Sunday 8 September 2013

काश हम साक्षर होते !!!!!!!!!!!!!!!!!

क्या आप साक्षर है पढ़े लिखे ??????

काश मेरा भी सौभाग्य होता ................और वो व्रत रखती जिसको इस देश में अपनी गरिमा , पवित्रता , अस्मिता को लुटने का डर रहता है ..............पर हरी की तालिका में शायद इतना बड़ा सौभाग्य कहा उसका ?????????????????जो अपने पति का सौभाग्य को सवारती है वो इस देश में हमेशा सुबह  से शाम तक सौभाग्य  का अर्थ तलाशती है ................आप के दिमाग में बस एक ही शब्द आ रहा होगा लड़की , औरत ................जी जी उसका नाम साक्षरता है और वो इतनी कमसिन है कि पूरी दुनिया आज विश्व साक्षरता दिवस मना रहा है ................साक्षरता से याद आया ..........पढ़े लिखे ज्यादा जाहिल होते है कम पढो ज्यादा अच्छा ..................आपको विश्वास नहीं आ रहा तो आइये लखनऊ के किसी डिग्री कालेज जीवन के २० या २२ साल इसी पढाई को देकर उनको नौकरी मिल रही है ६००० या ७००० रुपये प्रति माह की और साक्षर मजदुर को मिल रहा है कम से कम ८००० और मिस्त्री को १५००० प्रति माह ..............मानते है कि नहीं  साक्षर होना इस देश में ज्यादा बड़ा है न कि पढ़ा लिखा होना ...........तो मानिए साक्षरता दिवस .......वो देखिये माल में काम करने वाले एक स्नातक को !!!!!!!!!!!!!!! बेचारा कितना थका है ........कोई मजाक तो है नहीं इतना पढने के बाद इतनी बढ़िया नौकरी पाया है अब आप ये ना बताइए कि वो वही काम कर रहा है जो बचपन में दरवाजे पर अमरुद लेन वाला किया करता था !!!!!!!!!!!!!!! अमरुद वाला कितना कम पाता था २०० यानि बमुश्किल ६००० प्रति माह और स्नातक के बाद जनाब पुरे ५००० पाते है और समय कितना देते है ये तो पूछिये ही मत यही कोई १४ या १५ घंटे ..आखिर पढ़े लिखे है कोई साखर तो है नहीं अमरुद वाले कि तरह जो ४ से ५ घंटे दिन में गली गली चिल्ला चिल्ला कर अमरुद बेच और घर जाकर सो गया !!!!!!!!!!!!!!!!! क्या अभी भी आपको लगता है कि पढ़ा लिखा व्यक्ति इस देश में ज्यादा ठीक है या साक्षर ???????????????/लीजिये मिल लीजिये माननीय सुलन देवी से , कल्लू जाधव से , अन्गुन्था टेक है केवल अपने हस्ताक्षर कर लेते है और संसद में बैठ कर देश चलते है और आप ने एड़ी घिस घिस कर सचिव का पद पाया .............आरे ये क्या आप सचिव होकर कल्लू जी को पानी पिला रहे है .......चलिए आपको पता तो है इस देश में साक्षर का क्या महत्व है ..................अगर आपको कुछ भी पढना लिखना नहीं आता तो क्या हुआ .......................संविधान में आपको ६ महिना मंत्री प्रधान मंत्री बनने तक से कोई रोक नहीं सकता ???????????????क्या आप एम् ए है ऐसा करिए आप चपरासी के लिए अप्लाई कर दीजिये किसी तरह घुस जाइये ......................पढ़ लिख कर आप नेता तो बनने से रहे आप को तो नौकरी करनी है आखिर घर चलाना है ..................और भी कैसे दुनिया जानेगी कि आप के देश में अंधेर नगरी चौत राजा की कहावत सही है ...................क्या आप इस देश में साक्षर बन कर ही नहीं रहना चाहते ????????????? फिर तो कजरी तीज का व्रत रखिये आखिर आपके व्रत से कोई पत्नी की उम्र बढ़ जाएगी वो भी खुशहाल  हो जाएगी ????????????? पर ऐसे कैसे हो सकता है आप तो पढ़े लिखे है और औरत के लिए व्रत रख कर कोई आप पाने कोई पढ़े लिखे जाहिल तो कहलाने  से रहे और कम से कम आप तो जानते है कि आप साक्षर नहीं है पढ़े लिखे है .....पत्नी इस काम के लिए बनी है वो रखे व्रत उसको पति को परमेश्वर का दर्जा देना है वरना आप कितने बड़े राक्षस !!!!!!!!!!!!!! है क्षमा करे किसको नहीं पता आप तोजिंदा औरत को जला देते है ..........बलात्कार खुला करते है ..................पढ़े लिखे होने का फिर मतलब ही क्या और कोई आप साक्षर तो है नहीं जो इस काम में उनसे पीछे रह जाये ( रिपोर्ट के अनुसार बलात्कार में कम पढ़े लिखे लोग ज्यादा दरिंदगी दिखाते है ).........................अब तो आप मान गए न कि आज हरी  की तालिका में विश्व साक्षरता दिवस क्यों  था ?????????????? क्या अब भी आप पढ़े लिखे कहलाना चाहते है ????????????? हा तो मैं क्या कह रहा था काश कोई मेरी भी सौभाग्य की कामना करता ..खुशहाली के लिए व्रत रखता ...................काश मैं भी साक्षर होता ..........पढ़े लिखे तो जाहिल !!!!!!!!!!!!!!( व्यंग्य समझ कर पढ़े )

1 comment:

  1. हां सच कहा आपने आलोक जी । तीर एकदम निशाने पे लगा है , हम साक्षर हो रहे हैं शिक्षित नहीं । इस शिक्षा में संस्कारों की बलि दे दी गई है

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