Saturday, 24 January 2015

देश की औरत हमारी बहन नहीं

हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई .....आपस में सब भाई भाई
मुस्लिम का सबसे पहला आक्रमण ७१२ ईसवीं में हुआ | १४६९ ईसवीं में गऊ नानक का जन्म हुआ और १६०० में ईस्ट इंडिया कंपनी आई मतलब ये स्पष्ट है कि ये नारा १६०० के बाद आया होगा वैसे अगर किसी को पता हो बता दीजियेगा | वैसे जब भाई भाई नहीं समझा तभी ये नारा आया होगा खैर आप अगर मान लेंगे तो लगेगा कैसे की किसी सही बात को आप सुन लेते है | अच्छा आप ये तो मान लेंगे ना कि इस नारे में यही कहा गया ना कि हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई आपस में सब भाई भाई !!!!!!!!!!!!!!!!!! यानि किसी धर्म की महिला आपस में बहन नहीं हो सकती और कहे भी कैसे आखिर सब भाई और सब बहन तो बेचारे वैलेंटाइन डे का क्या होगा ???और कहा भी गया है कि औरत की कोई जाति नहीं होती | मानते है की नहीं सारे देश के पुरुष भाई बन कर औरत को बस जैविक प्राणी समझे और जो मौका पाये ???????????? क्या मैंने कुछ गलत कह दिया ???क्या इस देश में महिला की इज्जत केलिए आप कुछ भी कर सकते है तो क्या ये नारा झूठा है !!!! अरे अब मान भी लीजिये इस देश में औरत सब की बहन नहीं हो सकती !!खैर आप कहेंगे सब भं हो जाएँगी तो भला आप जान ही नहीं पाएंगे कि दूल्हा शब्द क्या होता है और वो औरत है कौन जो दूल्हा शब्द को सार्थक करेगी वो आपको पता नहीं , इस लिए भला औरत को बहन कैसे कह दे ???? और जब बहन कह नहीं सकते तो क्या निर्भया और क्या सुनंदा पुष्कर !!! वैसे आप बताएगा जरूर कि क्यों  हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई .....आपस में सब बहन भाई........... क्यों नहीं ??? जी जी बता ही डालिये कि इस देश की औरते , महिलाये क्या है सब धर्म जाति के लिए ??????? सिर्फ मादा कह दूंगा तो आप मेरी मानसिकता को कह कर क्या साडी देश की महिला को आज से बहन समझने लगेंगे ????????( व्यंग्य समझ कर पढ़िए )
डॉ आलोक चांटिया , अखिल भारतीय अधिकार संगठन

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