आज पानी बरस रहा था .............................. १६ दिसम्बर २०१२ के बाद पुरे भारत में कई जगह मासूमो के खून के दाग मिले है .....और भगवन चाहता है की लोग यह न जान पाए कि यह देश भाई बहनों का देश है ???????????????????????जब मैं यह समझा रहा था तो एक सज्जन जो वास्तव ????????? में विद्द्वान थे बोले ...क्या बकवास करते है ....यह तो पश्चिम विछोभ का परिणाम है !!!!!!!!!!!! जी जी ज आप बिलकुल सही कह रहे हा यह पानी पश्चिम विछोभ के करना ही हो रहा है ...पर इस देश में पश्चिम का कोई कम ही नहीं था .........यह तो पूरब का देश है .........................लाली का देश है और इसी लिए तो पानी गिर रहा है ????????????? पानी गिर रहा है ......का क्या मतलब है आपका ???????????? मेरा कहना बस यही था कि जा पानी गिर रहा है तो हम गिर रहे है तो क्या हर्ज है !!!!!!!!!!!!!!!!! मतलब क्या है आपका ????????????? जी मैं कहना चाहता हूँ कि इसी लिए हमारी आँखों में पानी की कमी हो गयी है क्योकि पानी खुद गिरने लगा है और गिरी चीज को आप उठाने में विश्वास नहीं करते .....क्यों उठाये गिरने का मजा ही अलग है जब भी गिरो बिना किसी सहायता के उस गिरते चले जाइये और चढ़ने में फर्जी म्हणत लगती है ..........गिर कर ही तो सृजन होता है .देखिये ना पानी गिरा नहीं कि किसानो के चहरे खिल गए आखिर किसी ( पानी ) के गिरने से अब गेंहू की फसल तो अच्छी होगी ....अब आप ही बताइए जब गिरने से कुछ पैदा हो सकता है तो क्यों ना गिरा जाये और पैदा होने पर खाने के काम आये या बीज के ...फायेदा तो हैं ना अब आप खुद सोचिये क्या गिरने से फाएदा नहीं है ????????????? जब आप गिरते है तो हाथ पैर टूट जाता है तो केवल नुकसान ही थोड़ी न होता है ....आप विकलांग होकर कितने फायदे पा जाते हैं !!!!!!!!!!!!! वैसे पढ़ लिख कर बेरोज्ज्गर के लाइन में खड़े हों इसे बेहतर है की गिर कर हाथ पैर टूटे और विकलांग कोटे में नौकरी पक्की !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! तो क्या आज का पानी गिरना कोई कम फायदा का सौदा है ?????????? आखिर बस में रेप करने के बाद खून के दाग नल के पानी से तो जाने रहे और कोई देख ले तो अलग ........अपनी खुद गिरा और गिरे लोगो को उठा दिया ..........दाग साफ़ हो गए ...पर पानी का फायदा लीजिये आज फिर भारत पुत्र ने उठाया ...जी जी दिल्ली में आज फिर एक महान सपूत से कुकर्म की कोशिश की .और जा सफल नहीं हुआ तो लड़की के मुह में राड दाल दी ..................काहिर पानी गिरता रहा और हम भी गिरते रहे .आखिर हम देख कर ही तो सीखते है और सामजिक बनते है .....क्या आप पानी को गिरता देख रहे है ?????????????????????????
No comments:
Post a Comment