Thursday 25 May 2023

Diabetes And Life

 


 मधुमेह या शुगर के रोगी को क्या करना  चाहिए 

एक औसत महिला को बनाए रखने के लिए प्रति दिन 2000 कैलोरी खाने की जरूरत होती है, और प्रति सप्ताह एक पौंड वजन कम करने के लिए 1500 कैलोरी खाने की आवश्यकता होती है। एक औसत व्यक्ति को बनाए रखने के लिए 2500 कैलोरी की आवश्यकता होती है, और 2000 प्रति सप्ताह एक पौंड वजन कम करने के लिए। हालांकि, यह कई कारकों पर निर्भर करता है| आज भारत में ज्यादातर लोग शुगा र्य मधुमेह से पीड़ित है और हर किसी को यही लगता है कि अगर वो चीनी या उससे निर्मित पदार्थ खाना बंद कर दे तो उनको शुगर से निजत मिल जाएगी पर ये धारणा गलत है किया ऐसा कोई भी पदार्थ जिसमे कार्बोहाईड्रेट है  वह शरीर के अंदर पहुच कर ग्लूकोज में परवर्तित हो जाता है जो अंततः आपकी शुगर को ही बढ़ता है | रोटी से भी शुगर बढ़  सकती है | इस लिए शुगर के लिए ये जानना जरुरी है कि क्या करके हम अपने को स्वस्थ रख सकते है 

शुगर  दो तरह की होती है - एक कोई टाइप -१ कहते है इसमें व्यक्ति के इन्सुलिन बनता ही नही है 

टाइप-२ इस प्रकार के व्यक्ति के शरीर में इन्सुलिन बनता तो है पर शरीर उसका उपयोग नहीं कर पाता है 

अब प्रशन आता है कि इन्सुलिन बनता कहा है \ हमारे शरीर में पेड़ में एक ग्रंथि होती है जिसे पैनक्रियाज या अंग्यांशय कहते है जो इन्सुलिन पैदा करता है 

पैनक्रियाज शरीर में दो तरह के कार्य करता है 

एक्सो क्राइन  फंक्शन जिसमे पाचन की क्रिया होती है 

और इंडो क्राइन  फंक्शन जिसमे शरीर के अंदर ब्लड शुगर को नियमित करने का कार्य होता है 

एक्सोक्राइन फंक्शन -पैनक्रिया में एक्सोक्राइन ग्रंथियां होती हैं जो पाचन के लिए महत्वपूर्ण एंजाइम उत्पन्न करती हैं। इन एंजाइमों में प्रोटीन को पचाने के लिए ट्राप्सिन और चिमोट्रिप्सिन शामिल हैं; कार्बोहाइड्रेट के पाचन के लिए amylase; और वसा तोड़ने के लिए लिपेज। जब भोजन पेट में प्रवेश करता है, तो इन अग्नाशयी रस को नलिकाओं की एक प्रणाली में छोड़ दिया जाता है जो मुख्य अग्नाशयी नलिका में समाप्त होता है। अग्नाशयी नलिका सामान्य पित्त नलिका में शामिल होती है ताकि वेटर के एम्पुला बन सकें जो छोटी आंत के पहले हिस्से में स्थित है, जिसे डुओडेनम कहा जाता है। आम पित्त नली यकृत और पित्ताशय की थैली में निकलती है और पित्त नामक एक और महत्वपूर्ण पाचन रस पैदा करती है। डुबोनेम में छोड़े गए अग्नाशयी रस और पित्त, शरीर को वसा, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन को पचाने में मदद करते हैं।

इंडो क्राइन फंक्शन -पैनक्रिया के अंतःस्रावी घटक में आइलेट कोशिकाएं (लैंगरहंस के आइसलेट) होते हैं जो महत्वपूर्ण हार्मोन को सीधे रक्त प्रवाह में बनाते हैं और छोड़ देते हैं। मुख्य अग्नाशयी हार्मोन में से दो इंसुलिन होते हैं, जो रक्त शर्करा को कम करने के लिए कार्य करता है, और ग्लूकागन, जो रक्त शर्करा को बढ़ाने के लिए कार्य करता है। मस्तिष्क, यकृत और गुर्दे सहित प्रमुख अंगों के कामकाज के लिए उचित रक्त शर्करा का स्तर बनाए रखना महत्वपूर्ण है

