Monday, 30 September 2013

संभलियेगा !!!!!!!!!!! गोश्त है

कही आप गोश्त  तो नहीं खाते  ?????????
अमा मियां आप तो ऐसे बात करते है जैसे पूरे देश का ठेका आपने ही ले रखा है .............जी मैंने ऐसा कब कहा .मैंने तो कल बस ये कहा कि बाजारीकरण के दौर में जो चीज़ ज्यादा हो जाती है ...उसका दाम ( मान , सम्मान , गरिमा ) घट जाता है ......अब आप देखिये ना इस देश में ही ??????? सबसे ज्यादा माँ और बहन बनायीं जाती है .......................और फिर उनका क्या होता है क्या ये भी ??????????????? देश को माँ कहा तो उसका क्या ?????? किया ..गंगा को माँ कहा तो उसको मैला ?????? किसको नहीं पता कि खटोला पद्धति में क्या होता था अपनी जान बचे .बहन जाये भाड़ में !!!!!!!!!!!!!!!!! खैर छोडिये इन गड़े मुर्दों को हम तो उस देश के वासी है जहा आज में लोग जेते है कल किसकी इज्जत लुटी और किसने अपनी माँ को ??????????? आप बुरा ना माने ( वैसे आप बुरा मानते कहा है ....आप तो बुराई को जन्म देते है ) तो एक बात कहूँ !!!!!!!!!!!!!! पूरी जिन्दगी आप एक लड़की को इज्जत का पाठ  पढ़ा कर बड़ा करते है ..और जब उसके साथ कुछ होता है तो कहते मेरी इज्जत लुट गयी ( पता नहीं ये जादू कैसे होता है ) कोई लड़की अपने मन पसंद लड़के के साथ शादी कर ले ................तो बेचारा लड़का मारा जाता है और आप कहेंगे लड़की भाग गयी ( चलिए कही तो लड़की लड़के से तेज दौड़ लेती है ).लड़की को आप तम्चा मार देते है जब सजा होने कि बारी आती है तो आप उसके पिता बन जाते है ( वैसे कहते फिरते हैकि छात्र छात्राओ से दुरी बना कर रखनी चाहिए ...........ऐसे मगर मच्छ कहा मिलेंगे )...आप तो दूध के धुले है ...............ना ना मैं कहा ढूध का धुला हूँ मैंने तो सिर्फ ढूध पिया भर है ( क्या आप कभी ढूध में नहाये भी है ......हा हा क्यों नहीं जब सब लड़की आंचल में ढूध और आँखों में पानी लिए आपको दिखाई देती है तो नहाये तो होंगे ही ) .......खैर लड़की की इज्जत से ज्यादा आप अपनी चिंता करिए क्योकि लड़की को  मारना , जलाना , बलात्कार करना , शोषण करना यही तो डॉ ..... फेना का काम है .......क्या पता इनके घर पर लड़की रहती है या इनकी  इज्जत पर इतना तो है ..........इज्जत लड़की की लुटती है और शर्म से ये घर से नहीं निकलते है ...और निकले भी कैसे आखिर कोई बाहर की लड़की को तमाचा थोड़ी ना मारा गया है ..............आज तो इनकी लड़की ...............आखिर लड़की तो अपने घर की ही होती है ना .........बाकी तो सिर्फ हांड मांस !!!!!!!!!!!! माफ़ी माफ़ी माफ़ी ....हांड मांस कह दिया और आपके मुह से पानी आने लगा .क्योकि आपको तो गोश्त खाने की बुरी आदत भी है ..............( इसको सिर्फ व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये .सब काल्पनिक है )

Sunday, 29 September 2013

सबसे ज्यादा कोढ़ी ????????????????????

