शहर में सभी शरीफ हो गए ,
ना जाने कितने मशरूफ हो गए ,
मैं कीचड़ में रहता रहा पर,
वो कमल बदस्तूर हो गए .....................आप सभी बसंत पंचमी की शुभकामना और इस लाइन में देखिये उन लोगो के अक्स तो अपने को कमल दिखने के लिए सिर्फ कीचड़ uchhalne में विश्वास रखते है
ना जाने कितने मशरूफ हो गए ,
मैं कीचड़ में रहता रहा पर,
वो कमल बदस्तूर हो गए .....................आप सभी बसंत पंचमी की शुभकामना और इस लाइन में देखिये उन लोगो के अक्स तो अपने को कमल दिखने के लिए सिर्फ कीचड़ uchhalne में विश्वास रखते है
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