जैसा कि मैंने पहले ही लिखा है कि महिमा को यदि अपने शरीर को स्थिर रखना है तो रोज २००० कैलोरी  आवश्यक है और पुरुष के लिए २५०० कैलोरी आवश्यक है यदि आप अपना कैलोरी इन्टेक रोज  २००० या २५०० के बजाये १५०० या २००० रखते है तो प्रति सप्ताह व्यक्ति अपना ४०० ग्राम वजन घटा सकता है 

शुगर के रोगी या सामान्य व्यक्ति को ये समझना होगा कि ये कैलोरी इंटेक ही सब कुछ है और इसको लेने का तात्पर्य पूरे दिन से है यानि जो व्यक्ति २००० कैलोरी ले रहा है वो स्वयं ये बांट सकता है कि दिन में ४ बार ५०० -५०० कैलोरी लेनी है या ५ बार में ४००-४०० कैलोरी लेनी है 

आप बड़ी आसानी से अपना कैलोरी चार्ट भी बना सकते है जैसे चार रोटी कुल १०० ग्राम में २६३ कैलोरी उर्जा मिलती है और एक कटोरी चावल में १०३ कैलोरी उर्जा मिलती है , सादी दाल में १३० कैलोरी उर्जा और फ्री दाल में १७० कैलोरी उर्जा मिलती है एक रसगुल्ला १८६ कैलोरी , एक कप दूध १२२ कैलोरी और एक कटोरी दही में 250 कैलोरी होता है और ऐसे आप स्वयं अपना चार्ट बना कर देख सकते है कि आपको कब कितना और क्या खाना है 

यदि आपको एकसमय में ५०० कैलोरी लेना है तो एक कप दही और चार रोटी काफी है पर अगर ४०० कैलोरी लेना है तो एक कप दही और तीन रोटी खा सकते है | शुगा रके मामले में आप अपने स्वयं के डॉक्टर बन सकते है और स्वस्थ भी रह सकते है 

अब सबसे बड़ी बात इन्सुलिन कब लेना पड़ता सामान्य स्थिति में शुगर की रेंज दो तरह से देखी जाती है 

एक जब आप रात में सोते है और सुबह उठने के बाद बिना कुछ कहए पिये जांच की जाती है जिसे फास्टिंग की जाती है सामान्य स्थिति में इसकी रेंज ६०-११० mg/dl  है लेकिन अगर १२५ के आस पास आत अहै तो शुगा र्की स्थिति हो सकती है लेकिन यदि १२६ से ज्यादा आता है ३ से ज्यादा बार टेस्ट में तो व्यक्ति शुगर का रोगी है 

इस स्थिति की जांच करने के बाद ऐसे व्यक्ति को खाना खाने की सहलाह दी जाती है और जब वो खाना भर पेट खा लेता है तो करीब ९० मिनट बाद उसके शुगा र्की जांच फिर की जाती है इस जांच को PP YA POSTPRANDIAL TEST कहते है यदि रेंज १४० से कम है तब तो ठीक है और यदि इससे ज्यादा ३ बार आये तो आप मान लीजिये कि आप शुगर के रोगी है 

आप इस टेस तको पैथोलोजी में करा सकते है या फिर आज कल ग्लूकोमीटर आ गए है आप स्वयं अपने घर पर इस टेस्ट को कर सकते है 

यदि आप अपना वजन पौंड में नाप रहे है ( एक पौंड = ४०० ग्राम ) तो जितना वजन हो उसको ४ से भाग दे दीजिये तो उत्तर आएगा उतनी यूनिट इन्सुलिन आपको एक दिन में लेनी है जैसे अगर आपका वजन १६० पौंड है तो ४ से भाग देने पर उत्तर आएगा  ४० यूनिट यानि अगर तो बार खाना खाया  तो २०-२० यूनिट होगा और अगर तीन बार खाते है तो १३ -१३ यूनिट लगाना चाहिए यही प्रकिर्या टाइप -२ के लिए भी है पर इन्सुलिन लेने से पहले व्यक्ति को किसी प्रशिक्षित डॉक्टर से भी सलाह लेनी चाहिए क्योकि इन्सुलिन काफी बाद की स्थिति है उससे पहले खाने वाली कई सार्थक दवाए उपलब्ध है जिनसे शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है |

अखिल भारतीय अधिकार संगठन हल पल इस प्रयास में है कि राष्ट्र में लोगो के स्वस्थ जीवन के अधिका रको कैसे जागरूक बना कर सुनिश्चित किया जाए उसी कडी में  ये लेख लिखा गया है आशा है आपके लिए उपयोगी साबित होगा डॉ आलोक चान्टिया, अखिल भारतीय अधिकार संगठन

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