मैं क्यों बोलू ????????? मैं तो जानवर हूँ .................
आज मैं अमीनाबाद की बाज़ार का मजा ले रहा था ..............अब ये धीरे धीरे बुद बुदा   क्या रहे है सीधे कहिये की छुट्टे  सांड तो घूमते ही रहते है .........अब मैं कैसे कहूँ की आप तो वो है जो खूटें से बंधे रहते है ...खैर छोडिये मेरे ही सामने एक आदमी को गोली मार दी गयी और वो वही मर गया ..............पुलिस आ गयी और शुरू हुई पूछ ताछ .............तुमलोगों के सामने गोली चली थी पर सब चुप थे भला बोलते भी कैसे .......दुनिया के सबसे ज्यादा अंधे इसी देश में रहते है तो भला कैसे किसी को दिखाई देता ....................रही बात गोली के आवाज सुनने की तो लो कर बात मैं ही पुलिस को आप की तरफ से बता देता हूँ कि दुनिया के सबसे ज्यादा बहरे भी इसी देश के रिकार्ड में है ( कम से कम इसको व्यंग्य न समझिएगा ).................तुम लोगो के सामने गोली मार कर कोई चला जाये और तुम लोग पकड़ नहीं सके .......अरे अरे दरोगा जी क्या आपकी जी के कमजोर है और होगी क्यों नहीं आज तक आपको ये तक तो पता नहीं कि शरीफों के बीच अपराधी कितने है ......अपनी जान बचने के लिए किसी शरीफ के हाथ में पकड़ा दीजिये तमंचा ......बस हो गया काम तमाम और लीजिये हाजिर है इस देश का ताजा अपराधी ....खैर पकड़ते कैसे क्या आपको ये भी नहीं पता कि पूरी दुनिया के सबसे ज्यादा लूले लंगड़े इस देश में रहते है ........और ना भी रहते हो तो क्यों अपराधी को छू कर अपने हाथ गंदे करे ...................आखिर इनको इतना तो पता ही है ना कि दुनिया के सबसे ज्यादा कोढ़ी यही रहते है ( एक बार जरा पता कर लीजियेगा ) अब आप ही बताइए तो अपराधी को भला कहा से पकड़ते .................क्या आप पुलिस में नए नए हो क्या .जाइये रजिस्टर खोलिए और किसी पहले से दर्ज अपराधी को इस गोली कांड में अंदर कर दीजिये और ले लीजिये २४ घंटे के अंदर हत्या की गुत्थी  सुलझाने के लिए प्रमोसन .... मेरी तरफ इतना मुह बना कर आप लोग क्यों देख रहे है क्या सच बोलना गुनाह ही है .............और्मैने क्या कहा .....आप ही बताइए पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा भाई बहन इसी देश में है ( चाहे बनाये हुए और चाहे ???????????) पर फिर भी हम दुनिया में एच आई वी में दुनिया में तीसरे नम्बर पर है कि नहीं  तो भला बताइए दुनिया में रिश्ते का मतलब सबसे ज्यादा कौन समझता है .............मेरी न मानो तो बजजवा ( दलाल ) से पूछ लीजिये ...इन्ही लोगो ( सारे शरीफों  की और इशारा  करके मीना कुमारी पाकीजा पिक्चर में कहती है ) ले लिन दुपट्टा मेरा ..............अरे हा कालिज में भी तो यही कहा जाता है कि लड़के लडकियों से दुरी बना कर रहिये .......और रहे भी क्यों नहीं आखिर कालेज के बच्चे बेटा बेटी तो हो ही नहीं सकते .....बेटा बेटी तो अपने प्रयास से पैदा ही हो सकते है ..यानि टीचर के लिए कालेज के बच्चे सिर्फ गोश्त के टुकड़े ( और कसम खिलाते है सारे भारतीय भाई बहन है ...कितने उच्च कोटि के है हम लोग .आपको गर्व तो होता  होगा )....इसी लिए टीचर अपने बेटी से शादी ( कई किस्से आप ढूंढ़ सकते है ) तक कर लेते है .बेटी स्टूडेंट को तमाचा मार कर कह देते है कि वो लड़की खुद बदमाश ????????? थी और गलत तरीके से बैठी थी .क्या अब भी आपको लगता है कि हमारे देश में दुनिया के सबसे ज्यादा ??????????? रिश्ते क्यों है ????///बाज़ार का सिद्धांत  है जो बाज़ार में ज्यादा होगा उसकी कीमत कम हो जाएगी !!!!!!!!!!!!!!!!!!! क्या अब भी नहीं समझ पाए कि देश में दुनिया के सबसे ज्यादा  बहन , बेटी होने से उनकी कीमत हमने क्या ?????????बचाओ बचो ये गुंडे मुझे परेशां कर रहे है भैया  बचा लो ...पर मिलती है सड़क के किनारे लड़की की लाश क्योकि ये देश है वीर जवानों का ........भाई बहनों का ...................दुनिया के सबसे ज्यादा .........मी भी कही यही तो ( ये आप सोचिये मेरी क्या औकात जो कह दूँ ) ( सिर्फ व्यंग्य समझ कर पढ़िए किसी पर आक्षेप नहीं है )

Tuesday, 24 September 2013

काले से मोहब्बत कर लो

जस जेके महतारी बाप तस तैके.............
क्या करूँ अम्मा के पेट में सबसे ज्यादा जिस रंग को देखा वो क्या था बताइए बताइए ......................अब कही उत्साह में गिर न जाइएगा मैं भी जानता हूँ काला , काला , काला , काला ...........ऐसा मेरी बात सुन रहे है जैसे इन्होने नीला रंग देखा था ...........................तो काला रंग तो अच्छा लगेगा ही | अब आज के बाद ये ना कहियेगा क़ि आप उनके साथ क्यों चिपके रहते है और मैं ही क्या जो भी अम्मा के पेट से पैदा हुआ है वो सब काले के दीवाने है ..........सच बताइए कभी दिन आपको अच्छा लगा .....रात क्योकि अँधेरा ही तो सपने लता है अब आप समझ गए होंगे क़ि हर चंगू मंगू  क्यों काले के पीछे दौड़ते है .आखिर उनके सपने तो काले से ही पुरे होंगे और सपने कहा नहीं तो आंख तो बंद करेंगे ना .................और बंद आंख को सिर्फ नींद नहीं .........चलिए आप ही बता डालिए क्या कहते है ?????// इतना डर किस काम का ??कहिये ना अंधे तो आप तो आंख बंद करके काले जीवन को जीते है आखिर सपने जो पूरे होने है .....ऐसी तैसी में जाये दुनिया ........क्या करू काले को मिटा कर सबेरे ने क्या दिया सिर्फ चलना , हर समय मेहनत पसीना और अन्तःतः थकान .कम से कम काले जीवन में सुकून तो है क्यों आपको नहीं लगता क़ि काला का नाता क्यों आपको भाता ..............कलि बिंदी हो या काली काली आंखे ............देखा जो तुझे जानम ............या फिर काला तिल ............तो अब आप समझ गए होंगे क़ि मुंगेरी लाल के सपने देखने के लिए काला ??????????????? कितना बड़ा होना चाहिए और इतना दिमाग खपाने की जरूरत क्या है ......शनि महराज की पूजा कर डालिए और तो और काला कपडा ( देखिएगा अगर दन्त सफ़ेद न हो तो आप कम से कम काले कपडे न पहिनियेगा क्योकि अभी भी दुनिया को भूत से डर लगता है ) पहन कर घूमिये ....................पर मैं एक बात कहूँ ( वैसे मेरी हर बात के आप १० मतलब तो निकलते ही है रोज ).........इतने काले के झमेलो से तो अच्छा है कि आप किसी काले हिरन ( ब्लैक बक ) के साथ रह लीजिये पर संभल कर सलमान को जेल काटना पड़ा था इसी काले हिरन के कारण...............वैसे चोर चोर मौसेरे भाई ........सब रोगों की एक मात्र औषधि है ...........आदमी  हूँ आदमी से प्यार करता हूँ ( वैसे अब डरने की जरूरत भी नहीं है गे कल्चर आ चुका है ) तो ढूंढ़  लीजिये उनको जो दीखते है काले ..................पर मैं ज्यादा कैसे बताऊ क्यकी मेरे तो सपने ही काले के साथ चूर चूर हुए है ............क्या आपका काले के साथ कोई अनुभव ???????? कह डालिए अम्मा के पेट से काले से रिश्ता है वो लीजिये !!!!!!!!!!!!!! अरे हा शैतान और राक्षस को भी काला ही हर जगह दिखाया जाता है लेकिन आप तो आदमी है और आदमी को आदमी से प्यार होता है तो देखिये ..करत करत अभ्यास से जड़ मत हॉट सुजान...................कही तो होगा ..............काले का काला साम्राज्य मतलब घर , शरीर , और जो आप समझना चाहे ..............( किसी से इस का कोई मतलब नहीं है सिर्फ व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )

Monday, 23 September 2013

लंका में लंकिनी ?????????????????????????

