Thursday 19 September 2013

बन्दर जैसे राजा

कही बन्दर तो ???????????????

गुरु विद्द्वान होता है पर हर गुरु अपने अर्जित ज्ञान का सही उपयोग कर पाए ये जरुरी नहीं है क्योकि बहुत तो ये दिखाने में कि हम किसी से कम नहीं है अक्सर बंदर ( बुरा मत मानियेगा मैं मानव शास्त्र का थोडा सा जानकार हूँ और उसके अनुसार हमारे पूर्वज बंदर से ही अलग होकर मानव बने )जैसी हरकत करने लगते है और  अगर  बंदर ही जंगल ( यानि जहा सब कुछ अराजकता में डूबा हो ) का राजा बना जाये तो ????????? ओह हो मुझे एक ऐसी ही कहानी याद आ रही है ...........क्या हुआ एक बार जंगल में सभी जानवरों ने सोचा कि क्यों न इस बार जंगल का राजा शेर( कुर्सी पर हमेशा योग्य व्यक्ति ही बैठे जरुरी तो नहीं कई बार भालू जाधव जैसे मूर्ख भी कही के मुखिया बन जाते है ) के बजाये कोई और बने  और देखते ही देखते बंदर को राजा बना दिया गया | एक दिन शेर ने बकरी के बच्चे को पकड़ लिया | बकरी दौड़ी दौड़ी बन्दर के पास आई महराज कि जय हो ( मूर्ख हमेशा अपनी जय जय कर सुनना पसंद करते है ).......महराज जल्दी चलिए मेरे बच्चे को शेर ने पकड़ लिया है .पर बन्दर चुप चाप बैठा रहा ......फिर बकरी ने कहा तो न्याय के बजाये वो मूर्ख की तरह बैठा रहा .......पर जब बकरी ने तिबारा कहा तो बन्दर पेड़ पर चढ़ गया और एक डाल से दूसरे डाल पर कूदने लगा | बन्दर को ऐसा करते देख बकरी बोली महराज वहा मेरे बच्चे को शेर मारे डाल रहा है और आप है कि एक डाल से दूसरी डाल पर ही कूद रहे है ...बकरी की बात सुन कर मूर्ख बन्दर ( ऐसे कई लोग है जो बिना किसी ज्ञान के मंच पर खड़े होकर बताने लगेंगे मैं जब वहा था तो ऐसा करता था ) कहने लगेगा अच्छा ये बताओ जो मुझे आता है क्या उसमे तुमको कोई कमी दिखाई दी ...........और बकरी का बच्चा मर गया .यानि देख सुन कर गुरु बनाइए कही ऐसा न हो आपके हाथ बन्दर आ जाये जो बस कूदता ज्यादा  रहे और किसी भी साम्राज्य को बर्बाद कर डाले ( अब आप क्यों लंगूर की तरह........... मुंह  किये डाल रहे है क्या आप अपने  को ???????????) क्या आपको कोई सच्चा गुरु मिला या फिर ??????९ व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये

No comments:

Post a Comment