तरह आपके पीछे पड़ जाएगी  आखिर सच तो उसका अंडर ग्रेजुएट कोर्स ही है ( व्यंग्य समझ कर ही पढ़े )

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