लंका की लंकिनी किसको ???????????
आप तो ऐसा उछलने लगे मानो आप लंका का मतब सबको बता ही डालेंगे पर मैं  तो सिर्फ लंका का मतलब लंका ही समझ रहा हूँ आप की मर्जी आखिर स्वतंत्र देश में रहते है ऊपर से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है तो समझिये लंका का मतलब और समझिए लंका का मतलब .................मैं तो सिर्फ इतना कह रहा हूँ की लंका की लंकिनी वही बनी होगी जो रावन ???? की नज़र में खुबसूरत रही होगी ( वैसे तो आप भी जानते है कि राक्षसी जैसी शक्ल वाली कैसी लगती होगी ) लेकिन कोई बात नहीं रावन जिसको चाहे जो बनाये वो लंका का राजा है विभीषण को लात मार दे ( भले ही बाद में खुद लतियाया जाये क्या ये बताऊ कि कितनी दुर्गति रावन के नस्सेब में रही होगी ) बस रावन ने लाकिनी को लंका की रक्षा का चार्ज दे दिया बस उचकने लगी फांदने लगी मानो कोहिनूर हीरा मिल गया हो .............राक्षसी है तो अक्ल तो होने से रही वैसे बे सर पैर की बात करने में जाता भी क्या है ????? लंकिनी को न जाने किस बात का घमंड था कि हनुमान जी( हनुमान मतलब शक्ति और आपने हनुमान को देखा तो है नहीं लेकिन युवा लड़का लड़की तो देखा है !!!!!!!!!!!! अब समझ गए न शक्ति का मतलब ) जब लंका के दरवाजे पर पहुचे तो लगी समझाने मैं तुमको बर्बाद कर सकती हूँ ..राम ( क्या राम भी नहीं देखा कोई बात नहीं किसी आदर्श पर चलने वाले आदमी को कभी तो देखा होगा .नहीं देखा तो चलो रावन को सुकून मिला होगा )  के चक्कर में रहोगे तो बर्बाद हो जाओगे मैं चाह लू तो तुम एक बेहतर जीवन देख भी नहीं सकते ?????????? रावन के द्वारा फर्जी वकत दिए जाने के कारन अपनी औकात भूल चुकी लंकिनी ने सोचा ही नहीं कि हनुमान क्या कर सकते है बस ..................जो दै दना दन दै दना दन ...............बेचारी जान ही नहीं पाई कि रावन के चक्कर में कितने पा गयी ................हनुमान ने कहा कि जाओ अपने रावन से कह दो हम प्रभु राम के सेवक है जो उखाड़ सके उखाड़ ले ....और तुम क्या मेरा जीवन बर्बाद करोगी जब खुद सच को जान कर भी बकवास किये जा रही हो ..........तुमहरा अंत निश्चित है और फिर लंकिनी को पड़ा ...............ये ये और ले और ले ......लेकिन आप क्या सोच कर मुस्करा रहे है क्या आपने भी कही लंका और लंकिनी देखा है ............. तो क्या उनका हश्र भी बताना पड़ेगा ??????????????????????

Thursday, 19 September 2013

बन्दर जैसे राजा

कही बन्दर तो ???????????????

गुरु विद्द्वान होता है पर हर गुरु अपने अर्जित ज्ञान का सही उपयोग कर पाए ये जरुरी नहीं है क्योकि बहुत तो ये दिखाने में कि हम किसी से कम नहीं है अक्सर बंदर ( बुरा मत मानियेगा मैं मानव शास्त्र का थोडा सा जानकार हूँ और उसके अनुसार हमारे पूर्वज बंदर से ही अलग होकर मानव बने )जैसी हरकत करने लगते है और  अगर  बंदर ही जंगल ( यानि जहा सब कुछ अराजकता में डूबा हो ) का राजा बना जाये तो ????????? ओह हो मुझे एक ऐसी ही कहानी याद आ रही है ...........क्या हुआ एक बार जंगल में सभी जानवरों ने सोचा कि क्यों न इस बार जंगल का राजा शेर( कुर्सी पर हमेशा योग्य व्यक्ति ही बैठे जरुरी तो नहीं कई बार भालू जाधव जैसे मूर्ख भी कही के मुखिया बन जाते है ) के बजाये कोई और बने  और देखते ही देखते बंदर को राजा बना दिया गया | एक दिन शेर ने बकरी के बच्चे को पकड़ लिया | बकरी दौड़ी दौड़ी बन्दर के पास आई महराज कि जय हो ( मूर्ख हमेशा अपनी जय जय कर सुनना पसंद करते है ).......महराज जल्दी चलिए मेरे बच्चे को शेर ने पकड़ लिया है .पर बन्दर चुप चाप बैठा रहा ......फिर बकरी ने कहा तो न्याय के बजाये वो मूर्ख की तरह बैठा रहा .......पर जब बकरी ने तिबारा कहा तो बन्दर पेड़ पर चढ़ गया और एक डाल से दूसरे डाल पर कूदने लगा | बन्दर को ऐसा करते देख बकरी बोली महराज वहा मेरे बच्चे को शेर मारे डाल रहा है और आप है कि एक डाल से दूसरी डाल पर ही कूद रहे है ...बकरी की बात सुन कर मूर्ख बन्दर ( ऐसे कई लोग है जो बिना किसी ज्ञान के मंच पर खड़े होकर बताने लगेंगे मैं जब वहा था तो ऐसा करता था ) कहने लगेगा अच्छा ये बताओ जो मुझे आता है क्या उसमे तुमको कोई कमी दिखाई दी ...........और बकरी का बच्चा मर गया .यानि देख सुन कर गुरु बनाइए कही ऐसा न हो आपके हाथ बन्दर आ जाये जो बस कूदता ज्यादा  रहे और किसी भी साम्राज्य को बर्बाद कर डाले ( अब आप क्यों लंगूर की तरह........... मुंह  किये डाल रहे है क्या आप अपने  को ???????????) क्या आपको कोई सच्चा गुरु मिला या फिर ??????९ व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये

