Monday 28 January 2013

बच्चे भगवन होते है .....भगवन को बलात्कार की सजा नहीं होती

बच्चे तो भगवान की मूरत होते है !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! जी जी बिलकुल सही समझ रहे है आप ....................और आप ठहरे मनुष्य ..आपकी क्या मजाल जो आप भगवान को सजा दे ............अगर भगवान को सजा दी तो कलयुग की इन्तहा हो जाएगी .......प्रलय हो जाएगी .....................पहले भगवान को मनुष्य तो बन जाने दीजिये ..................नहीं समझे ना और समझेंगे भी कैसे आखिर हम भारतीय पहले ईस्ट इंडिया कम्पनी खुलवाते  है और फिर गुलाम बन कर स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ते है .....आखिर हम दुनिया में अनोखे जो ठहरे ................हा तो मैं क्या कह रहा था कि हमारी क्या औकात जो भगवान को मौत कि सजा दे दे .......................भगवान को मनुष्य बन्ने के लिए इस देश में शर्त है कि वह १८ साल का हो जाये और उसके बाद ही वह मनुष्य बन पायेगा और आप उसको फांसी दे सकते है .................वह क्या समझा आपने ???????????????? आखिर इस देश में बलात्कार करने वाला सिर्फ १७ साल ६ महीने और १२ दिन का है और अभी वह बच्चा ही तो है .....................और बच्चा भगवान कि मूरत होता है ...................१८ साल पर वह आदमी बनने के बाद अगर बलात्कार करता तो फांसी सोची जा सकती थी .................आरे देश के जितने भी भगवान अभी शेष हो साडी द्रौपदियो का चीर हरण कर डालो .....ऐसा देश कहा मिलेगा ..............कि बस में बुला कर बलात्कार करो और फिर बच्चा बन कर ???????????????? ओह हो गलती हो गयी आप तो अभी भगवान है ना !!!!!!!!!!!!!!!!कोई सजा नहीं ज्यादा से ज्यादा सुधार गृह वह भी सिर्फ ३ साल के लिए .....जल्दी  कीजिये स्टॉक सिमित है इस देश में पहले आओ पहले पाओ और सजा या खतरा जीरो .....................कितने पागल है इस देश के लोग ( शायद मनुष्य का मतलब नहीं समझते ) जो १६ दिसम्बर से चिल्ला रहे है ...फांसी दो फांसी .......आरे यह देश मूल्यों का है ..न्याय का है ..................केवल चिल्लाने से एक बच्चे को फांसी यानि भगवान को ?????????????????? आइये आइये देखिये भगवान बन कर आप किस बस में किस माँ बहन के देश में अपना आनंद भगवान बन कर ढूंढ़ सकते है ...................इस देश का कानून आप जैसे भगवानो के लिए ही तो है .................अफ़सोस मैं भवन क्यों नहीं बन पाया ................क्या आप भी भगवान बन कर रहना चाहते थे इस देश में ?????????????????????? आइये आइये ................भवन बन कर पूरा मजा लीजिये .ऐसा देस और मौका बार बार नहीं मिलता ...............कई जन्मो के सत्कर्म के बाद ऐसे स्वर्गिक देश में जन्म होता है .......................भगवान आ रहे है ......सावधान ....इस देश में देवता इसी लिए निवास करते है क्यों कि यहं नारी की पूजा  ?????????होती है .................................क्या आपको नहीं लगता

7 comments:

  1. दिल्ली के जघन्य रेप कांड के सबसे बड़े शैतान को कल अदालत ने नाबालिग़ क़रार दे दिया है।
    मनुष्य की बुद्धि अपूर्ण है और ईश्वर की पूर्ण। ईश्वर ने मनुष्य बनाया है तो उसके लिए विधि-विधान भी बनाय है। मनुष्य ने उसके विधि-विधान को नकार दिया और अपने लिए अपनी बुद्धि से कुछ जुगाड़ किया। इसीलिए उसने प्राकृतिक रूप से गर्भाधान में सक्षम बालिग़ व्यक्ति को भी बालक ही बताया। यह ग़लत है। इस बात को ग़लत केवल इसलाम कहता है और कुछ लोगों को इसलाम के नाम से ही चिढ़ है। इसलाम कहता है कि जो लड़का गर्भाधान में प्राकृतिक रूप से सक्षम है, वह बालिग़ है।
    आज दुनिया भी यही मानना चाहती है। इसलाम जन मन की स्वाभाविक इच्छा है। इसे दबाया जाएगा तो दुनिया में कभी न्याय नहीं हो पाएगा।

    इसलाम का नाम लेकर किसी बादशाह ने आपको इतिहास में कभी कुचल डाला है तो उस बादशाह का विरोध कीजिए। न कि नफ़रत और प्रतिशोध में अंधे होकर आजीवन उसके धर्म का भी विरोध करते रहें ,चाहे वह आपकी समस्याओं का वास्तविक हल ही क्यों न हो !

    कृप्या विचार कीजिए, इसी में आपके लोक परलोक की भलाई है।
    http://commentsgarden.blogspot.com/2013/01/blog-post_28.html

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    1. अनवर जमाल जी भारत का कानून किसी भी धर्म कि मान्यताओं पर नहीं चल सकता !!

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    2. ...धर्म के वास्तविक स्वरूप को न जानने वाले ही ऐसा कह सकते हैं और इसीलिए दामिनी की यह दुर्दशा हुई है। उसकी बर्बादी में अपना हिस्सा भी समझ लीजिएगा।
      धर्म के बिना नर नारी की मर्यादा और प्राण सुरक्षित नहीं रह सकते।

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  2. बालिग़ जब तक हो नहीं, चन्दा-तारे तोड़ ।
    मनचाहा कर कृत्य कुल, बाहें रोज मरोड़ ।

    बाहें रोज मरोड़, मार काजी को जूता ।
    अब बाहर भी मूत, मोहल्ले-घर में मूता ।

    चढ़े वासना ज्वार, फटाफट हो जा फारिग ।
    फिर चाहे तो मार, अभी तो तू नाबालिग ।।

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  3. Very nice and crucial post. We must think over it again and again and come out of all the illogical perceptions and beliefs. The comment of Dr. Anwer Jamal is very nice and reasonable. We must change our mindset and accept the laws and guidelines laid down by our creator. That is the best for all.

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  4. दिल्ली बलात्कार कांड के आरोपी को नाबालिग करार देना निसंदेह ही अफसोसजनक है और भारतीय कानून कि कमजोरी को उजागर करता है !

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