Wednesday, 4 December 2013

क्यों पढ़े ????????///नेता ना बने !!!!!!!!!!!!!!!!

बेरोजगारी का इलाज़ नेतागिरी !!!!!!!
आप मानिये चाहे न मानिये जितना समय आप रोजगार समाचार या फुटपाथ पर बिक रहे रोजगार के फॉर्म को भरने में लगते है .............और जितने साल तैयारी में लगते है उतने समय में तो कोई रग्घू .........देश का नेता बन जाता है ................जितनी तनख्वाह आप नौकरी में कमाते है उतनी तो वो किसी नेता के साथ जुड़ कर रोज अपनी जेब में भर लेता है ..........जब आप एक ट्रैफिक पुलिस वाले के सामने मिमयाते रहते है तो उतनी समय में वह ट्रैफिक पुलिस वाले से अपने लिए सलाम ठोकवाता है .....नौकरी पाये भी तो २० -या ३० साल के लिए उसके बाद मिल गए मिटटी में ..............और रग्घू अमर हो जाता है बिना पढ़े लिखे ..उसकी मूर्ति लगती है ...........किताबो में नाम छाप जाता है ..........तो नाम और जीवन किसका सार्थक !!!!!!!!!!!!!!!!!!! अब समझ गए ना कि नेता इस देश में हर कोई क्यों बन रहा है ..................तो आप भी जुट जाइये ..वो देखिये एक नेता जी कार से उतर रहे है आप अपना हाथ जमीन पर रख दीजिये ...........फिर देखिये आपके सितारे कितनी बुलंदियों तक जाते है ......आपको अपने बाबा दादा का नाम नहीं पता पर नेता जी के खानदान का पूरा पता होगा !!!!!!!!!!!!!!!!!! तो हैं न नुस्खा बढ़िया ..................पढ़ाई से बेहतर  है सब लोग बस नेता नेता खेलिए ................क्या मेरे इस सुझाव से आपको उलटी आ रही है ??????????? माफ़ कीजियेगा मैं तो भूल ही गया था अंग्रेजो की गुलामी के बाद आपको अपने रास्ते बनाने की आदत ही नहीं रही ........आप तो सिर्फ किसी तरह जीवन काटने आये है !!!!!!!!!!!!!!! आये हैं ना !!!!!!!!!!!!!!!

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