Saturday, 14 September 2013

शिक्षक संगठन की दुर्दशा

डिग्री शिक्षकों के प्रदेश संगठन का बुरा हाल है. दिनांक ९ सितम्बर को पी पी एन कालेज में हुई बैठक इस बात का सबूत है. अध्यक्ष महोदय रिटायर होने के बाद भी पद का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं. गुटबंदी की ऐसी सीमा पहली बार देखने को मिली. शोर शराबे हंगामे के बाद बैठक बिना किसी निर्णय के समाप्त हो गयी. समझ में नहीं आ रहा समाज को शिक्षित करने दंभ भरने वाले वाले इस तबके से जुड़े लोग स्वयं को कब शिक्षित कर पायेगे? शिक्षक नेता लगता है अब मात्र नेता ही रह जायेगे. शिक्षकत्व का लोप हो रहा है. मर्यादाएं लांघी जा रही हैं. एक बड़े बदलाव की आवश्यकता है , अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब सम्मान तो भूल जाईये शिक्षक समाज की आवाज कोई सुनने वाला नहीं होगा. मंच से बड़ी बड़ी बाते करने से कुछ नहीं होने वाला. अपने से बाहर निकलने की जरूरत है.
 

Friday, 13 September 2013

बिंदी से ऊपर नहीं है हिंदी

बिंदी भर है हिंदी ....................
आपको बिंदी इसी लिए अच्छी लगती है क्योकि सुन्दरता बढ़ जाती है ..............पर अक्सर आप सुन्दरता बताने वाली इस बिंदी को या तो स्नान घर की दिवार पर लगा देते है या फिर शीशे पर चिपका देते है ............कभी कभी तो आप खुद नहीं जानते कि बिंदी कहा चली गयो ..............तो बाहर की बिंदी हिंदी के लिए इतनी चिल्ल पुकार क्यों ............इस देश में लड़की बेटी है पर खुलेआम उसको तमाचा मार दिया जाता है और उस लड़की की रक्षा करने वाले को फसा दिया जाता है ...............आप सही कह रहे है मैं बहक गया हूँ पर क्या करूँ आप हिंदी में कुछ समझ कहा पाते है .......................आपको तो अंग्रेजी में ही सब समझ में आता है और बिंदी हिंदी दोनों स्त्री का प्रतिनिधत्व करती है तो लड़की का भारत में झापड़ खाने का दृश्य भी याद आ गया ....................आपको बुरा लगने की बीमारी इतनी बड़ी है कि आप कहिये तो मुझको खा ही डाले पर क्या गली के कुत्ते( आपको ख़राब लग रहा होगा .चलिए स्वान जी कह दूँ तो मुह तो नहीं बनेगा ) को देखा आपने प्रजातंत्र और राजा के लक्षणों से परिपूर्ण  ......वो किसी एक का ना होकर पूरे मोहल्ले का होता है रात भर पूरे मोहल्ले और मोहल्ले वालो की रक्षा करता है पर कितने घर वाले उस गली के स्वान जी को अपना मान पाते है कितनो को उसके भूख प्यास , गर्मी जाड़े की परवाह होती है ............पर वो गली वालो को देख कर पूछ हिलाना नहीं भूलता .....उनके पैरो में लोट भी जाता है पर उसको झिडकी के सिवा और लात के सिवा कुछ नहीं मिलता लेकिन कही आपके पास डाबर मैन है या जेर्मन शेफर्ड है तो क्या कहने आपको अपनी इज्जत बढ़ते हुए लगती है आप उसको कार में पार्क में घुमाते है और विदेशियों की सैकड़ो सालो से गुलामी के अवशेष कुछ महापुरुष तारीफ करते भी मिल जायेंगे ..............भाई  कुत्ता है तो उनके पास ...........हो सकता है कोई पिल्ला मांगने भी चला आये ........................समझ गए ना मैन क्या कह रहा हूँ हमको कुछ भी देशी पसंद ही नहीं हम तो विदेशी से पहचाने जाते है ऐसे में अगर हिंदी बचाओ बचाओ चिल्ला रही है तो क्या हुआ ........एक हफ्ते तक बिंदी की तरह किसी कमरे में चिपका दीजिये फिर पूरे साल ढूंढते रहिये कि हिंदी को कहा छोड़ आये थे .....................कहा चल दिए क्या बिंदी को अब ढूढ़ पाएंगे ?????????????????? वैसे बिंदी को अंग्रेजी में क्या कहते है ?????????? मतलब बिंदी सिर्फ हिंदी की ही है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! ( व्यंग्य समझ कर ही पढ़ा जाये )

