Sunday 25 January 2015

भारत का गणतंत्र दिवस और दो छक्के

भारत ने मारा दो छक्का ..............
कभी तो देश के लिए भी सोच लिया करो माना कि क्रिकेट मैच भी चल रहा है और आप उससे बड़ा कुछ नहीं मानते पर आज आप के देश ने दो छक्के मारे है ...वह क्या बात है आप तो जल्दी समझ गए कि मैं देश के ६६ वे  गणतंत्र दिवस की बात कर रहा हूँ  अब आप कहेंगे कि मुझे छक्कों का कुछ ज्यादा तजुर्बा है| आप शायद जानते नही कि मैं जनता हूँ कि छक्के ( जिनके प्रजनन अंगो के ज्ञान न होने पर आम तौर पर उनको हिंजडा कहते है वैसे तो देश में प्राकृतिक रूप से एक लाख बीस हज़ार शिखंडी है ) हमेशा भारत के निर्माण में सहायक रहे है | वो छक्का ही था जिससे सामने खड़ा करके अर्जुन ने भीष्म  पितामह को मारा था | और वो मालिक गफूर भी छक्का ही था जो अलाउद्दीन ख़िलजी का सेना पति था और उसने अपनी सारी लाड़ियां जीती | अब सोचिये कि जब देश दो छक्कों के साथ आगे बढ़ रहा हो तो निश्चित रूप से वो जीतेंगे ही | ( व्यंग्य समझ कर इस सच को स्वीकार कीजिये ) डॉ आलोक चांटिया , अखिल भारतीय अधिकार संगठन 

No comments:

Post a Comment