Monday, 15 September 2014

कुशल मानव क्यों हम नहीं है

कब हम स्किल्ड ( कुशल ) बनेंगे ??
आज मैं करीब १२.२० के आस पास राम सागर मिश्रा पोस्ट ऑफिस जिसे अब इंदिरा नगर पोस्ट ऑफिस कहतेहै , गया कुछ पत्र पोस्ट करने गया था जब से अपनी माँ को लगातार पत्र लिखने के कारण मेरा नाम विश्व रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है तब से पोस्ट ऑफिस वाले भी मुझे थोड़ा अलग तरह से देखते है , खैर एक लड़का करीब २० साल का स्पीड पोस्ट वाले बाबू जी से बहस कर रहा था और वो कह रहे थे पूछ ताछ पर जाओ पर वह भी भीड़ होने के करें लड़का वही अपनी समस्या का समाधान चाहता था | मुझे देख कर बाबू जी बोले देखो तुम इन डॉक्टर साहब से अपनी बात समझ लो | मुझे आश्चर्य हुआ कि लड़का ये नहीं जानता था कि लिफाफा किस काउंटर पर मिलता है खैर जब वो ये जान गया तो उसको ये नहीं मालूम कि स्पीड  पोस्ट क्या होता है और रजिस्ट्री क्या होती है पर उसका कहना था कि घर से उससे कहा गया हैकि रजिस्ट्री करके आना मैंने कहा पहले तो स्पीड पोस्ट सस्ता होता है , इसके पहुचने में जल्दी ध्यान दिया जाता है और तुम चाहो तो आज के बाद रोज नेट पर बैठ कर स्पीड पोस्ट की वेब साइट पर जाकर अपने पत्र को ट्रैक कर सकते हो यानि जान सकते हो कि अब वो कहा है इसके लिए तुमको रसीद पर पड़ा नंबर डालना होगा | इतना बताने के बाद भी वो ये नहीं जानता था कि लिफाफे पर किसका किसका नाम जाता है मैंने पूछा पढ़ते हो तो बताया लखनऊ के एक कॉलेज से एम कॉम कर रहा है | मैंने देखा कि कई लोग मेरी बात सुन रहे थे और लिफाफे को सही कर रहे थे जैसे लिफाफे पर स्पीड लिखने या पिन नंबर डालने के लिए कोई ध्यान ही नहीं रहता है | अचनक मेरे पीछे कड़ी एक लड़की ने मेरे लम्बे बल देख कर खा क्या आप सोशल वर्कर है या एक्टिविस्ट मैं उसके प्रश्न  पर शांत रहा और फिर बोला एक शिक्षक ज्यादा हूँ शायद | और जब कॉलेज बताया तो मत पूछिये कहिर उस लड़के ने पैर छूटे हुए कहा कि क्या मैं ऐसे गुरु का नंबर ले सकता हूँ ?? मैंने अशोक को नंबर दिया और कहा कि गुरु कीसी कॉलेज या क्लास से बंधा नहीं होता वो सिर्फ गुरु होता है ? मैं चल दिया पर सोचता रहा कि नरेंद्र मोदी शायद इसी शिक्षा के विरोधी है जिसमे लोग एम ए, एम कम तो हो जाते है पर व्यवाहरिक बिलकुल नहीं होते उनको कोई जानकारी नहीं होती , शायद हम सभी को मोबाइल , कार , टी वी कि तकनीक भी पता होनी चाहिए मुझे लगा कि मोदी देश को सही अर्थो में स्वालम्बी बनाना चाहते है लेकिन क्या आपको पता है सबसे पहला स्किल्ड मैन कौन था चलिए मैन बताता हूँ होमो हैबिलिस ( स्किल्ड मैन ) आज से २३ लाख साल पहले जिसने उपकरण को बनाना सीख कर जीवन को गति दो थी तो क्या हम उससे पीछे रह गए ??????/सोचिये और एक नए कल का सूत्रपात्र कीजिये ( अखिल भारतीय अधिकार संगठन )एक सच जो व्यंग्य जैसा लगता है

2 comments:

  1. बढ़िया लेखन , धन्यवाद !
    Information and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
    आपकी इस रचना का लिंक दिनांकः 18 . 9 . 2014 दिन गुरुवार को I.A.S.I.H पोस्ट्स न्यूज़ पर दिया गया है , कृपया पधारें धन्यवाद !

    ReplyDelete
  2. Bahut hi badhiyaan prabhaawi lekhna.... Badhaayi aapko...!!

    ReplyDelete