Thursday, 12 September 2013

हिंदी ...............एक औरत की दुर्दशा

हिंदी या औरत की दुर्दशा

जिधर देखो बस रुदाली करते हुए लोग ........हाय हाय हमारी  हिंदी .........कितनी दुर्दशा .............अंचल में दूध ( आज कल दूध काफी महंगा हो गया है ) और आँखों में पानी ( कम कम से साफ़ पानी कही तो बचा है )....................अब कौन समझये इनको .....आ बैल मुझे मार ......पर हिंदी ठहरी स्त्रीलिंग !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! तो इस देश में औरत के लिए ढिंढोरा तो पीटा जा सकता है पर रहेगी तो वह उत्पीडन , बलात्कार , का शिकार ही तो कौन सी आफत आ गयी हिंदी के शोषण को देखकर ...........एक तरह जिसको भी रौंद( पृथ्वी ) सकते है गन्दा( गंगा ) कर सकते है अगर उन सबको स्त्रीलिंग से न नवाजे तो खाना नहीं पचता है और जब दिखावा करना होगा तो माँ बहन न जाने क्या क्या कहने लगेंगे ....................हिंदी को भी माँ कहने में आपको शर्म तो आने से रही ..............जी जी अब आप कहेंगे कि अंग्रेजी भी तो स्त्रीलिंग है .....................आ गए ने चरित्र पर जब तक चरित्र न उच्छ्ले मजा नहीं आता इस देश में ....................आपको देशी औरत पसंद कब आती है अंग्रेजी पिक्चर हो या सियारा लियोन या अंग्रेजी औरत के कपडे सब आपको अपने देश से ज्यादा अच्छे लगते है तो अंग्रेजी तो तो आप अपनी छाती , ओठ से लगायेंगे नहीं तो पता कैसे चलेगा कि आपको प्रेम करना आता है .......... तो अब तो समझ गए ना कि देशी स्त्री ( हिंदी ) की दुर्दशा क्या है ....................आरे आरे मेरी बात सुन कर भी आप बेशर्मी से उसी से चिपके है ............थैंक यू थैंक यू ..........ये क्या कर रहे है आपके घर में भी तो औरत ( हिंदी ) है कभी तो उसका ध्यान करके कह दीजिये धन्यवाद् ...............

Wednesday, 11 September 2013

कौन कहता है कि आप मनुष्य नहीं है ??????????????????????

क्या कोई शक है आपके ???????????

मनुष्य ही इस दुनिया में सबसे बुद्धिमान है ??????????????????? रोज कहता है दिन हो गया...............सूरज निकल आया .......रात हो गयी ....सूरज डूब गया ....कम से कम बेवकूफ जानवरों को ये तो पता है कि दिन रात होते नहीं बस पृथ्वी घूमती है ..........................न न आप बुद्धिमान है भला कोई जानवर कहता है कि आसमान नीला है बस एक आप ही है जो आसमान को नीला कहते है ( जब कि ऐसा कुछ नहीं होता है )..........क्या अब भी आपको अपने मनुष्य होने पर शक है

Tuesday, 10 September 2013

भगवान बनने का लालच है हमको


भगवान बनने का सुनहरा मौका ......
आज मैं भूतनाथ पर बजरंगबली से मिलने गया ( वैसे तो जितने काले दिल , बदमाश और समाज के अराजक तत्व है सभी उनको अपने घर में लगाये मिल जाते है शायद इसी लिए मेरे घर में उनकी फोटो नहीं है )मैं वह खड़ा ही था कि बहरत माँ फटी धोती में एक बच्चा ( शायद भारतीय ) गोद में एक पेट के अंदर , एक कटोरा लिए और एक किसी से कुछ पा गया था तो शायद क्वालिटी चेक कर रहा था ...............मेरे पास आकर कहने लगी भैया कुछ हमको भी खाने को दे दो बच्चे भूखे है ..................मैंने भारत माँ को देखा और उनके शरीर पर जनसंख्या का बोझ  देखा फिर एक दार्शनिक नेता की तरह बोला माँ आप ने इतनी जनसँख्या क्यों बढ़ा ली देखिये मैंने महगांई  के डर से आज तक शादी नहीं की और आप जनसंख्या बढ़ाये जा रही है जब मैं अपने बच्चे पैदा करने की ताकत ( अब परीक्षा मत ले लीजियेगा वरना एक बोझ और बढ़ जायेगा ) नहीं है तो मैं  आपके बच्चे का दर्द क्या समझूंगा मैं कोई नेता तो हूँ नहीं जो आप पर दया करके लैप टॉप दे दू ( खाना तो देने से रहा ) या फ़ूड बिल  लाकर मुफ्त में खाना बाटूँ..................मेरी बात सुन कर भारत माँ बोली ................तुम इस देश के दुश्मन हो वो तो हम लोग ( देश के तमाम गरीब जिनके ७ से १० बच्चे है ) है जिनके दम पर देश जब देखो चिल्लाता रहता है कि विश्व में सबसे ज्यादा युवा हमारे देश में है और अगर इतने युवा हम न देते तो क्या इस देश में इतनी पार्टी बना पाती .................तुम क्या समझते हो चीन आक्रमण सेना से डर कर नहीं कर रहा आरे वो तो हमने इतनी जनसँख्या बढ़ा दी है कि डर के मारे वो आक्रमण नहीं कर रहा है ..................सारे नेता दरिद्र नारायण के घर न जाये तो संसद का मुह तक न देख पाए तो देश में भारत रत्न कौन ????????????हम देश भक्त कौन ???????????????हम तुम क्या जानो मेरे शरीर के चारो तरफ चीलर की तरह जो जनसँख्या लिपटी है उसी से तुम्हारे  घर बर्तन साफ़ होते है कपडा धुलता है .....................चले आये बात करने देश के लिए सोचो और शादी करके युवा पैदा कर डालो भले कहने को नहीं रहेगा पर देश में आदमी तो रहेगा और आदमी आदमी के कम नहीं आएगा तो किसके आएगा क्या कभी गोश्त नहीं खाया क्या ???????? तुमको कुछ मालूम भी है इस देश का हर महापुरुष अपने माँ पिता की पहली संतान नहीं था ६ वी या १० वी संतान थी तो क्या पता मैं भी कोई महापुरुष पैदा कर दू वैसे भी इस देश में कंश और रावन ही शासन करते आये है राम कृष्ण को तो भटकना पड़ा है ....और मैं भी इनके ( बच्चो ) के साथ भटक रही हूँ ......................और बच्चे तो भगवन की मूरत होते है और तुम मंदिर के सामने खड़े हो पर भगवान को दुनिया में नहीं लाना चाहते ..............फिर भगवान को १४ वर्ष जंगल में रहना आना चाहिए तो हम क्या करे चिंता मैं सिर्फ माँ ( भारत ) हूँ मैं कैसे भगवान को पैदा करने का श्रेय छोड़ दूँ , ..............जी मैं समझ गया माँ आप ही भारत माँ है तभी तो भगवान हजारो में होते जा रहे है .............और मैं चल दिया ..............खा चले भारत माँ चिल्लाई ...............भगवान को ढूंढने...................क्या आप के घर पर भी भगवान के आने की तैयारी हो रही है .........अब समझ गए ना कि भगवान की संख्या हजारो में क्यों है ??????? चुनाव आ रहे है भगवान के सहारे ही न जाने कितनी पार्टी अपने जीवन को सवारेंगी ................भगवान तो  प्रेम के भूखे है उनको पानी बिजली , भोजन से क्या मतलब ........वो तो भक्त ( नेता जब एक झोपडी के आगे हाथ जोड़ कर वोट मांगता है तो चिथड़ो में लिप्त गरीब भगवान इसी में खुश हो जाता है कि नेता जी हमरे घर आये रहे ) के प्रेम में डूबा है और भक्त भगवान के सहारे वो हर पद पा लेता है जिसको भगवान ???????????????????? क्या आप भगवान इस बार भी चुनाव में बनने जा रहे है ( व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )

