मैं जानता हूँ फितरत
क्या है मेरी खातिर ,
हम उम्र भर जिंदगी ,
के लिए वफ़ा करते है ,
और फिर मौत के लिए ,
मर लिया करते है ,
फिर तुम क्यों मारते हो ,
खंजर पीठ मेरे पीछे ,
दिल में आकर रह लो ,
धड़कन के पीछे पीछे ,
तुम्हे एतबार नहीं है ,
खुद अपने पैतरे पर ,
हस कर जो मुझसे मिलते ,
राज करते दिल पर ,
मैं जानता था फितरत ,
तेरी लूटने की कबसे ,
ये जिंदगी भी रहती ,
ये लाश कहती है तुझसे .....................
धोखा मत दीजिये क्योकि जीवन अनमोल है किसी को मार कर आप सिर्फ अपने जानवर होने का सबूत देते है
क्या है मेरी खातिर ,
हम उम्र भर जिंदगी ,
के लिए वफ़ा करते है ,
और फिर मौत के लिए ,
मर लिया करते है ,
फिर तुम क्यों मारते हो ,
खंजर पीठ मेरे पीछे ,
दिल में आकर रह लो ,
धड़कन के पीछे पीछे ,
तुम्हे एतबार नहीं है ,
खुद अपने पैतरे पर ,
हस कर जो मुझसे मिलते ,
राज करते दिल पर ,
मैं जानता था फितरत ,
तेरी लूटने की कबसे ,
ये जिंदगी भी रहती ,
ये लाश कहती है तुझसे .....................
धोखा मत दीजिये क्योकि जीवन अनमोल है किसी को मार कर आप सिर्फ अपने जानवर होने का सबूत देते है
आपकी लिखी रचना शनिवार 14 जून 2014 को लिंक की जाएगी...............
ReplyDeletehttp://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
सटीक रचना
ReplyDeleteसुंदर रचना
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