लंका की लंकिनी किसको ???????????
आप तो ऐसा उछलने लगे मानो आप लंका का मतब सबको बता ही डालेंगे पर मैं तो सिर्फ लंका का मतलब लंका ही समझ रहा हूँ आप की मर्जी आखिर स्वतंत्र देश में रहते है ऊपर से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है तो समझिये लंका का मतलब और समझिए लंका का मतलब .................मैं तो सिर्फ इतना कह रहा हूँ की लंका की लंकिनी वही बनी होगी जो रावन ???? की नज़र में खुबसूरत रही होगी ( वैसे तो आप भी जानते है कि राक्षसी जैसी शक्ल वाली कैसी लगती होगी ) लेकिन कोई बात नहीं रावन जिसको चाहे जो बनाये वो लंका का राजा है विभीषण को लात मार दे ( भले ही बाद में खुद लतियाया जाये क्या ये बताऊ कि कितनी दुर्गति रावन के नस्सेब में रही होगी ) बस रावन ने लाकिनी को लंका की रक्षा का चार्ज दे दिया बस उचकने लगी फांदने लगी मानो कोहिनूर हीरा मिल गया हो .............राक्षसी है तो अक्ल तो होने से रही वैसे बे सर पैर की बात करने में जाता भी क्या है ????? लंकिनी को न जाने किस बात का घमंड था कि हनुमान जी( हनुमान मतलब शक्ति और आपने हनुमान को देखा तो है नहीं लेकिन युवा लड़का लड़की तो देखा है !!!!!!!!!!!! अब समझ गए न शक्ति का मतलब ) जब लंका के दरवाजे पर पहुचे तो लगी समझाने मैं तुमको बर्बाद कर सकती हूँ ..राम ( क्या राम भी नहीं देखा कोई बात नहीं किसी आदर्श पर चलने वाले आदमी को कभी तो देखा होगा .नहीं देखा तो चलो रावन को सुकून मिला होगा ) के चक्कर में रहोगे तो बर्बाद हो जाओगे मैं चाह लू तो तुम एक बेहतर जीवन देख भी नहीं सकते ?????????? रावन के द्वारा फर्जी वकत दिए जाने के कारन अपनी औकात भूल चुकी लंकिनी ने सोचा ही नहीं कि हनुमान क्या कर सकते है बस ..................जो दै दना दन दै दना दन ...............बेचारी जान ही नहीं पाई कि रावन के चक्कर में कितने पा गयी ................हनुमान ने कहा कि जाओ अपने रावन से कह दो हम प्रभु राम के सेवक है जो उखाड़ सके उखाड़ ले ....और तुम क्या मेरा जीवन बर्बाद करोगी जब खुद सच को जान कर भी बकवास किये जा रही हो ..........तुमहरा अंत निश्चित है और फिर लंकिनी को पड़ा ...............ये ये और ले और ले ......लेकिन आप क्या सोच कर मुस्करा रहे है क्या आपने भी कही लंका और लंकिनी देखा है ............. तो क्या उनका हश्र भी बताना पड़ेगा ??????????????????????
आप तो ऐसा उछलने लगे मानो आप लंका का मतब सबको बता ही डालेंगे पर मैं तो सिर्फ लंका का मतलब लंका ही समझ रहा हूँ आप की मर्जी आखिर स्वतंत्र देश में रहते है ऊपर से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है तो समझिये लंका का मतलब और समझिए लंका का मतलब .................मैं तो सिर्फ इतना कह रहा हूँ की लंका की लंकिनी वही बनी होगी जो रावन ???? की नज़र में खुबसूरत रही होगी ( वैसे तो आप भी जानते है कि राक्षसी जैसी शक्ल वाली कैसी लगती होगी ) लेकिन कोई बात नहीं रावन जिसको चाहे जो बनाये वो लंका का राजा है विभीषण को लात मार दे ( भले ही बाद में खुद लतियाया जाये क्या ये बताऊ कि कितनी दुर्गति रावन के नस्सेब में रही होगी ) बस रावन ने लाकिनी को लंका की रक्षा का चार्ज दे दिया बस उचकने लगी फांदने लगी मानो कोहिनूर हीरा मिल गया हो .............राक्षसी है तो अक्ल तो होने से रही वैसे बे सर पैर की बात करने में जाता भी क्या है ????? लंकिनी को न जाने किस बात का घमंड था कि हनुमान जी( हनुमान मतलब शक्ति और आपने हनुमान को देखा तो है नहीं लेकिन युवा लड़का लड़की तो देखा है !!!!!!!!!!!! अब समझ गए न शक्ति का मतलब ) जब लंका के दरवाजे पर पहुचे तो लगी समझाने मैं तुमको बर्बाद कर सकती हूँ ..राम ( क्या राम भी नहीं देखा कोई बात नहीं किसी आदर्श पर चलने वाले आदमी को कभी तो देखा होगा .नहीं देखा तो चलो रावन को सुकून मिला होगा ) के चक्कर में रहोगे तो बर्बाद हो जाओगे मैं चाह लू तो तुम एक बेहतर जीवन देख भी नहीं सकते ?????????? रावन के द्वारा फर्जी वकत दिए जाने के कारन अपनी औकात भूल चुकी लंकिनी ने सोचा ही नहीं कि हनुमान क्या कर सकते है बस ..................जो दै दना दन दै दना दन ...............बेचारी जान ही नहीं पाई कि रावन के चक्कर में कितने पा गयी ................हनुमान ने कहा कि जाओ अपने रावन से कह दो हम प्रभु राम के सेवक है जो उखाड़ सके उखाड़ ले ....और तुम क्या मेरा जीवन बर्बाद करोगी जब खुद सच को जान कर भी बकवास किये जा रही हो ..........तुमहरा अंत निश्चित है और फिर लंकिनी को पड़ा ...............ये ये और ले और ले ......लेकिन आप क्या सोच कर मुस्करा रहे है क्या आपने भी कही लंका और लंकिनी देखा है ............. तो क्या उनका हश्र भी बताना पड़ेगा ??????????????????????
सुन्दर जनाब !!
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