Monday, 9 September 2013

बाल विवाह !!!!!!!!!!!!इज्जत बचाओ

बाल विवाह ...........इज्जत बचाने का मौका
आज के सभी समाचार पत्र में यह खबर छपी है कि दुनिया के ४० प्रतिशत बाल विवाह भारत में होते है ................तो इसमें कौन सी बड़ी बात हो गयी आखिर किसी काम में तो हम शुरू से ही ध्यान देते है आखिर लड़की पैदा होती किस लिए है ..............???????????? क्यों बड़ी करे उसको ??????????इस लिए कि पहले वो पढ़ लिख कर बड़ी हो फिर चलती बस में उसका बलात्कार हो .....या इस लिए कि देश के कलेज में वो जाये और वहा उसको इतना टार्चर किया जाये कि वो तीसरी मंजिल से कूद जान दे दे या फिर इस लिए वो इस देश में पढ़े लिखे कि अगर वो किसी कमरे में अकेले किसी लड़के के साथ बैठ कर बात करे तो कोई अपने को सभ्य कहने वाला पुरुष आये और उस देश की लड़की को थप्पड़ मार दे जिस देश के संविधान के निति निदेशक तत्व में साफ़ साफ़ लिखा है कि लड़की की अस्मिता और सम्मान की रक्षा करना हर भारतीय का कर्तव्य है !!!!!!!!!!!!!!! कम से कम जब लड़की सिर्फ सेक्स और गोश्त के आईने में देखी जानी है तो पैदा होते ही उसको किसी के हाथ सौप देना गलत तो है नहीं आखिर नोची जाएगी तब भी किसी के पत्नी होने का ठप्पा तो लगा रहेगा ....वरना आप तो नैतिकता के ठेके दार है कह देंगे कि अकेले कमरे में बैठी थी किसी लड़के के साथ तो बस वही हो रहा होगा जो आपके दिमाग में हर समय लड़की के लिए चलता है >>>>>>>>>>>>>.. और भला आपको कोई कहेगा भी कैसे आपके बाल जो सफ़ेद हो गए है .....आप खुद लड़की के शरीर को चोट पहुचाइए फिर उस लड़की से कहिये कि मैं तो पिता की तरह हूँ मार तो सकता हूँ ..................क्या बात है अगर बाप को लड़की को मरने का इतना ही शौक है तो लाइए अपनी बेटी को चौराहे पर मारिये लगिए उसके ऊपर आक्षेप कि वो जिस लड़के के साथ बैठी थी उसके साथ वो आपत्ति जनक तरीके से बैठी थी .............आप जैसे रावन के होते हुए भला क्यों न बाल विवाह कोई कर दे आपके द्वारा लगये दाग से तो वो बची रहेगी ......................आज एक पागल कहने लगा कि मैं जो कर रहा हूँ उसको क्यों नहीं फेस बुक पर लिखते हो ...........मैंने सोचा पागल को लिखने की क्या जरूरत वो खुद ही पागलो जैसी हरकत करता रहेगा तो दुनिया जान ही जाएगी एक दिन ..................कब तक आप बुढ़ापे का सहारा लेकर लड़की का शोषण करते रहेंगे ?????????? क्या अब भी आपको लगता है कि इस देश में बाल विवाह होना गलत है ..................अगर इस देश लड़की मुह खोलना भी चाहे तो धमकी दे दीजिये तुमेह बदनाम कर दूंगा , कलेज से निकल दूंगा , फोटो दिखा दूंगा ......बस फिट क्या इस संस्कृति के देश में लड़की चूहे से भी ज्यादा बदत्तर स्थिति में आ जाएगी और आप जैसे सफ़ेद पोश आसानी से कह देंगे कि आपको फर्जी बदनाम किया जा रहा है आप तो चरित्रवान है .............इतनी मगजमारी से तो अच्छा है ना कि अपनी बेटी को पैदा होते ही किसी के हाथ सौप दो .......ज्यादा ज्यादा कम उम्र में माँ बनने के कारण मर ही तो जाएगी पर उस पर चरित्र हनन का आरोप तो नहीं लागेगा ...........अब तो आप कहेंगे बाल विवाह बाल बाल बचो विवाह ................वरना यहाँ के लोग तो बाल तक नोच लेंगे ...................क्यों कि खाल ही नहीं बाल की खाल निकलने की कला भी इनको आती है तो फिर बाल को विवाह से क्यों न मिला दे कम से कम कोई सड़क चलता थप्पड़ तो नहीं मारेगा.........और मार दिया तो चोर चोर मौसेरे भाई ......कई चोर मिल कर एक शाह को ही बदनाम कर डालेंगे आखिर राम के समय में भी एक विवाहिता को उसके पति ने इस लिए पीटा क्योकि वो रात भर बाहर रही ..............अहिल्या को तो पत्थर तक बनाना पड़ा.....................पर जिस इंद्र ने सब कुछ किया उसे इस देश में क्या सजा मिली ...इस देश में सीता को ही अग्नि परीक्षा देनी है ........मर्यादा तो पुरुष लेकर पैदा होता है ऐसे में एक छोटी सी लड़की को अगर कई लोग दबाब दाल कर किसी सही को फ़साने के उपयोग करे तो कौन आश्चर्य है और लड़की इसमें दरी कि कही उसके घर को ना पता वहल जाये और वो हर गलत काम करने को राजी .........................अब ऐसे में लड़की का साथ देने वाला कलंकित ही होगा और दुनिया उसको अन्गुलिमाली ( एक किसान जिसे एक लड़की की रक्षा करने के कारण इज्जत लूटने वालो के द्वारा इतना बदनाम कर दिया गया कि वो डाकू बन गया ) बना  डालेगी .....ऐसे में लड़की को कलंकित होने से बचाने के लिए भला बाल विवाह से बढ़िया कोई विकल्प आपने लड़की के लिए छोड़ा है | क्या आप की बेटी बाहर जाती है ???????????? ९( व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )

