वर्ष + आ = वर्षा
अब आप मानिये या ना मानिये पर सच यही है कि पूरा साल पुल्लिंग और स्त्रीलिंग के बीच उलझा रहा और मजेदार बात यह कि स्त्रीलिंग ने ना जाने कितनो को दिखा दिया कि नर पर दो दो मात्रा भरी है नारी | अब आप कहेंगे कि आज के दिन आप ये क्या बेसुरी बात ले बैठे ? अरे आप कहेंगे क्यों नहीं आखिर आप पुरुष जो ठहरे ! कुछ भी मान लेंगे तो नाक कट जायेगी ! पर आप यह तो मानते है कि वर्ष यानि पुल्लिंग और वर्ष को भी पुल्लिंग बन कर बड़ा नाज़ कि पूरी दुनिया उसके आने और जाने के दिन पागल हो उठती है पर लीजिये झेलिये अपनी हेकड़ी का फल वर्ष पुरुष तो महिला यानि स्त्रीलिंग कौन पीछे है जी जी वर्षा वर्षा ( स्त्रीलिंग ) अंतिम दिन पूरा दिन ऐसा बना दिया कि बस सब समझ गए कि स्त्री के आगे किसी की नहीं चली है | जहा स्त्री ने पूरे साल पुरुषो को अपनी महत्ता समझा दी तो वर्षा ( स्त्रीलिंग ) ने भी वर्ष( पुल्लिंग ) को उसकी हैसियत बता दी और सब वर्षा के आगे पुरे देश में हताश दिखे , ठण्ड में सिकुड़े और कोहरे में डूबे तो मानते है ना कि जाते जाते वर्ष +आ = वर्षा में बदल आया यानि पुल्लिंग स्त्रीलिंग में वह क्या विज्ञानं का चमत्कार है कि प्रकृति भी अपना लिंग बदलना मानव के साथ सीख गयी ......तो कहिये वर्ष नहीं वर्षा कि शुभकामनाये ( व्यंग्य समझ कर पढ़िए )
अब आप मानिये या ना मानिये पर सच यही है कि पूरा साल पुल्लिंग और स्त्रीलिंग के बीच उलझा रहा और मजेदार बात यह कि स्त्रीलिंग ने ना जाने कितनो को दिखा दिया कि नर पर दो दो मात्रा भरी है नारी | अब आप कहेंगे कि आज के दिन आप ये क्या बेसुरी बात ले बैठे ? अरे आप कहेंगे क्यों नहीं आखिर आप पुरुष जो ठहरे ! कुछ भी मान लेंगे तो नाक कट जायेगी ! पर आप यह तो मानते है कि वर्ष यानि पुल्लिंग और वर्ष को भी पुल्लिंग बन कर बड़ा नाज़ कि पूरी दुनिया उसके आने और जाने के दिन पागल हो उठती है पर लीजिये झेलिये अपनी हेकड़ी का फल वर्ष पुरुष तो महिला यानि स्त्रीलिंग कौन पीछे है जी जी वर्षा वर्षा ( स्त्रीलिंग ) अंतिम दिन पूरा दिन ऐसा बना दिया कि बस सब समझ गए कि स्त्री के आगे किसी की नहीं चली है | जहा स्त्री ने पूरे साल पुरुषो को अपनी महत्ता समझा दी तो वर्षा ( स्त्रीलिंग ) ने भी वर्ष( पुल्लिंग ) को उसकी हैसियत बता दी और सब वर्षा के आगे पुरे देश में हताश दिखे , ठण्ड में सिकुड़े और कोहरे में डूबे तो मानते है ना कि जाते जाते वर्ष +आ = वर्षा में बदल आया यानि पुल्लिंग स्त्रीलिंग में वह क्या विज्ञानं का चमत्कार है कि प्रकृति भी अपना लिंग बदलना मानव के साथ सीख गयी ......तो कहिये वर्ष नहीं वर्षा कि शुभकामनाये ( व्यंग्य समझ कर पढ़िए )
हो जग का कल्याण, पूर्ण हो जन-गण आसा |
ReplyDeleteहों हर्षित तन-प्राण, वर्ष हो अच्छा-खासा ||
शुभकामनायें आदरणीय