आज प्रेम दिवस है ...................जितने भी अधूरे लोग है सब के सब अपने खोये हुए हिस्से को ढूंढ़ते दिखे >>>>क्या आपको लगता है कि जो लोग प्रेम करते है वो अधूरे होते है ??????????? हा तो क्या गलत कह रहा हूँ ...............प्रेम , मोहब्बत , प्यार , सब लिखने में ही अधूरे है तो इनको लेकर घूमने वाले अधूरे नहीं तो क्या है और अगर अधूरे नहीं है तो क्यों मारे मारे फिर रहे है ...................और आप जैसे लोग प्रेम का सिर्फ एक मतलब ही जानते है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! अगर मैं नहीं जानता तो क्यों नहीं आपने आज प्रेम करने वाले भगत सिंह को क्यों नहीं याद किया .........१४ फ़रवरी १९३१ को फंसी की सजा पाई थी .....पर आपके लिए देश प्रेम करने का कोई मतलब ही नहीं है ....और हो भी क्यों सावन के अंधे को सब हरा हरा दिखाई देता हैं ..आखिर प्रेम का मतलब सिर्फ अपने दिल की सुनना ही तो है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! क्या दिल दिल लगा रखा है .आपको मालूम भी है कि दिल कहा होता है .जिसको देखो यही कहता मिल जायेगा कि बायीं तरफ होता है पर दिल होता है बीचोबीच में जिसका ज्यादातर हिस्सा बायीं तरफ होता है और हमारे शास्त्रों के अनुसार पुरुष में बाया हिस्सा स्त्री का होता और स्त्री में दाया हिस्सा पुरुष का होता है .......................अब आप बताइए कि पुरुष के बांये हिस्से में स्थित दिल का जब कोई लड़की अच्छी लगती है तो इसमें हर्ज़ ही क्या है .......................इसमें लड़के का दोष कहा से आ गया ........वो तो पुरुष का बायाँ हिस्सा स्त्री का होता है तो स्त्री को देख स्त्री ही आकर्षित होती है तो लड़का कहा से बीच में आ गया .........और इसी तरीके से जब कोई स्त्री लड़के को देखती है तो उसका दायाँ अंग अपने सामने पुरुष को देख कर आकर्षित हो जाता है तो इसमें स्त्री का क्या दोष ............................अब आप बताइए प्रेम अगर मनुष्य से न करे तो आप उसके ऊपर अप्राकृतिक प्रेम का आअरोप लगा देंगे और वैसे भी यूरोप के कई लोग मादा चिम्पांजी के साथ रह चुके और हर बार बच्चे चिम्पांजी ही हुए .................बेचारे चिम्पांजी को तो कुछ नहीं हुआ हा हम लोग आज तक उस प्रेम के दाग को एच आई वी के रूप में छूता रहे है ...................अब आप लोग फर्जी लड़के लड़की को प्रेम करने से रोक रहे है .......और अगर पशु प्रेम करके पर्यावरण को सुरक्षित रखना है तो ठीक है अपाल लीजिये एक एक मन पसंद जानवर ...................जनसँख्या भी नहीं बढ़ेगी और और प्रेम का आनंद भी मिल जायेगा .....................वैसे आप किस तरह से प्रेम करने की वकालत कर रहे है .......????????????????????? कार्ड खरीद कर या गुलाब का फूल देकर .....................अच्छा आप का प्रेम खरीद फरोख्त में विश्वास रखता है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! क्यों क्या गलत कहा .जब सब कुछ पैसे से ही खरीदना है तो प्रेम भी तो आप खरीद सकते है ??????????????? जी बिलकुल सही कह रहा हूँ अगर प्रेम में आपने समर्पण नहीं किया तो हो जाइये तैयार .......हो सकता आअप्कि आपत्ति जनक फोटो छपने जा रही हो ...या फिर तेजाब आपका इंतज़ार कर रहा हो .अपहरण भी हो सकता है .......क्या प्रेम का मतलब अभी भी आपको बतलाना पड़ेगा ..................अच्छा आप के दिल में प्रेम का मतलब क्या है ......................देखिये कही आप उस सड़क पर जाती लड़की का इंतज़ार तो नहीं कर रहे थे ............................आपको एच आई वी की शुभकामना .......................ज मैं जान रहा हूँ कि मैं क्या कह रहा हूँ ?????????????????? एच आई वी का मतलब ही है ह्यूमन इन वैलेंटाइन .....आपही के दिमाग में गन्दगी भरी है ...................गुलाब लेकर कहा जा रहे है
No comments:
Post a Comment