Sunday, 8 September 2013

काश हम साक्षर होते !!!!!!!!!!!!!!!!!

क्या आप साक्षर है पढ़े लिखे ??????

काश मेरा भी सौभाग्य होता ................और वो व्रत रखती जिसको इस देश में अपनी गरिमा , पवित्रता , अस्मिता को लुटने का डर रहता है ..............पर हरी की तालिका में शायद इतना बड़ा सौभाग्य कहा उसका ?????????????????जो अपने पति का सौभाग्य को सवारती है वो इस देश में हमेशा सुबह  से शाम तक सौभाग्य  का अर्थ तलाशती है ................आप के दिमाग में बस एक ही शब्द आ रहा होगा लड़की , औरत ................जी जी उसका नाम साक्षरता है और वो इतनी कमसिन है कि पूरी दुनिया आज विश्व साक्षरता दिवस मना रहा है ................साक्षरता से याद आया ..........पढ़े लिखे ज्यादा जाहिल होते है कम पढो ज्यादा अच्छा ..................आपको विश्वास नहीं आ रहा तो आइये लखनऊ के किसी डिग्री कालेज जीवन के २० या २२ साल इसी पढाई को देकर उनको नौकरी मिल रही है ६००० या ७००० रुपये प्रति माह की और साक्षर मजदुर को मिल रहा है कम से कम ८००० और मिस्त्री को १५००० प्रति माह ..............मानते है कि नहीं  साक्षर होना इस देश में ज्यादा बड़ा है न कि पढ़ा लिखा होना ...........तो मानिए साक्षरता दिवस .......वो देखिये माल में काम करने वाले एक स्नातक को !!!!!!!!!!!!!!! बेचारा कितना थका है ........कोई मजाक तो है नहीं इतना पढने के बाद इतनी बढ़िया नौकरी पाया है अब आप ये ना बताइए कि वो वही काम कर रहा है जो बचपन में दरवाजे पर अमरुद लेन वाला किया करता था !!!!!!!!!!!!!!! अमरुद वाला कितना कम पाता था २०० यानि बमुश्किल ६००० प्रति माह और स्नातक के बाद जनाब पुरे ५००० पाते है और समय कितना देते है ये तो पूछिये ही मत यही कोई १४ या १५ घंटे ..आखिर पढ़े लिखे है कोई साखर तो है नहीं अमरुद वाले कि तरह जो ४ से ५ घंटे दिन में गली गली चिल्ला चिल्ला कर अमरुद बेच और घर जाकर सो गया !!!!!!!!!!!!!!!!! क्या अभी भी आपको लगता है कि पढ़ा लिखा व्यक्ति इस देश में ज्यादा ठीक है या साक्षर ???????????????/लीजिये मिल लीजिये माननीय सुलन देवी से , कल्लू जाधव से , अन्गुन्था टेक है केवल अपने हस्ताक्षर कर लेते है और संसद में बैठ कर देश चलते है और आप ने एड़ी घिस घिस कर सचिव का पद पाया .............आरे ये क्या आप सचिव होकर कल्लू जी को पानी पिला रहे है .......चलिए आपको पता तो है इस देश में साक्षर का क्या महत्व है ..................अगर आपको कुछ भी पढना लिखना नहीं आता तो क्या हुआ .......................संविधान में आपको ६ महिना मंत्री प्रधान मंत्री बनने तक से कोई रोक नहीं सकता ???????????????क्या आप एम् ए है ऐसा करिए आप चपरासी के लिए अप्लाई कर दीजिये किसी तरह घुस जाइये ......................पढ़ लिख कर आप नेता तो बनने से रहे आप को तो नौकरी करनी है आखिर घर चलाना है ..................और भी कैसे दुनिया जानेगी कि आप के देश में अंधेर नगरी चौत राजा की कहावत सही है ...................क्या आप इस देश में साक्षर बन कर ही नहीं रहना चाहते ????????????? फिर तो कजरी तीज का व्रत रखिये आखिर आपके व्रत से कोई पत्नी की उम्र बढ़ जाएगी वो भी खुशहाल  हो जाएगी ????????????? पर ऐसे कैसे हो सकता है आप तो पढ़े लिखे है और औरत के लिए व्रत रख कर कोई आप पाने कोई पढ़े लिखे जाहिल तो कहलाने  से रहे और कम से कम आप तो जानते है कि आप साक्षर नहीं है पढ़े लिखे है .....पत्नी इस काम के लिए बनी है वो रखे व्रत उसको पति को परमेश्वर का दर्जा देना है वरना आप कितने बड़े राक्षस !!!!!!!!!!!!!! है क्षमा करे किसको नहीं पता आप तोजिंदा औरत को जला देते है ..........बलात्कार खुला करते है ..................पढ़े लिखे होने का फिर मतलब ही क्या और कोई आप साक्षर तो है नहीं जो इस काम में उनसे पीछे रह जाये ( रिपोर्ट के अनुसार बलात्कार में कम पढ़े लिखे लोग ज्यादा दरिंदगी दिखाते है ).........................अब तो आप मान गए न कि आज हरी  की तालिका में विश्व साक्षरता दिवस क्यों  था ?????????????? क्या अब भी आप पढ़े लिखे कहलाना चाहते है ????????????? हा तो मैं क्या कह रहा था काश कोई मेरी भी सौभाग्य की कामना करता ..खुशहाली के लिए व्रत रखता ...................काश मैं भी साक्षर होता ..........पढ़े लिखे तो जाहिल !!!!!!!!!!!!!!( व्यंग्य समझ कर पढ़े )

