Monday 8 May 2023

क्यों बने परसराम या महाराणा प्रताप

 क्यों बने परसुराम या महाराणा प्रताप ( व्यंग्य )

आज एक पंडित का जन्मदिन है जिसने क्षत्रियो को तहस नहस किया और एक क्षत्रिय का जन्मदिन है जिसने अपने मूल्यों के लिए अकबर के सामने सर झुकाने से अच्छा जगल में रहकर अपने मान को सुरक्षित रखना ज्यादा उचित समझा पर मैं जनता हूँ कि आप पंडित परसुराम क्यों बने उन्होंने कर्ण को इस लिए श्राप दिया क्योकि कर्ण ने बताया ही नहीं कि वो क्षत्रिय है और बस परसुराम ने इसी लिए उनको श्राप दे डाला कि जब उनको दी गयी विद्या की सबसे ज्यादा जरूरत होगी वो उसको भूल जायेंगे पर आज गुरु को इतनी महत् करने की क्या जरूरत जब वो कुछ पढ़ाता लिखाता ही नहीं तो एग्जाम में वैसे ही स्टूडेंट सब कुछ भुला बैठा रहता है वो तो भला हो नक़ल की आधुनिक तकनीक का जो परसुराम को बौना कर देते है तो भला आप आज परसुराम को क्यों आदर्श माने | आप के लिए जिन जरुरी है रोटी जरुरी है रोज रोज का खर्च और बच्चों की पढ़ाई के लिए ऐसा जरुरी है और क्या मिला महाराणा प्रताप को ये सब छोड़ कर जो आज आप ये सब छोड़ दे | उन्होंने ने अपने मातृभूमि के लिए सब सूख त्याग दिए पर ऐसी मातृभूमि का क्या लेकर करेंगे जो आपके सुख को ही छीन ले | काश महाराणा प्रताप ने अकबर से समझता कर लिया होता तो मजे करते जैसे मान सिंह , जसवंत सिंह आदि ने किया और आज भी ना जाने कितने ड्यूटी और पद की लालच में अपराधी के आगे घुटने तक दे रहे है पर इससे क्या हुआ कम से कम उनको सब मिल तो रहा है | क्या मिला प्रताप को बस आज जब वो नहीं है तो एक सार्वजनिक   अवकाश  ऐसी छुट्टी किस काम जब आपको जंगल में भूखो मरना पड़ा हो और देखिये आज ही छुट्टी में आपने अपने कितने छूटे काम निपटा लिए !!!!!!!!!!!!!!! प्रताप को समझना चाहिए था कि ताकत वॉर से नहीं लड़ना चाहिए क्योकि सच के रस्ते पर चल कर मिलता क्या है नौकरी चली जाती है वेतन नहीं मिलता है और जो ऐसा नहीं करते वो प्रिंसिपल बन जाये है मुख्य  कुलानुशासक बन जाते है , संस्कृति संयजक बन जाते है और हराम का पैसा अलग से अब शासक लड़की से छेड़ छड़ करता है उनके ऊपर व्यंग्य करता है तो क्या है आखिर लड़की बनी है इसी लिए तो आप क्यों बोले और जो बोलते है उनका क्या हाल होता है आपको पूरी तरह पता है और इसी लिए तो आप जैसे महाराणा प्रताप को क्यों माने आदर्श !!!!!!!आप सही कह रहे है आपके सच से ही तो पता चलता है आज का भारत ऐसा क्यों हो गया बस आप ऐसे ही सच बोलते रहिये कम से कम महाराणा प्रताप नहीं शक्ति  सिंह का तमगा तो आपको मिल जायेगा नाम से मतलब है ना राम का नाम हुआ तो क्या रावण का ना हुआ तो आप महाराणा क्यों बने जब शक्ति सिंह जैसा गद्दार बन कर देश समाज  बेच कर भी नाम हो सकता है | आप ऐसे ही सोचते रहिये तभी तो परसुराम जयन्ती और महाराणा प्रताप जयन्ती की सार्थकता होगी वैसे क्या अभी भी आप प्रताप और परसुराम को नमन करेंगे !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! डॉ आलोक चान्टिया 

अखिल भारतीय अधिकार संगठन

No comments:

Post a Comment