Monday, 30 September 2013

संभलियेगा !!!!!!!!!!! गोश्त है

कही आप गोश्त  तो नहीं खाते  ?????????
अमा मियां आप तो ऐसे बात करते है जैसे पूरे देश का ठेका आपने ही ले रखा है .............जी मैंने ऐसा कब कहा .मैंने तो कल बस ये कहा कि बाजारीकरण के दौर में जो चीज़ ज्यादा हो जाती है ...उसका दाम ( मान , सम्मान , गरिमा ) घट जाता है ......अब आप देखिये ना इस देश में ही ??????? सबसे ज्यादा माँ और बहन बनायीं जाती है .......................और फिर उनका क्या होता है क्या ये भी ??????????????? देश को माँ कहा तो उसका क्या ?????? किया ..गंगा को माँ कहा तो उसको मैला ?????? किसको नहीं पता कि खटोला पद्धति में क्या होता था अपनी जान बचे .बहन जाये भाड़ में !!!!!!!!!!!!!!!!! खैर छोडिये इन गड़े मुर्दों को हम तो उस देश के वासी है जहा आज में लोग जेते है कल किसकी इज्जत लुटी और किसने अपनी माँ को ??????????? आप बुरा ना माने ( वैसे आप बुरा मानते कहा है ....आप तो बुराई को जन्म देते है ) तो एक बात कहूँ !!!!!!!!!!!!!! पूरी जिन्दगी आप एक लड़की को इज्जत का पाठ  पढ़ा कर बड़ा करते है ..और जब उसके साथ कुछ होता है तो कहते मेरी इज्जत लुट गयी ( पता नहीं ये जादू कैसे होता है ) कोई लड़की अपने मन पसंद लड़के के साथ शादी कर ले ................तो बेचारा लड़का मारा जाता है और आप कहेंगे लड़की भाग गयी ( चलिए कही तो लड़की लड़के से तेज दौड़ लेती है ).लड़की को आप तम्चा मार देते है जब सजा होने कि बारी आती है तो आप उसके पिता बन जाते है ( वैसे कहते फिरते हैकि छात्र छात्राओ से दुरी बना कर रखनी चाहिए ...........ऐसे मगर मच्छ कहा मिलेंगे )...आप तो दूध के धुले है ...............ना ना मैं कहा ढूध का धुला हूँ मैंने तो सिर्फ ढूध पिया भर है ( क्या आप कभी ढूध में नहाये भी है ......हा हा क्यों नहीं जब सब लड़की आंचल में ढूध और आँखों में पानी लिए आपको दिखाई देती है तो नहाये तो होंगे ही ) .......खैर लड़की की इज्जत से ज्यादा आप अपनी चिंता करिए क्योकि लड़की को  मारना , जलाना , बलात्कार करना , शोषण करना यही तो डॉ ..... फेना का काम है .......क्या पता इनके घर पर लड़की रहती है या इनकी  इज्जत पर इतना तो है ..........इज्जत लड़की की लुटती है और शर्म से ये घर से नहीं निकलते है ...और निकले भी कैसे आखिर कोई बाहर की लड़की को तमाचा थोड़ी ना मारा गया है ..............आज तो इनकी लड़की ...............आखिर लड़की तो अपने घर की ही होती है ना .........बाकी तो सिर्फ हांड मांस !!!!!!!!!!!! माफ़ी माफ़ी माफ़ी ....हांड मांस कह दिया और आपके मुह से पानी आने लगा .क्योकि आपको तो गोश्त खाने की बुरी आदत भी है ..............( इसको सिर्फ व्यंग्य समझ कर पढ़ा जाये .सब काल्पनिक है )

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