Saturday, 7 September 2013

शादी वो भी जल्दी !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

जल्दी शादी के नुकसान ...................

आज मैं जेनेटिक्स पढ़ा रहा था और उसमे भी जुड़वाँ या यमज के बारे में .............शोध के अनुसार जैसे जैसे उम्र बढती जाती है जुड़वाँ बच्चो के होने की संभावना बढती जाती है और ३५ साल के बाद शादी होने पर यह प्रतिशत और बढ़ जाता है | सामान्यतया ८६ पैदा होने वाले बच्चो में १ जुड़वाँ होता है | अब आप सोच रहे होंगे कि मैं आपको क्यों बता रहा हूँ ??????????????? आरे साहब क्या अब भी आप नहीं समझ पाए कि देश की जनसँख्या क्यों नहीं रुक रही है ?????????????? एक एक करके पैदा करने से अच्छा कि एक साथ सब पैदा कर डालो और ३५ साल तक नौकरी करो या ढूंढ़ओ उसके बाद शादी करके एक ही बार में हम दो हमारे दो कि संकल्पना पूरी .........अब तो आप समझ गए होंगे ना कि सरकार क्यों महिला सशक्तिकरण चला रही है | बच्चे भी एक साथ दो दो और नौकरी भी ...वह क्या बात है क्या आप जल्दी शादी करने तो नहीं जा रहे ?????????????????

Monday, 2 September 2013

कूड़े से प्रेम करना आपको ही आता है


आप कूड़ा से ही प्रेम कीजिये .......
आज कुछ नहीं लिखना है क्योकि लिखने के लिए कुछ है ही नहीं वैसे जब से कूड़े से उर्जा पैदा करने की तकनिकी आई है तब से सोशल नेट वर्किंग साईट पर न जाने कितनी रौशनी पैदा हो रही है पर या तो वो किसी के फोटो पर फेकी जा रही है या किसी के शरीर के अंगो पर या फिर और दोस्तों क्या चल रहा है जबकि साफ़ दिखाई दे रहा है कि रूपया इस देश में कूड़ा हुआ जा रहा है और आज उससे उर्जा पैदा करने की जरूरत है पर रूपया तो किसी का भी मार कर जीवन चलाया जा सकता है इस लिए रुपये पर हम सब क्या बात करे रही बात कुछ अच्छा करने की तो रुपये का गिरना क्या हुआ इस देश कुछ तो बढ़ा और वो बढ़ी गरीबी और गरीब पर इस तरह भूखे नंगो से क्या देश को कोई फायेदा नहीं होने जा रहा ???????????? होने जा रहा है आखिर भूखे है तो खाना क्या नहीं खायेंगे ....और इस कूड़े के ढेर से आप ने फ़ूड सिक्यूरिटी बिल जो पैदा कर लिया और यही नहीं इस उर्जा से आप क्या समझते है कुछ अच्छा ही नहीं होगा ????????/// होगा आखिर इन भूखी हड्डियों को ये कैसे भूल सकता है कि जब इनके रोये रोये में आग लगी थी तो आपने इनको २ रुपये में आनाज दिया था अब रूपया चाहे जितना गिरे आपको तो भगवन की तरह हर जगह एक ही रेट पर अनाज मिलेगा ना ????????????? इन्हें इस से भी नहीं मतलब कि रुपये के गिरने से क्या क्या गिर रहा है क्योकि ना तो इनको विदेश जाना है और न इनके बच्चो को कान्वेंट में पढना है और इनको इससे बी नहीं मतलब कि संसद के लोग रुपये के गिरने के बाद भी अपने शान में कोई कमी नहीं आने दे रहे है !!! अब तो आप मान गए ना कि देश में कूड़े से उर्जा असली में कौन पैदा कर रहा है ??????? आप अपने को कूड़ा समझ रहे है तो समझिये मैं कैसे कह सकता हूँ पर सरकार को पता है कि रुपये के कूड़ा होते मूल्य से कूड़ा सी होती जिन्दगी से कितनी उर्जा पैदा करके अगले पांच साल उर्जा पैदा करके माल पुए उडाये जा सकते है !!!!!!!!!!!!! क्या आप के घर बिजली नहीं है तो सरकार क्या करे आप गोबर से बिजली पैदा करिए ना आखिर आप भी तो कूड़े का कुछ उपयोग सीख लीजिये क्या आप दिल्ली में ५४५ कूड़ा घरो से ही इस देश को प्रकाशित करेंगे तो करिए ना किसने रोक आखिर डाकू से चोर से बदमाश से इस देश को हमेशा आशा रही है और इसी लिए तो हम चोर बदमाश डाकू से परहेज़ नहीं करते और इन कूदो से इस देश को रौशनी देना चाहते है क्या अब भी आपको कूड़ा बनने से कोई परहेज़ है ??????????????????????? ( व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये )